पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल के छात्र मोदी की तारीफ क्यों कर रहे हैं, जानिए...
Operation Ganga के तहत सिर्फ भारत ही नहीं पीएम मोदी पर पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल तक से तारीफों की बरसात हो रही है. तमाम लोग हैं जो इस बात को दोहरा रहे हैं कि इस मुश्किल वक़्त में भारत ने ना सिर्फ अपने बल्कि दूसरे मुल्क के लोगों की जान बचाई है. इससे उन्होंने एक नजीर स्थापित की है जिसका पालन सभी मुल्कों को करना चाहिए.
-
Total Shares
रूस यूक्रेन के बीच युद्ध वाले इस दौर में जहां अमेरिका, चीन जैसे देशों को अपने नागरिकों विशेषकर छात्रों को वापस लाने के लिए पापड़ बेलने पड़ रहे हों. जैसा भारत और भारत में भी पीएम मोदी का रुख है. वो मार्वल स्टूडियो के किसी सुपर हीरो की तरह सामने आए हैं. पीएम मोदी युद्धस्तर पर विदेश में फंसे भारतीय छात्रों को ऑपरेशन गंगा के तहत स्वदेश वापस ला रहे हैं. चूंकि जंग का दौर है इसलिए संकट की इस घड़ी में भारत ने मानवीय आधार को तरजीह दी है और सिर्फ भारत के ही नहीं विश्व के अन्य देशों के छात्रों को भी सुरक्षित अपने गंतव्य तक पहुंचाया है. बताते चलें कि भारत ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों के अलावा पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और ट्यूनीशिया के नागरिकों को निकाला है. क्योंकि पीएम मोदी ने विश्व को बताया कि मुश्किल समय में 'एक नेता की क्या जिम्मेदारियां हैं?' तारीफें होना स्वाभाविक था. सिर्फ भारत ही नहीं पीएम मोदी पर पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल तक से तारीफों की बरसात हो रही है. तमाम लोग हैं जो इस बात को दोहरा रहे हैं कि इस मुश्किल वक़्त में भारत ने ना सिर्फ अपने बल्कि दूसरे मुल्क के लोगों की जान बचाई है इससे उन्होंने एक नजीर स्थापित की है जिसका पालन सभी मुल्कों को करना चाहिए.
रूस यूक्रेन युद्ध में पीएम मोदी किसी सुपर हीरो की तरह सामने आए हैं और लोगों को बचा रहे हैं
ध्यान रहे कि ये भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल ही है जिसके चलते रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलडिमिर जेलेंस्की जंग रोक कर मानवीय गलियारे से लोगों को सुरक्षित निकल जाने का अवसर प्रदान कर रहे हैं. चाहे वो बांग्लादेश, नेपाल और पाकिस्तान हों या ट्यूनीशिया सभी कीव स्थित भारतीय दूतावास की मदद लेकर निकल रहे हैं और भारत के प्रति अपना आभार प्रकट कर रहे हैं.
विश्व शांति स्थापित करने की अपनी मुहीम के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कितना और किस हद तक गंभीर है इसपर समर्थक से लेकर आलोचक तक लंबी लंबी डिबेट कर सकते हैं. एक दूसरे पर तर्क और कुतर्कों की बरसात कर सकते हैं. लेकिन वास्तविकता क्या है? इसका अंदाजा यदि लगाना हो तो हम उस पाकिस्तानी छात्रा असमा शफीक का रुख कर सकते हैं जो भारत की बदौलत सकुशल अपने घर पहुंची है और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एहसानमंद है. जिस तरह के प्रयास भारत ने किये हैं माना यही जा रहा है कि जल्द ही असमा सही सलामत अपने घर पहुंच जाएगी.
#WATCH | Pakistan's Asma Shafique thanks the Indian embassy in Kyiv and Prime Minister Modi for evacuating her.Shas been rescued by Indian authorities and is enroute to Western #Ukraine for further evacuation out of the country. She will be reunited with her family soon:Sources pic.twitter.com/9hiBWGKvNp
— ANI (@ANI) March 9, 2022
बता दें कि पाकिस्तानी नेशनल और यूक्रेन में फंसी स्टूडेंड असमा शफीक ने भारत के ऑपरेशन गंगा अभियान की जमकर तारीफ की है. उसने कहा है कि मैं कीव में स्थित भारतीय दूतावास की शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने हमें हरसंभव मदद की. हम यहां बहुत कठिन परिस्थिति में फंस गए थे. मैं भारत के प्रधानमंत्री की भी शुक्रगुजार हूं कि उनकी बदौलत हम यहां से निकल पाए, मदद करने के लिए लिए आपका धन्यवाद. भारतीय दूतावास की बदौलत हम घर सुरक्षित जा रहे हैं. थैंक्यू.
पाकिस्तान भले ही भारत का एहसान मानने में आनाकानी करे लेकिन ऑपरेशन गंगा के मद्देनजर जैसा रुख बांग्लादेश का है साफ़ है कि वो भारत द्वारा किये गए एहसानों के नीचे दब गया है. गौरतलब है कि भारत ने यूक्रेन में फंसे बांग्लादेश के 9 नागरिकों को भी सही सलामत निकाला है जिसके बाद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत और पीएम मोदी की शान में कसीदे पढ़े हैं.
#WATCH | A convoy consisting of 12 buses left from Sumy, Ukraine earlier today. All Indians there have been evacuated. Officials of the Indian Embassy & Red Cross are escorting them. Bangladeshis & Nepalis have also been facilitated. They are currently enroute to Poltava region. pic.twitter.com/0ieUCcjl0S
— ANI (@ANI) March 8, 2022
भारत द्वारा किये गए इस एहसान पर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपनी टिप्पणी की है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद कहा है. जिक्र ऑपरेशन गंगा के तहत नेपाल का भी हुआ तो बता दें कि यूक्रेन से भारत ने नेपाल के 3 छात्रों को रेस्क्यू किया है.
जाते जाते हम फिर इसी बात को दोहराना चाहेंगे कि रूसी आक्रमण के बीच प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी यूरोपीय संघर्ष में एक नई भूमिका निभा रहे हैं. वो जहां एक तरफ रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थ की भूमिका में हैं. तो वहीं विश्व के अलग अलग मुल्कों के उन लोगों के लिए किसी रॉबिन हुड से कम नहीं हैं जो यूक्रेन में फंसे हैं और उनका अपना मुल्क उन्हें सकुशल निकालने में असमर्थ है.
रूस यूक्रेन युद्ध का क्या असर होता है इसका फैसला तो वक़्त करेगा लेकिन इस युद्ध पर और इस युद्ध से जुड़ी चुनौतियों पर जैसी नजर पीएम मोदी की है ये कहना अतिश्योक्ति नहीं है कि आगे आने वाले वर्षों में पीएम मोदी की बदौलत विश्व मानचित्र पर भारत एक बिल्कुल नए रुख में होगा. कोई बड़ी बात नहीं कि नरेंद्र मोदी के कारण भारत उस मुकाम पर पहुंच जाए जहां आज दुनिया के लिए अमेरिका है.
ये भी पढ़ें -
राहुल-प्रियंका की इज्जत दांव पर यूपी की वजह से नहीं, पंजाब-उत्तराखंड के कारण है
EVM Fraud Allegation: आरोपों की झड़ी के सहारे आखिर अखिलेश यादव करना क्या चाहते हैं?
यूपी में कौन जीतेगा? बदायूं के दो किसानों की शर्त में 4 बीघा खेत दांव पर
आपकी राय