CAA protest: 'आजादी मांगने वाले' ने पिस्तौल लहराई थी, 'देने वाले' ने गोली चला दी!
जामिया (Jamia) से राजघाट (Rajghat) जा रहे कैम्पस के छात्रों पर जिस तरह गोपाल (Rambhakt Gopal facebook profile) नाम के शख्स ने पुलिस (Delhi Police) की मौजूदगी में गोली (Firing) चलाई है और एक पीसफुल प्रोटेस्ट का पीस पीस कर दिया है. अब CAA protest और उसके खिलाफ हो रही प्रतिक्रिया पर बहस हो रही है.
-
Total Shares
30 जनवरी वो दिन जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की हत्या हुई. दिन महत्वपूर्ण था इसलिए बीते 46 दिनों से नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act), एनआरसी (NRC) और कैम्पस में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की बर्बरता के खिलाफ धरना दे रहे जामिया मिल्लिया इस्लामिया ( Jamia Millia Islamia) के छात्रों ने पैदल राजघाट जाने का प्लान बनाया. क्योंकि जल्द ही दिल्ली में विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Elections) होने हैं और कोई अप्रिय घटना न हो, इसलिए दिल्ली पुलिस भी मौके पर मौजूद थी. पुलिस ने पहले ही बैरीकेडिंग लगाकर पूरे परिसर को किले में तब्दील कर दिया था. ध्यान रहे कि अपने राजघाट (Rajghat) जाने को लेकर छात्रों का यही कहना था कि वो राजघाट जाकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना चाहते हैं. वहीं दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों को बस से छोड़ने की बात की थी जिसके लिए छात्र नहीं माने. फिलहाल मामले में पीसफुल प्रोटेस्ट की बात कहीं किनारे रह गई है और गोलीकांड चर्चा में है. सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि गोली चलाने वाले युवक ने नागरिकता कानून के समर्थन (CAA Support) में नारे लगाए, साथ ही कहा कि 'हम देके रहेंगे आज़ादी' (Ham Deke Rahenge Aazadi) 'दिल्ली पुलिस जिंदाबाद'. गोली चलने से एक युवक घायल हुआ है और माहौल तनावपूर्ण हो गया है. बता दें कि ऐसा ही कुछ मिलता जुलता मामला बीते दिनों हम शाहीनबाग (Shaheenbagh) में देख चुके थे. जहां मोहम्मद लुकमान ने अपनी बंदूक लहराकर माहौल बदल दिया था.
प्रदर्शन कर रहे जामिया के छात्रों पर गोली चलाता युवक
आपको बताते चलें कि, CAA और NRC के विरोध में छात्र जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से राजघाट तक यात्रा कर रहे थे. छात्र अपनी मंजिल की तरफ जा रहे थे कि तभी एक अज्ञात युवक मौके पर आया और उसने पुलिस की मौजूदगी में प्रदर्शनकारी छात्रों पर गोली चलाई. गोली शादाब फारुकी नाम के युवक को लगी है जिसे जामिया के मास कॉम डिपार्टमेंट का छात्र बताया जा रहा है. प्रदर्शनकारी छात्रों पर चलती गोली से सन्न दिल्ली पुलिस भी कुछ देर बाद हरकत में आई और उसने युवक को गिरफ्तार किया. युवक की पहचान गोपाल के रूप में हुई है.
#WATCH A man brandishes gun in Jamia area of Delhi, culprit has been detained by police. More details awaited. pic.twitter.com/rAeLl6iLd4
— ANI (@ANI) January 30, 2020
घटना का वीडियो इंटरनेट पर बहुत तेजी से वायरल हुआ है. वीडियो पर गौर करें तो मिल रहा है कि गोली चलाने वाला व्यक्ति हम देकर रहेंगे आजादी, भारत मां की जय, दिल्ली पुलिस जिंदाबाद औरवंदे मातरम का नारा लगा रहा है. इस पूरे मामले में दिल्ली पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में आई है. घटना के दौरान मौके पर मौजूद लोगों का तर्क है कि जिस समय ये हुआ. पुलिस तमाशबीन बनी देखती रही और जब सब कुछ हो गया तो वो युवक को पकड़ने के लिए आगे आई.
घटनास्थल पर मौजूद लोगों का कहना है कि आदमी ने खुलेआम हथियार लगाया लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया. प्रदर्शनकारियों की ओर शख्स आगे बढ़ रहा था. इस दौरान पुलिस महज चुप्पी साधे हुए देखते रही. घटना पर साउथ ईस्ट दिल्ली के डीसीपी चिन्मय बिस्वाल की भी प्रतिक्रिया आई है. डीसीपी बिस्वाल ने कहा है कि युवक खुले में पिस्टल लहराता दिख रहा है. हमारे पास जो वीडियो है, उसकी जांच हम कर रहे हैं. युवक से पूछताछ की जा रही है.
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून के समर्थकों का एक बहुत बड़ा वर्ग ऐसा है जो कानून के विरोधियों को गोली के नाम पर आज़ादी देने की बात कर रहा है.
Hum thok ke denge Azadi.... #IndiaSupportsCCA #IndiaSupportCCA pic.twitter.com/HUWUuHoHMo
— || सुनिल || (@Onlyam_sUnIl08) January 1, 2020
ध्यान रहे कि सोशल मीडिया खासकर टिक टॉक और ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म पर ऐसे तमाम वीडियो वायरल हुए हैं जिसमें CAA समर्थक विरोधियों को गोली से आज़ादी देने की बात कर रहे हैं.
SO PROUD OF OUR Mumbai BOYS ????????????Afzal ko de di AzadiKashmir me de di AzadiHum bant rahe hain AzadiJNU mei denge AzadiNaxalvaad se AzadiAatankvaad se AzadiSecularism se AzadiAao Le Lo Azadi ???????????????? pic.twitter.com/3JsUaHAYDg
— Rosy (@rose_k01) January 9, 2020
सवाल ये है कि वो चीजें जिन्हें हमने सोशल मीडिया पर देखा या जिन बातों को हमने किसी वीडियो में सुना. यदि वो धरातल पर लाई जा रही हैं तो ये एक लोकतांत्रिक देश के रूप में भारत के लिए कहीं से भी सही नहीं है. यदि हमने इसे हलके में लिया या फिर आज हम इसके प्रति गंभीर नहीं हुए तो कल स्थिति भयावह होगी. हमें इस बात को समझना होगा कि हमें हमारा संविधान इस बात की पूरी इजाजत देता है कि हम स्वेच्छा से किसी भी चीज का समर्थन और विरोध दोनों कर सकते हैं.
ये भी पढ़ें -
शरजील इमाम और अकबरुद्दीन ओवैसी भारतीय मुसलमान की आवाज़ नहीं हैं!
Shaheen Bagh Protest में Delhi election की दिशा मोड़ने का कितना दम?
Delhi elections: पढ़े-लिखों की पार्टी कही जा रही AAP में सबसे बड़ी गिरावट!
आपकी राय