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Updated: 18 सितम्बर, 2018 08:40 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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मध्य प्रदेश चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे यहां राजनीति भी दिलचस्प होती जा रही है. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में राहुल गांधी ने रैली निकालकर चुनावी बिगुल फूंक दिया. 15 किलोमीटर के राहुल गांधी के रोड शो में कांग्रेस दिग्गज नेता मौजूद रहे, लेकिन खबर बना भीड़ में शामिल एक बच्चा. जिसे राहुल गांधी बहुत अच्छे से जानते थे. इस बच्चे को कभी राहुल गांधी ने एक वादा किया था, लेकिन बच्चे का कहना है कि कांग्रेस अपने वादे को पूरा नहीं कर सकी. इस मौके का फायदा उठाते हुए भाजपा ने बच्चे गोद में उठा लिया. भले ही ये कांग्रेस इस बच्चे को भूल गई हो, लेकिन मध्य प्रदेश की राजनीति में यह बच्चा भाजपा के लिए राहुल गांधी के खिलाफ नया हथियार बनकर सामने आया है.

मध्य प्रदेश, राहुल गांधी, कांग्रेस, भाजपाये बच्चा आम जनता का हिस्सा भी है और जनता का आईना भी.

राहुल कैसे जानते हैं इस बच्चे को ?

सबसे पहले तो जानिए इस बच्चे के बारे में. इसका नाम है कौशल शाक्य, जो अखबार बेचता है. जब 2013 में राहुल भोपाल आए थे तो इस बच्चे से मुफ्त का अखबार लिया था. दरअसल, उनके पास 1000 रुपए के खुले नहीं थे. बच्चे से पूछने पर उसने बताया कि उसके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह पढ़ सके. जब उन्होंने बच्चे को 1000 रुपए देने चाहे तो उसने मना कर दिया और अखबार के 1 रुपए मांगे. इसके बाद राहुल गांधी को बच्चे की खुद्दारी इतनी पसंद आई कि उन्होंने उस नाबालिग बच्चे की मदद का वादा किया था.

उन्होंने कौशल की पढ़ाई का खर्च उठाने की घोषणा कर दी. राहुल गांधी के आदेश पर मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने कौशल का एडमिशन राजीव गांधी हायर सेंकेडरी स्कूल में करा दिया. साल भर तक को कौशल को हर महीने 1000 रुपए मिले, लेकिन उसके बाद मदद बंद हो गई. जब स्मृति ईरानी को इस बात का पता चला तो उन्होंने अप्रैल 2016 में केंद्रीय विद्यालय से बच्चे को विशेष कोटे में एडमिशन देने के लिए कहा. फिर क्या था, इस बच्चे को लेकर भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे से भिड़ गए और धीरे-धीरे कौशल की पढ़ाई ठंडे बस्ते में चली गई.

दोबारा इसी बच्चे पर हो रही राजनीति

एक बार राजनीति की भेंट चढ़ चुका कौशल अब दोबारा राजनीतिक हथियार बन चुका है. राहुल गांधी तो अपना वादा न निभा सके, लेकिन स्मृति ईरानी भी बच्चे की मदद करने में नाकाम रहीं. अब मध्य प्रदेश भाजपा के मुख्यालय में बच्चे को बुलाया गया और बच्चे की मदद का वादा किया गया है. मध्य प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने तो प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए इस मुद्दे को भुनाने भी लगे हैं. उन्होंने कहा है कि राहुल गांधी एक गरीब नाबालिग बच्चे की पढ़ाई का वादा तक पूरा नहीं कर सके, तो वो लाखों बच्चों से किया वादा कैसे पूरा करेंगे.

कांग्रेस खुद को बता रही पाक साफ

जहां एक ओर भाजपा के नरोत्तम मिश्रा ने राहुल गांधी पर बच्चे की मदद ना करने के आरोप लगाते हुए हमला किया है. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस की मीडिया प्रभारी शोभा झा ने मिश्रा के आरोपों को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कौशल का दो बार स्कूल में एडमिशन कराया था, लेकिन वह कक्षा में नहीं पहुंचा, हम उसकी शिक्षा के लिए जो कर सकते थे किया. खैर, शोभा झा की ये बात किसी बहाने से कम नहीं है.

ये बच्चा आम जनता का हिस्सा भी है और जनता का आईना भी. जिस तरह जनता से कभी भाजपा, तो कभी कांग्रेस वादे करती है और बाद में अपने ही वादों को पूरा नहीं कर पाती है, उसी तरह इस बच्चे के साथ भी हो रहा है. कांग्रेस अपना वादा साल भर में भूल गई. स्मृति ईरानी ने कोशिश की, लेकिन बाद में सोचा होगा कि कहां एक बच्चे के चक्कर में माथा-पच्ची की जाए. तो वो भी भूल गईं. सब भूल गए इस बच्चे को, क्योंकि चुनाव आने में काफी वक्त था. अब चुनाव सिर पर हैं और इस बच्चे को राजनीतिक हथियार बनाया जा रहा है. कांग्रेस को कुछ नहीं कर सकी, लेकिन अब भाजपा को बच्चे की पढ़ाई का पूरा खर्च पूरी जिम्मेदारी से उठाना चाहिए. भले ही वह फिर से चुनाव जीत जाएं या हार जाएं. सियासी हार-जीत का असर बच्चे की पढ़ाई पर ना पड़े तो ही बेहतर है.

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