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Updated: 15 अप्रिल, 2019 07:16 PM
नवेद शिकोह
नवेद शिकोह
  @naved.shikoh
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उत्तर प्रदेश में भाजपा विरोधी गठबंधन में परिवारों का गठबंधन भी झलक रहा है. भले ही लाख कोशिशों के बावजूद सपा-बसपा और कांगेस के बीच, पूरी तरह से गठबंधन नहीं हो सका पर सियासी परिवारों के बीच एक दूसरे के लिए सीटें छोड़ने का गठबंधन खूब फलफूल रहा है. सपा-बसपा गठबंधन के साथ जब कांग्रेस शामिल नहीं हो पायी तो ये तय हो गया था कि गांधी परिवार के प्रत्याशियों के खिलाफ गठबंधन, उम्मीदवार नहीं उतारेगा तो गठबंधन की पार्टियों के प्रमुख नेताओं के लिए भी कांग्रेस सीटें छोड़ देगी.

गांधी परिवार से बड़ा कुंबा समाजवादी पार्टी के यादव परिवार का है. जिस परिवार के मुख्य नेताओं के लिए कांग्रेस ने प्रत्याशी नहीं उतारे. इसी तरह बसपा प्रमुख मायावती के लिए भी सीट छोड़ने के लिए कांग्रेस तैयार थी, किन्तु मायावती ने चुनाव ना लड़ने का फैसला कर लिया. गठबंधन के तीसरे घटक राष्ट्रीय लोकदल के चौधरी परिवार के लिए भी कांग्रेस ने सीटें छोड़ दी हैं.

महागठबंधन, उत्तर प्रदेश, लोकसभा चुनाव, सपा-बसपा, भाजपा     भाजपा को सत्ता से हटाने ने लिए यूपी में महागठबंधन ने अपनी कमर कस ली है

रालोद अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह और उनके पुत्र जयंत चौधरी क्रमशः मुजफ्फरनगर और बागपत से चुनाव लड़ रहे हैं. सपा-बसपा और रालोद गठबंधन के इन पिता-पुत्र प्रत्याशियों के लिए भी कांग्रेस ने सीटें छोड़ी हैं.इसी सिलसिले में यूपी के गठबंधन को परिवारबंधन के एक नये रंग से रंगने की एक और मिसाल सामने आ सकती है.

लखनऊ की लोकसभा सीट पर गठबंधन लखनऊ लोकसभा सीट से शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा को चुनाव में उतार सकती है. हो सकता है कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा पार्टी हाईकमान को इस बात के लिए मना लें कि लखनऊ लोकसभा सीट से गठबंधन प्रत्याशी उनकी पत्नी के लिए कांग्रेस सीट छोड़ दे. लखनऊ लोकसभा सीट के लिए नामांकन के लिए सिर्फ तीन दिन बचे हैं किंतु सपा-बसपा गठबंधन और कांग्रेस ने अपने-अपने प्रत्याशी नहीं उतारे.

महागठबंधन, उत्तर प्रदेश, लोकसभा चुनाव, सपा-बसपा, भाजपा     कहा ये भी गया कि गांधी परिवार के प्रत्याशियों के खिलाफ गठबंधन उम्मीदवार नहीं उतारेगा

बताया जाता है कि गठबंधन और कांग्रेस के कुछ इन्ही उधेड़बुन में अभी तक कोई उम्मीदवार फाइनल नहीं हो पाया. लखनऊ की लोकसभा सीट ऐतिहासिक कही जाती है. इस सीट को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की विरासत कहा जाता है. इसे भाजपा का गढ़ कहते हैं. ढाई दशक से ज्यादा अर्से से भाजपा यहां से जीतती रही है. अटल जी लखनऊ ऐतिहासिक जीत दर्ज कराते रहे. उनके अस्वस्थ होने पर यूपी भाजपा के वरिष्ठ भाजपा नेता और वर्तमान में बिहार के राज्यपाल लाल जी टंडन लखनऊ लोकसभा सीट से चुनाव जीते.

इसके बाद दो बार से भाजपा के वरिष्ठ नेता और वर्तमान में गृह मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ से चुनाव लड़ रहे हैं. इस सीट से भाजपा को टक्कर देना किसी भी पार्टी के लिए आसान नहीं है. ऐसे में राजनाथ को टक्कर देने वाले तमाम संभावित नामों की चर्चा चलती रही. पहले ये चर्चा थी कि कांग्रेस जितिन प्रसाद या आचार्य प्रमोद कृष्णम जैसे किसी मजबूत प्रत्याशी को यहां से चुनाव लड़वा सकती है.

महागठबंधन, उत्तर प्रदेश, लोकसभा चुनाव, सपा-बसपा, भाजपामाना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी पूनम सिन्हा के नाम पर फाइनल मोहर लगा सकती है

और गठबंधन कांग्रेस के समर्थन में अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगा. लेकिन ये चर्चाएं ठंडी पड़ गयीं और अब इस बात के संकेत नजर आ रहे हैं कि गठबंधन के सपा कोटे वाली लखनऊ लोकसभा सीट से सपा शत्रुघ्न सिंहा की पत्नी पूनम सिन्हा को वर्तमान सांसद राजनाथ सिंह के खिलाफ चुनाव लड़वायेगी.

भाजपा से बागी होकर कांग्रेस का हाथ थामने वाले शत्रुघ्न सिन्हा के समर्थन में यदि कांग्रेस ने सीट छोड़ दी तो इस भाजपा समर्थकों के इस ताने को और भी बल मिल जायेगा कि यूपी में भाजपा विरोधी सियासी गठबंधन कम परिवारों का गठबंधन ज्यादा है.

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नवेद शिकोह नवेद शिकोह @naved.shikoh

लेखक पत्रकार हैं

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