ममता बनर्जी ने बनाया CBI के मारे नेताओं का महागठबंधन!
ममता बनर्जी के धरने के समर्थन में आ रहे नेताओं की खास बात ये है कि कहीं न कहीं सीबीआई ने उनकी भी नींद हराम की है. भ्रष्टाचार और अन्य मामलों में फंसे इन नेताओं का नजदीक आना नई राजनीतिक बहस का हिस्सा है.
-
Total Shares
शारदा चिट फंड घोटाले के सबूत दबाए बैठे कोलकाता पुलिस कमिश्नर के घर सीबीआई क्या पहुंची, बंगाल में बवाल हो गया. जब इस हंगामे में ममता बनर्जी खुद कूदीं तो ड्रामा नए स्तर पर पहुंच गया. कोलकाता में ममता धरने पर बैठीं. साथ में वो अफसर भी धरने पर बैठ गए, जिनपर आरोप था कि वे शारदा चिट फंड घोटाले के सबूत सीबीआई को नहीं सौंप रहे हैं. सीबीआई की कार्रवाई को मोदी सरकार का एजेंडा बताने वाली ममता बनर्जी ने संविधान को भी खतरे में बता डाला. फिर धीरे-धीरे राहुल गांधी, चंद्रबाबू नायडू, केजरीवाल, तेजस्वी यादव, अखिलेश यादव, कनिमोझी, समेत कई नेताओं ने अपना समर्थन दिया है. तेजस्वी और डीएमके नेता कनिमोझी तो ममता के धरने में भी शामिल हुए. अब इन सब नेताओं में कॉमन बात ये रही कि ये सभी किसी न किसी तरह सीबीआई केस में फंसे हुए हैं, या जांच के दायरे में हैं.
कोलकाता के सियासी ड्रामे और इस पर देशभर के नेताओं के समर्थन को लेकर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर कहते हैं, 'ये नेता Divided by region, United by corruption हैं' (ये नेता सिर्फ क्षेत्रीय आधार बंटे हुए हैं, जबकि भ्रष्टाचार के मामले में सब एक हैं). जावड़ेकर के बयान को बारीकी से देखें तो ममता का समर्थन करने वाले अधिकतर नेता सीबीआई केस में फंसे नजर आते हैं. उन पर भ्रष्टाचार सहित अन्य तरह के गंभीर आरोप हैं.
ममता का समर्थन करने वाले ज्यादातर लोग खुद सीबीआई के सताए हुए हैं
कनिमोझी: 2जी मामले में कनिमोझी को यूपीए के दौरान तिहाड़ भेजा गया था
ममता को समर्थन देने वाली डीएमके नेता कनिमोझी का भ्रष्टाचार से पुराना नाता है. कनिमोझी 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी के निशाने पर रही हैं. ध्यान रहे कि यूपीए सरकार के दौरान 2008 में दूरसंचार विभाग द्वारा 2जी स्पेक्ट्रम के लाइसेंस आवंटन में कथित तौर पर भ्रष्टाचार हुआ था. सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया था कि दूरसंचार कंपनियों को कौड़ियों को भाव 2जी लाइसेंस बांटे गए जिसके चलते सरकारी खजाने को 1.76 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ.
ममता का समर्थन करने वाली कनिमोझी पर खुद भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं
तेजस्वी यादव: IRCTC घोटाले में नाम
सीबीआई के रवैये पर ममता को समर्थन देने कोलकाता पहुंचे तेजस्वी भी कोई दूध के धुले नहीं हैं. तेजस्वी पर भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे. ज्ञात हो कि तेजस्वी का नाम IRCTC घोटाले में आया था. ईडी ने आईआरसीटीसी घोटाले में लालू प्रसाद यादव समेत 16 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. ईडी ने आरोप लगाया कि रेलमंत्री रहने के दौरान लालू यादव ने नियमों को ताक पर रखकर पुरी और रांची के दो आईआरसीटीसी के होटलों को पीसी गुप्ता की कंपनी को दे दिया था.
राहुल गांधी: नेशनल हेराल्ड केस में जमानत पर
2016 में ममता के दुश्मन रह चुके और 2019 के लोक सभा चुनावों से कुछ पहले ममता को समर्थन देने वाले राहुल गांधी भी भ्रष्टाचार के इस हमाम में नंगे नजर आ रहे हैं. राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी पर आरोप है कि गांधी परिवार हेराल्ड की संपत्तियों का अवैध ढंग से उपयोग कर रहा है जिसमें दिल्ली का हेराल्ड हाउस और अन्य संपत्तियां शामिल हैं. मामले का खुलासा भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने किया था. स्वामी इस मामले को लेकर 2012 में कोर्ट गए. 26 जून 2014 को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी के अलावा मोतीलाल वोरा, सुमन दूबे और सैम पित्रोदा को समन जारी कर पेश होने के आदेश जारी किए थे. ये केस फिलहाल दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में है और सोनिया व राहुल इसमें जमानत पर हैं.
अखिलेश यादव: ताजा-ताजा खनन घोटाला
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अखिलेश यादव ने भी समर्थन दिया है. बात सितम्बर 2018 की है. कैग ने अपनी रिपोर्ट पेश की थी. कैग ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया कि, अखिलेश सरकार में सरकारी धन की जमकर लूट हुई है. सरकारी योजनाओं के नाम पर फर्जीवाड़ा कर 97 हजार करोड़ रुपए के सरकारी धन की बंदरबांट हुई है. इसके अलावा अखिलेश पर खनन घोटाले के भी गंभीर आरोप हैं.
मायावती: ताज कॉरिडोर और आय से अधिक संपत्ति का मामला
2019 में यदि भाजपा हारती है तो मायावती को प्रधानमंत्री पद का एक बड़ा उम्मीदवार माना जा रहा है. बात चूंकि ममता बनर्जी को समर्थन देने वाले नेताओं के घोटालों और सीबीआई की भूमिका की हो रही है तो ऐसे में मायावती का नाम खुद ब खुद हमारे सामने आ जाता है. मायावती पर स्मारक घोटाले के आरोप हैं. 14 अरब के इस घोटाले में ईडी का आरोप है कि लखनऊ और नोएडा में मायावती ने पार्कों और स्मारकों के नाम पर करोड़ों के वारे न्यारे किये हैं.
अरविंद केजरीवाल:दिल्ली सरकार के अफसर को लेकर केजरीवाल के ऑफिस पर पड़ा था छापा
ममता बनर्जी की ही तरह अरविंद केजरीवाल पर भी अपने एक अफसर को सीबीआई जांच से बचाने का आराेप लगा था. दिल्ली सरकार के प्रिंसिपल सेक्रेटरी राजिंदर कुमार के खिलाफ सीबीआई जांच कर रही थी कि उन्होंने किस तरह अपने कुछ खास अधिकारियों की सॉफ्टवेयर कंपनियों को सरकारी ठेके दिलाने में मदद की. इस आरोप की जांच करते हुए सीबीआई को ज्ञात हुआ कि राजिंदर कुमार की कुछ फाइलें केजरीवाल के ऑफिस में मौजूद हैं, तो इस जांच एजेंसी ने उनके ऑफिसर पर छापा मारा. केजरीवाल ने इस कार्रवाई की भर्त्सना करते हुए प्रधानमंत्री मोदी को 'साइकोपैथ' (मनोरोगी) तक कह डाला था. उस मामले के बाद केजरीवाल के कई मंत्री सीबीआई जांच में फंसते रहे हैं.
सीबीआई से चोट खाए नेताओं की टीस
बहरहाल, जिस तरह एक के बाद एक ममता को अपने धरने के लिए दागी नेताओं का समर्थन मिल रहा है. कह सकते हैं कि ममता ने भी पूर्व में केंद्रीय जांच एजेंसी से चोट खाए नेताओं को मौका दे दिया है कि वो आएं और सीबीआई से अपने-अपने हिसाब से बदला लें. कनिमोझी ने ममता बनर्जी का समर्थन करते हुए ट्वीट किया था कि, 'कोई भी जो लोकतंत्र, संघवाद और संविधान की परवाह करता है, उसे ममता बनर्जी के साथ जरूर खड़ा होना चाहिए.'
Anyone who cares for Democracy, Federalism and Constitution must stand with Ms @MamataOfficial.
மாநில உரிமைகளை காக்க,அரசியலமைப்பு சட்டத்தை பாதுகாக்க மம்தா பானர்ஜி அவர்களின் போராட்டத்தை ஆதரிப்பது நம் கடமை. #SaveDemocracy pic.twitter.com/8uCXy8bpFv
— Kanimozhi (கனிமொழி) (@KanimozhiDMK) February 4, 2019
कोलकाता पहुंचने से पहले तेजस्वी ने भी ट्विटर पर सीबीआई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला था. तेजस्वी ने लिखा था कि बीते कुछ महीनो में CBI पर BJP दफ्तर के दवाब में लिए गए राजनीतिक निर्णयों के कारण राज्य सरकारों को ऐसा निर्णय लेना पड़ेगा. अगर अब भी CBI भाजपा के गठबंधन सहयोगी की तरह कार्यरत रही तो किसी दिन न्यायप्रिय आम अवाम अपने तरीक़े से इनका हिसाब ना कर दे. लोकतंत्र में जनता से बड़ा कोई नहीं.
बीते कुछ महीनो में CBI पर BJP दफ्तर के दवाब में लिए गए राजनीतिक निर्णयों के कारण राज्य सरकारों को ऐसा निर्णय लेना पड़ेगा।
अगर अब भी CBI भाजपा के गठबंधन सहयोगी की तरह कार्यरत रही तो किसी दिन न्यायप्रिय आम अवाम अपने तरीक़े से इनका हिसाब ना कर दे। लोकतंत्र में जनता से बड़ा कोई नहीं
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) February 3, 2019
इसके अलावा वर्तमान में सलाखों के पीछे रह रहे आरजेडी अध्यक्ष आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव ने भी ममता बनर्जी को समर्थन दिया. अपने ट्वीट में भी लालू भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए नजर आए , 'देश का आम आवाम बीजेपी और उसकी गठबंधन सहयोगी पक्षपाती CBI के ख़िलाफ़ है. हम ममता जी के साथ खड़े है. तानाशाही का नंगा नाच हो रहा है. लोकतंत्र पर सबसे बड़ा ख़तरा. संविधान और संवैधानिक संस्थाओं पर अभूतपूर्व संकट. चुनावी जीत के लिए देश को गृह युद्ध में झोंकने की कोशिश.'
देश का आम आवाम भाजपा और उसकी गठबंधन सहयोगी पक्षपाती CBI के ख़िलाफ़ है। हम @MamataOfficial जी के साथ खड़े है। तानाशाही का नंगा नाच हो रहा है। लोकतंत्र पर सबसे बड़ा ख़तरा। संविधान और संवैधानिक संस्थाओं पर अभूतपूर्व संकट। चुनावी जीत के लिए देश को गृह युद्ध में झोंकने की कोशिश.. https://t.co/S5tfqvKEoA
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) February 3, 2019
एक तरफ मोदी हैं, तो दूसरी तरफ ममता की छांव में इकट्ठा हो रहा है देशभर की पार्टियों का गठबंधन. कई पाटियों का अपने-अपने राज्यों में दबदबा है, तो कई बीजेपी के कारण संघर्ष कर रही हैं. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मोदी चाहते हैं कि 2014 की तरह एक बार फिर भ्रष्टाचार एक मुद्दा बने, और जनता काे यह बताया जा सके कि एक तरफ वे भ्रष्टाचार से लड़ाई लड़ रहे हैं, तो दूसरी तरफ भ्रष्टाचारी उनके खिलाफ लामबंदी कर रहे हैं. इसमें फायदा ममता बनर्जी का भी है, जो अपने राज्य में कम से कम यह बताने में कामयाब हैं कि वे प्रधानमंत्री मोदी को चुनौती दे रही हैं, और प्रधानमंत्री बनने की रेस में सबसे आगे हैं. सवाल सिर्फ ये है कि ममता और मोदी की लड़ाई में बाकी पार्टियों और उनके नेताओं का वजूद कहां बचा है. राहुल गांधी कहां हैं? मायावती कहां हैं?
ये भी पढ़ें -
Rahul Gandhi big U-turn: 2016 में 'जनता का पैसा लूटने वाली' ममता सरकार 2019 में दूध की धुली!
पीएम पद की दावेदारी में मायावती से आगे निकलीं ममता बनर्जी
वो 'फरार' बंगाल पुलिस अफसर, जिसके पीछे पड़ी CBI आपस में लड़ती रही
आपकी राय