मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास का अफसरों से 'हिसाब-किताब' का सपना बुरी तरह टूटा!
मऊ सदर विधानसभा सीट (Mau Sadar Election results 2022) पर वोटों की गिनती जारी है मुकाबला सुभासपा के अब्बास अंसारी और भाजपा के बीच है. यदि इस सीट से भाजपा जीतती है तो इस बात का फैसला खुद ब खुद हो जाएगा कि जनता को बाहुबल, दबंगई, गुंडागर्दी नहीं सुशासन, विकास और रोजगार चाहिए और वही उनकी प्राथमिकता है.
-
Total Shares
नतीजों के साथ यूपी का चुनावी रण लगभग समाप्त हो गया. यूं तो यूपी की कई सीटों पर लोग नजरें बनाए हुए थे लेकिन सबसे दिलचस्प चुनाव मऊ सदर (Mau Election Results 2022) सीट पर देखने को मिला. मऊ सदर को यूपी विधानसभा चुनाव के लिहाज से क्यों अहम माना जा रहा था? इसकी बड़ी वजह अब्बास अंसारी और जेल में बंद माफिया विधायक मुख़्तार अंसारी थे. अब्बास के जरिये लोग ये देखने को आतुर थे कि क्या उनमें वो सामर्थ्य है जिसके दम पर वो पिता की विरासत और बाहुबल को आगे ले जा पाएंगे? ये सवाल क्यों हुआ इसकी भी वजह कम मजेदार नहीं है. असल में अभी बीते दिनों ही अब्बास अंसारी का एक वायरल वीडियो वायरल हुआ था जिसमें उनके तेवर और दबंगई पिता मुख़्तार अंसारी सरीखे थे. इंटरनेट पर जंगल की आग की तरह फैले उस वीडियो में अब्बास योगी सरकार के अधिकारियों के हिसाब किताब की बात करते नजर आ रहे थे.
भले ही शुरुआत में भाजपा के प्रत्याशी अशोक कुमार सिंह से पिछड़ते अब्बास ने इस सीट पर जीत दर्ज की हो. लेकिन सूबे में प्रचंड बहुमत भाजपा को मिला है. तो, उनका सपना, सपना ही रह गया.
जैसे रुझान अभी तक दिखाई दे रहे हैं मऊ में अब्बास अंसारी पिछड़ते हुए नजर आ रहे हैं
बताते चलें कि मऊ सदर से भाजपा के अशोक को 86274 वोट मिले हैं और उनका वोटिंग पर्सेंटेज 31 हैं. जिक्र अब्बास अंसारी का हुआ है तो बताना जरूरी है कि अब्बास को 44.74 परसेंट के हिसाब से 124501 वोट मिले हैं.
Abbas Ansari s/o don Mukhtar Ansari contesting on SP alliance says “I have told Akhilesh Yadav- no transfer posting for 6 months- jo yaha hai woh yah rahega - pehle hisab kitab hoga” Open threat being given In Varanasi rally SP workers beat up cops True face of SP alliance pic.twitter.com/cVsS5Wh4mh
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) March 4, 2022
अब्बास के लिए इस सीट पर चुनाव जीतना इसलिए भी जरूरी था. क्योंकि, इस सीट से मुख़्तार की इज्जत और बाहुबल दोनों दांव पर थे. ध्यान रहे कि माफिया विधायक मुख़्तार अंसारी मऊ सदर सीट से लगातार चार बार से विधायक थे.
2017 के विधानसभा चुनाव में मुख़्तार ने राजभर की पार्टी सुभासपा के महेंद्र राजभर को 10 हजार से कम मतों से हराया था. लेकिन इस बार उनकी जगह उनके बेटे अब्बास अंसारी मैदान में हैं.
राजनीति के मामले में अब्बास अंसारी का रिकॉर्ड ठीक नहीं है. अब्बास अंसारी इसके पहले 2017 में घोसी विधानसभा सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
बहरहाल मऊ सदर विधानसभा सीट पर वोटों की गिनती जारी है और यदि इस सीट से भाजपा जीतती है तो इस बात का फैसला खुद ब खुद हो जाएगा कि जनता को बाहुबल, दबंगई, गुंडागर्दी नहीं सुशासन, विकास और रोजगार चाहिए और वही उनकी प्राथमिकता है.
ये भी पढ़ें -
EVM को 'छेड़ना' बंद क्यों नहीं कर पा रहे हैं विपक्षी दल?
केजरीवाल की पंजाब में जीत राहुल और ममता के लिये बहुत बड़ी चुनौती होगी!
पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल के छात्र मोदी की तारीफ क्यों कर रहे हैं, जानिए...
आपकी राय