मोदी के फैसलों को गौर से देखेंगे तो कोविंद का नाम चौंकाएगा नहीं
बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर सभी को चौंका दिया है.
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सत्ता में आते ही जिस प्रकार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एकाएक अप्रत्याशित फैसले लेने की परम्परा शुरू की है, उससे उनके घोर विरोधी भी भौंचक्के रह जाते हैं. आज बिहार के राज्यपाल को NDA का राष्ट्रपति प्रत्याशी बनाकर उन्होंने ऐसा ही किया. केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पिछले ही महीने तीन साल पूरे किए. लेकिन जबसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभाली तब से अब तक उनके अप्रत्याशित फैसलों ने देश ही नहीं बल्कि दुनिया को भी चौंकाया है. चाहे वह सर्जिकल स्ट्राइक हो या नोटेबंदी, चाहे वह बीच सफर में पाकिस्तान मे उतरकर नवाज़ शरीफ से मिलने जाना हो.
अपने फैसलों से अब तक चौंकाते आए हैं प्रधानमंत्री
एक नजर प्रधानमंत्री मोदी के अप्रत्याशित फैसलों पर
भारत के 500 और 1000 रुपये के नोटों का विमुद्रीकरण-
नवंबर, 2016: जाली नोटों और काले धन पर लगाम लगाने के लिए भारत सरकार ने 8 नवंबर 2016 की रात सबसे बड़ा फैसला किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में ऐलान किया कि मंगलवार आधी रात से 500 और 1000 रुपये के नोट रद्दी माने जाएंग. पीएम ने कहा कि काला धन और जाली नोट भ्रष्टाचार के साथ आतंकवाद को भी मदद पहुंचा रहे थे, ऐसे में इन्हें बंद करना जरूरी था. उन्होंने कहा कि जिनके पास 500 या 1000 रुपये के नोट हैं वे लोग 30 दिसंबर तक यानी इन्हें नजदीकी बैंक या डाकघर में जमा कर सकते हैं या बदल सकते हैं.
PoK पर सर्जिकल स्ट्राइक-
अक्टूबर 2016: उरी में हुए आतंकी हमले में जवानों की शहादत का बदला भारत ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकियों को ढेर करके लिया. भारत की तरफ से रात 12.30 बजे से 2.30 बजे तक यह ऑपरेशन चलाया गया. भारतीय सेना के कमांडोज ने आतंकवादियों के 7 लॉन्च पैड को अपना निशाना बनाया. इसमें 38 आतंकवादी मारे गए. भारत की ओर से हमला होने के बाद दो पाकिस्तानी सैनिक लॉन्च पैड की सुरक्षा में जुट गए थे, लेकिन हमले में वे भी मारे गए.
सेनाध्यक्ष बिपिन रावत की नियुक्ति-
दिसंबर 2016: सरकार ने सह-सेना प्रमुख बिपिन रावत को नया सेनाध्यक्ष बनाने की घोषणा की, हालांकि बिपिन रावत की नियुक्ति पर कई सवाल भी खड़े हुए . बिपिन रावत सेना में वरिष्ठता में तीसरे नंबर पर थे. सेना में अभी तक वरिष्ठता को ही वरीयता देते हुए सेनाध्यक्ष की घोषणा की जाती रही है. ऐसे में बिपिन रावत के नाम ने सभी को हैरान कर दिया. बिपिन रावत भले ही सह-सेनाध्यक्ष यानी वाईस चीफ ऑफ चीफ स्टाफ के पद पर तैनात हों, लेकिन पूर्वी कमान के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीन बख्शी और दक्षिणी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पी एम हैरिज़ सीनियोरिटी में उनसे ऊपर थे. सेना के सभी लेफ्टिनेंट जनरल्स में बिपिन रावत को “सबसे उपयुक्त पाया गया.”
33 साल में पहली बार ऐसा हुआ जब सरकार ने वरिष्ठता को दरकिनार करते हुए बिपिन रावत को सेना प्रमुख बनाया हो. 1983 में इंदिरा गांधी ने एस के सिन्हा की जगह जूनियर अधिकारी ए एस वैद्य को सेना प्रमुख बनाया था. उसके बाद से सबसे सीनियर लेफ्टिनेंट जनरल को ही सेनाध्याक्ष बनाए जाने की पंरपरा थी.
पाकिस्तान यात्रा-
दिसंबर 26, 2015: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की यात्रा समाप्त कर स्वदेश लौटने के दौरान अचानक ही पाकिस्तान पहुंच गए. मोदी रूस, अफगानिस्तान के दौरे पर थे. मोदी का पाकिस्तान दौरा कई मायनों में खास रहा. उन्होंने लाहौर जाकर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं और उनके परिवार से भी मिले. उन्होंने अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ को उनके 66वें जन्मदिन पर बधाई दी और उसके बाद उनका अचानक लाहौर दौरा हुआ. मोदी की 150 मिनट की पाकिस्तान यात्रा करीब 11 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली पाक यात्रा थी. पाकिस्तान में उन्होंने नवाज शरीफ के साथ बातचीत की जिस दौरान दोनों नेताओं ने दोनों देशों के लोगों के व्यापक हितों के लिए शांति की खातिर रास्ते खोलने का फैसला किया.
मुख्यमंत्रियों का अप्रत्याशित चयन-
हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की रूप में योगी आदित्यनाथ की नियुक्ति, महाराष्ट्र से देवेंद्र फडणवीस, हरियाणा से खट्टर और उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत की नियुक्तियां चौंकाने वाली ही रहीं.
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