Gadchiroli Naxal Attack: माओवादी आतंक से जैश ए मोहम्मद की तरह निपटने की जरूरत
1 मई को महाराष्ट्र अपना स्थापना दिवस मना रहा है. लेकिन इसी दिन को माओवाद से जुड़े नक्सली आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर हमले के लिए चुना. और कायराना हमले में IED ब्लास्ट करके स्पेशल फोर्सेस के 15 कमांडो की जान ले ली.
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महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में बुधवार की सुबह हुए नक्सली हमला में नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे सशस्त्र बल कमांडो की C60 टीम पर जबर्दस्त आतंकी हमला किया गया. गढ़चिरौली के कुर्खेडा-कोर्छी सड़क मार्ग पर नक्सलियों ने IED लगाया हुआ था, और जैसे ही सुरक्षा बलों की गाड़ी वहां से गुजरी. रिमोट कंट्रोल से ब्लास्ट कर दिया गया. Gadchiroli Naxal Attack जैसे कायराना हमले से कुछ घंटे पहले नक्सलियों ने कुर्खेडा में सड़क निर्माण में लगे लोगों पर हमला किया. और सड़क बनाने के लिए इस्तेमाल हो रही 27 मशीनों को आग के हवाले कर दिया.
छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा से सटे महाराष्ट्र के गणचिरौली जिले में नक्सली आतंक का इतिहास काफी पुराना है. छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और तेलंगाना के त्रिकोण पर नक्सलियों की सक्रियता सबसे अधिक है. यह इलाका जंगल वाला होने के कारण आतंकियों को छुपने और पड़ोसी राज्य में दुबक जाने में काफी मदद करता है. यहां के हालात, और नक्सली आतंकियों की गतिविधि उसी तरह है जैसे कश्मीर घाटी में जैश ए मोहम्मद और लश्करे तैयबा की है. भारत की सरकारों ने कश्मीर के मुकाबले नक्सली आतंकवाद को हमेशा नरमी से हैंडल किया है. लेकिन अब जरूरत है यहां भी आर-पार ऑपरेशन करने की.
गढ़चिरौली महाराष्ट्र में नक्सली आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर हमला करके 15 जवानों की जान ले ली है
गढ़चिरौली की घटना का यदि बारीकी से अवलोकन किया जाए तो ऐसी तमाम चीजें हैं जो बताती हैं कि अब वो वक़्त आ गया है जब सरकार को नक्सलियों पर लगाम कसने के लिए तैयार हो जाना चाहिए. आइये नजर डालते हैं इस घटना की कुछ जरूरी बातों पर.
Strongly condemn the despicable attack on our security personnel in Gadchiroli, Maharashtra. I salute all the brave personnel. Their sacrifices will never be forgotten. My thoughts & solidarity are with the bereaved families. The perpetrators of such violence will not be spared.
— Chowkidar Narendra Modi (@narendramodi) May 1, 2019
घटना का यदि बारीकी से अवलोकन किया जाए तो ऐसी तमाम चीजें हैं जो बताती हैं कि अब वो वक़्त आ गया है जब सरकार को नक्सलियों पर लगाम कसने के लिए तैयार हो जाना चाहिए. आइये नजर डालते हैं इस घटना की कुछ जरूरी बातों पर.
1- महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में IED का इस्तेमाल कर ब्लास्ट को अंजाम दिया गया है जिसमें 15 जवानों की मौत हुई है.
2- माना जा रहा है कि ये हमला पिछले 2 सालों में महाराष्ट्र में नक्सलियों का यह सबसे बड़ा हमला है जिसमें मुख्य रूप से C60 कमांडो की गश्ती टीम पर घात लगाकर निशाना साधा गया है.
3- घटना को देखकर कहा जा रहा है कि ये घटना क्रिया की प्रतिक्रिया है. ध्यान रहे कि पिछले साल अप्रैल में गढ़चिरौली में एक बड़े एनकाउंटर में सुरक्षा बलों ने 40 माओवादियों को मार गिराया था.
4- गढ़चिरौली एक नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. इसलिए सरकार और सुरक्षा बलों की तरफ से इलाके से नक्सलियों को खदेड़ने के लिए समय-समय पर कई अभियान भी चलाए गए हैं और लाल आतंक को खत्म करने का प्रयास किया गया है.
बुधवार सुबह ही नक्सलियों ने गढ़चिरौली में सड़क निर्माण में इस्तेमाल की जा रही 27 मशीनों को आग के वाले कर दिया.
5- गढ़चिरौली में नक्सलियों की गतिविधियां सरकार को कितनी परेशानी दे रही हैं इसे ऐसे भी समझा जाता है कि लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण के मतदान से एक दिन पहले भी नक्सलियों ने सीआरपीएफ की पेट्रोलिंग टीम पर हमला किया था. इस हमले में सीआरपीएफ के कई जवान घायल हुए थे. तब हुए उस हमले में भी नक्सलियों द्वारा IED का इस्तेमाल किया है.
6- बात नक्सली हमले की चल रही है. तो हमें बीते 9 अप्रैल की एक घटना को भी याद कर लेना चाहिए. छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में भाजपा के एक विधायक भीमा मांडवी के काफिले पर हमला किया था. इस हमले में विधायक, उनके बॉडी गार्ड और 3 सुरक्षा कर्मियों की मौत हुई थी. ये हमला उस वक़्त हुआ था जब 11 अप्रैल को लोकसभा चुनावों के तहत वोटिंग कराई जानी थी.
7- नक्सल समस्या पर विराम लगाने के लिए सरकार लम्बे समय से कार्रवाई कर रही है. अभी बीते दिन ही . छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में पुलिस ने अलग अलग स्थानों पर छापा मारकर एक महिला समेत 6 नक्सलियों को गिरफ्तार किया है.
8- इस छापेमारी पर जानकारी देते हुए पुलिस ने कहा था कि पकड़े गए नक्सलियों पर 2018 में हुए नीलवाया हमलों में शामिल होने का आरोप था. आपको बताते चलें कि नीलवाया हमलों में दूरदर्शन के कैमरामैन और 3 सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई थी.
माना जा रहा है कि हमला करके नक्सलियों ने अपने साथियों की मौत का बदला लिया है
9- पूर्वी महाराष्ट्र का गढ़चिरौली जिला नक्सलवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में से एक है. समस्या कितनी गंभीर है इसे हम पुलिस द्वारा जारी किये गए आंकड़ों से भी समझ सकते हैं. पुलिस विभाग के अनुसार जिले में पिछले 25 साल में सत्ता विरोधी संगठनों की ओर से कुल 417 वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया, जिनकी कीमत 15 करोड़ रुपये से ज्यादा थी.
10- हमले क्यों हुए इसके पीछे की वजह 17 वीं लोकसभा के चुनाव को भी माना जा रहा है. ज्ञात हो कि नक्सलियों ने चुनाव का बहिष्कार किया था और कहा था कि जो भी पोलिंग में शामिल होगा उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.
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