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Updated: 29 जुलाई, 2018 06:30 PM
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पीएम मोदी की विदेश यात्राओं को लेकर अक्सर विपक्ष सवाल उठाता रहता है. आए दिन सोशल मीडिया पर भी यूपीए और एनडीए की तुलना करते हुए खूब हो-हल्ला होता है. आरोप-प्रत्यारोप के बीच scroll ने पीएम मोदी और मनमोहन सिंह की यात्राओं की तुलना की है, जिसके लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से लिए गए आंकड़ों का इस्तेमाल किया है. जब तक ये आंकड़े बिखरे हुए थे, तब तक तो सब ठीक था, लेकिन जैसे ही इन्हें एक क्रम में सजाया गया तो एक हैरान करने वाली तस्वीर सामने आई. आंकड़ों से पता चलता है कि पीएम मोदी ने मनमोहन सिंह से अधिक यात्राएं कर ली हैं, जबकि अभी उनका कार्यकाल पूरा होने में 10 महीने बाकी हैं. ये अकेली हैरान करने वाली बात नहीं है. मोदी और मनमोहन की यात्रा से जुड़े ऐसे ही 6 फैक्ट हैं, जो आपको हैरान कर सकते हैं-

1- पीएम मोदी ने मई 2014 से अब तक 1524 दिन सत्ता में गुजारे हैं, जिसमें से 492 दिन वे यात्राओं पर रहे हैं. यानी उन्होंने अपने कार्यकाल का एक तिहाई वक्त यात्राओं में बिताया है या वे हर तीसरे दिन यात्रा पर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर अपने दो कार्यकाल के दौरान पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कुल 652 दिन यात्राओं में गुजारे हैं. इसमें 368 दिन पहले कार्यकाल के हैं और 284 दिन की यात्रा यूपीए-2 के दौरान की थीं.

नरेंद्र मोदी, मनमोहन सिंह, भाजपा, कांग्रेस

2- जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, तब से अब तक वह 84 अंतरराष्ट्रीय दौरे कर चुके हैं.

3- मनमोहन सिंह ने सबसे अधिक यात्राएं अपने दोनों कार्यकाल के दौरान सितंबर 2007 की हैं. इस दौरान मनमोहन सिंह ब्राजील, क्यूबा और दक्षिण अफ्रीका गए थे. इसी दौरान उन्होंने महाराष्ट्र, उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा की घरेलू यात्राएं भी कीं. इन दोनों दौरों में वह कुल मिलाकर 18 दिनों तक दिल्ली से दूर रहे थे.

4- मनमोहन सिंह के 10 साल के कार्यकाल में सिर्फ दो बार ऐसा हुआ जब किसी महीने में वह 15 दिन से अधिक ऑफिस से दूर रहे हों. वहीं अगर पीएम मोदी की बात की जाए तो उनके कार्यकाल में ऐसा 5 बार हो चुका है, जबकि उनका पहला ही कार्यकाल खत्म होने में 10 महीने बाकी हैं.

5- पीएम मोदी के कार्यकाल में ऐसा कोई महीना नहीं रहा है, जिसमें उन्होंने पूरा समय दिल्ली में ही बिताया हो और कोई यात्रा न की हो. वहीं दूसरी ओर मनमोहन सिंह के पूरे कार्यकाल में करीब 10 महीने ऐसे थे, जिनमें उन्होंने कोई यात्रा नहीं की और दिल्ली ही रहे.

6- पीएम मोदी ने अपने अभी तक के कार्यकाल में कुल 101 दिन गैर-आधिकारिक काम से यात्राएं की हैं. यानी उनकी कुल यात्राओं का 20 फीसदी वक्त गैर-आधिकारिक यात्राओं में गुजरा है. इसके अलावा 12 ऐसी यात्राएं हैं, जो आधिकारिक और गैर आधिकारिक काम से की गई यात्राओं की कैटेगरी में डाला गया है. जबकि मनमोहन सिंह ने अपने पहले कार्यकाल में 54 और दूसरे कार्यकाल में 24 गैर आधिकारिक काम से यात्राएं की थीं. आपको बता दें कि गैर आधिकारिक यात्रा से तात्पर्य ऐसी यात्रा से है, जो किसी सरकारी काम के तहत ना की गई हो. चुनावी मौसम में प्रचार के लिए इस तरह की यात्राएं अधिक होती हैं.

इन तथ्यों से ये साफ हो रहा है कि पीएम मोदी ने मनमोहन सिंह से अधिक यात्राएं की हैं. दरअसल, देश और विदेश, दोनों में ही पीएम मोदी की यात्राओं को एक अलग महत्व है. पीएम मोदी की प्रचारक वाली छवि को भाजपा ने जमकर भुनाया और लगभग हर चुनाव प्रचार के दौरान उनकी कोई न कोई रैली रहती ही है. इसकी वजह से उनकी घरेलू यात्राएं, खासकर चुनाव प्रचार के लिए की गईं गैर-आधिकारिक यात्राएं काफी अधिक हैं. वहीं दूसरी ओर, मनमोहन सिंह की चुनाव प्रचारक की छवि कभी नहीं रही. कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार का काम सोनिया गांधी के कंधों पर रहा. इतना ही नहीं, जनवरी 2009 में मनमोहन सिंह की बाईपास सर्जरी भी हुई थी. बीमार होने की वजह से उस दौरान यात्राओं में कमी देखी गई. यही वजह है कि मनमोहन सिंह की यात्राएं पीएम मोदी की तुलना में कम हैं.

पीएम मोदी ने विदेश नीति को भी अपने कंधे पर उठाया और भारत के साथ-साथ अपनी भी छवि बेहतर करते हुए विदेशी दौरे किए. जहां पहले विदेश जाने वाले पीएम सिर्फ वहां के अधिकारियों तक से मिलकर वापस आ जाया करते थे, वहीं पीएम मोदी ने ये सुनिश्चित किया कि वह जिस भी देश में जाएं, वहां पर भारतीयों को संबोधित जरूर करें. इसकी वजह से अक्सर उनकी यात्राओं की अवधि बढ़ गई और यही कारण है कि उनकी यात्राओं की अवधि पीएम मोदी से अधिक है. यानी विदेश हो या स्वदेश, पीएम मोदी का अधिकतर समय यात्राओं में ही बीता.

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