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Updated: 10 फरवरी, 2020 08:29 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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कांग्रेस के हिसाब से चोर शब्द के दो मतलब होते हैं. ये चोर तब बुरा होता है जब कांग्रेस के विरोध में हो, लेकिन तब चहेता हो जाता है जब उसके साथ हो. कुछ ऐसा ही हुआ है मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में अनिल अंबानी के केस में. जिस अनिल अंबानी (Anil Ambani) को गाली दे देकर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और कांग्रेस (Congress) ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की सत्ता को साधा, अब उसी अनिल अंबानी को मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Government) तमाम रियायतें दे रही है. लोकसभा चुनाव के दौरान भी राहुल गांधी जगह-जगह रैली करते हुए ये कहने से नहीं चूकते थे कि चौकीदार चोर है. यानी वह पीएम मोदी को चोर कहते थे. उनका आरोप था कि पीएम मोदी (Narendra Modi) ने गलत तरीके से अनिल अंबानी की कंपनी को राफेल डील (Rafale Deal) दे दी, जबकि अनिल अंबानी के पास ऐसा कोई अनुभव नहीं है. उनका आरोप था कि मोदी सरकार ने इस डील में घोटाला किया है. लेकिन अब वही अंबानी कांग्रेस के लिए पूज्यनीय हो गए हैं. कम से कम एक अच्छे दोस्त तो हो ही गए हैं.

Congress and Anil Ambani relationराहुल गांधी जिस अनिल अंबानी को कुछ दिन पहले तक चोर कह रहे थे अब उसी पर कांग्रेस मेहरबान हुई जा रही है.

उधारी चुकाने के लिए रियायत समेत 65 एकड़ जमीन

जिसे लोकसभा चुनाव तक राहुल गांधी जेल भिजवाने का दम भरते नजर आते थे, अब उन्हें ही 65 एकड़ जमीन की सौगात दे दी है. बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार ने शिवपुरी में रिलायंस डिफेंस को ये 65 एकड़ जमीन दी है, जहां पर कारतूस बनाने का कारखाना खोला जाएगा. इसके अलावा अनिल अंबानी के सासन पावर प्रोजेक्ट पर मध्य प्रदेश सरकार का 450 करोड़ रुपए बकाया है, जिसकी वसूली एक साल के अंदर होनी थी, लेकिन अब मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने इसकी मियाद बढ़ाकर 4 साल कर दी है.

कंगाल के पास पैसा आएगा कहां से?

जब ब्रिटेन की कोर्ट ने अनिल अंबानी से 715 करोड़ रुपए जमा करने को कहा तो उन्होंने साफ कह दिया कि वह कंगाल हो चुके हैं और पैसे नहीं चुका सकते. अब सवाल ये उठता है कि एक कंगाल शख्स को 4 साल का समय क्यों दिया जा रहा है? जब उसके पास पैसे ही नहीं हैं तो वह कर्ज चुकाएगा कैसे? विजय माल्या को भी बैंकों ने लोन पर लोन दिए थे, लेकिन अब पछता रहे हैं. अब सरकार रियायतें बांट रही है, कहीं उसे भी पछताना ना पड़े. वैसे सरकार को अनिल अंबानी को रियायतें देने से पहले ये भी ध्यान रखना चाहिए कि रिलायंस इंफ्रा से अनिल अबांनी के खुद के बेटों ने भी इस्तीफा दे दिया है.

अब कांग्रेस की सफाई भी सुन लीजिए

अनिल अंबानी को छूट देने के फैसले पर कांग्रेस के मध्य प्रदेश जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है कि सरकार ने ऐसा इसलिए किया है, ताकि निवेश को आकर्षित किया जा सके. राज्य सरकार का तर्क है कि सासन पावर प्रोजेक्ट से मध्य प्रदेश को कुल 37 फीसदी बिजली मिलती है, जिसकी कीमत 2 रुपए प्रति यूनिट है. इस प्रोजेक्ट की वजह से हर साल 2700 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट से राज्य सरकार को 2800 करोड़ रुपए की बचत हो रही है, वरना 4 रुपए प्रति यूनिट बिजली खरीदनी पड़ती. 65 एकड़ जमीन की स्वीकृति देने पर उन्होंने कहा कि इससे कारखाना खुलेगा, जो रोजगार पैदा करेगा. इतना ही नहीं, निवेश प्रोत्साहन पॉलिसी 2015 के तहत भी 500 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश करने वाली कंपनी को 12 साल तक की छूट दी जा सकती है और सासन प्रोजेक्ट में दी गई राहत इस नियम के दायरे में है. अब मध्य प्रदेश सरकार की बातें सुनकर तो यूं लग रहा है कि अनिल अंबानी मसीहा हैं, ना कि चोर. तो फिर सवाल ये कि राहुल गांधी पूरे लोकसभा चुनाव और मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भी अनिल अंबानी को चोर क्यों कहते रहे? अनिल अंबानी ने खुद भी हर बार राहुल गांधी के आरोपों पर जवाब दिया था. बावजूद उसके आज मध्य प्रदेश सरकार अनिल अंबानी पर मेहरबान हुई पड़ी है.

कितना कर्ज है अनिल अंबानी पर?

अनिल अंबानी रिलायंस कम्युनिकेशन्स के चेयरमैन हैं और उनका रिलायंस ग्रुप पिछले कुछ समय से काफी कठिन दौर से गुजर रहा है. ग्रुप पर कर्ज का बहुत बड़ा बोझ है, जिसकी वजह से वह परेशानी में हैं. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर 2019 तक रिलायंस ग्रुप पर 13.2 अरब डॉलर यानी करीब 93 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है. बता दें कि अनिल अंबानी कभी दुनिया के छठे सबसे अमीर शख्स हुआ करते थे, लेकिन अब सितार गर्दिश में हैं और वह खुद ये कह रहे हैं कि कंगाल हो गए हैं.

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