सिर्फ सोनी टीवी ही नहीं पंजाब सरकार से भी 'Boycott Sidhu' की उम्मीद! ठोको ताली...
पुलवामा आतंकी हमले को लेकर नवजोत सिंह सिद्धू के असंवेदनशील बयान पर सोनी टीवी ने फैसला ले लिया है. द कपिल शर्मा शो में उनकी जगह अर्चना पूरन सिंह ले सकती हैं. अब मांग तो उन्हें पंजाब कैबिनेट से बाहर करने की भी हो रही है.
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पाकिस्तान के मामले में लगातार मनमर्जी करते आ रहे नवजोत सिंह सिद्धू को आखिर में पहला सबक मिल ही गया. पुलवामा आतंकी हमले को लेकर नवजोत सिंह सिद्धू के असंवेदनशील बयान पर सोनी टीवी ने साफ कर दिया है कि यह कोई हंसी की बात नहीं है. द कपिल शर्मा शो से उन्हें निकाल दिया गया है. और उनकी जगह अर्चना पूरन सिंह को दी जा सकती है. जो पहले भी सोनी टीवी के शो 'कॉमेडी सर्कस' को जज कर रही थीं. हालांकि, अर्चना ने पांच दिन पहले इंस्टाग्राम पर अपना एक वीडियो शेयर करते हुए बताया था कि वे स्पेशल अपीयरेंस के बतौर इस शो के दो एपिसोड शूट कर चुकी हैं. सोनी टीवी ने पिछले दिनों मीटू मामले में फंसे अनु मलिक से भी किनारा करने में दे नहीं की थी, और नवभारत टाइम्स की एक खबर के मुताबिक चैनल सिद्धू को भी स्थायी तौर पर बाहर का रास्ता दिखाने जा रहा है.
सोनी टीवी के बाद सिद्धू पर कार्रवाई करने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी मौका मिल गया है. पाकिस्तान और इमरान प्रेम में फंसे सिद्धू लगातार कैप्टन अमरिंदर सिंह का अनादर कर थे. पंजाब की कांग्रेस सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने पिछले कुछ महीनों से पाकिस्तान को लेकर देश की भावनाओं के खिलाफ कृत्य और बयान दिए हैं. इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में जाकर जब वे पाक आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा के गले लगे थे, तब भी देश में जमकर आक्रोश फैल गया था. सीमा पार से हमारे सैनिकों को घात लगाकर मारने और लगातार सीजफायर करने की आरोपी सेना के चीफ के साथ सिद्धू का ये दोस्ताना व्यवहार सिर्फ भारत सरकार ही नहीं, पंजाब की कांग्रेस सरकार के लिए शर्म का बायस बना था. सिद्धू पाकिस्तान में इमरान की तारीफ करते हुए इतने खो गए थे, कि इशारों ही इशारों में उन्होंने भारत सरकार की आलोचना कर डाली थी. पाकिस्तान ने भी भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा करने में सिद्धू का जमकर इस्तेमाल किया. करतारपुर कॉरिडोर खोलने की बात पाक ने भारत सरकार से नहीं, बल्कि सिद्धू के कान में कही.
द कपिल शर्मा शो में सिद्धू ने एक ऐसी बात कह दी, जिसके चलते उन्हें शो से बाहर होना पड़ा है.
करतारपुर गुरुद्वारे तक बने कॉरिडोर के उद्घाटन का जब सवाल आया, तब भी पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार की इजाजत के बिना सिद्धू पाकिस्तान गए. यहां पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह पाक सेना की आलोचना कर रहे थे कि वह हमारे सैनिकों को मारती है. तो वहीं दूसरी ओर सिद्धू अपने राज्य के मुखिया की भावना के विपरीत पाकिस्तान में इमरान खान की मेहमान नवाजी के मजे लूट रहे थे. और वहां के चैनल-चैनल जाकर इंटरव्यू दे रहे थे.
पंजाब के मुख्यमंत्री की जगह राहुल गांधी को अपना कैप्टन कहने वाले सिद्धू का कांग्रेस में तो कुछ नहीं बिगड़ा, लेकिन सोनी टीवी पर उनकी अल्हड़-मस्ती नहीं चल पाई. सोशल मीडिया पर तब बवाल मच गया, जब पुलवामा हमले को फौरी तौर पर लेते हुए सिद्धू ने कहा कि आतंकवाद को किसी देश से जोड़कर नहीं देखा जा सकता, और इसके लिए एक पूरे देश को दोषी ठहराना ठीक नहीं है. शनिवार को ट्विटर पर सुबह से #BoycottSidhu ट्रेंड कर रहा था. कई लोगों ने तो सोनी टीवी को अपने DTH सेवा से हटा देने के स्क्रीनशॉट भी शेयर किए. बवाल बढ़ ही रहा था कि तभी खबर आ गई कि सोनी टीवी से सिद्धू को रुखसत कर दिया गया है.
कपिल शर्मा के कॉमेडी शो से सिद्धू शुरुआत से ही जुड़े रहे हैं. जून 2013 में कॉमेडी नाइट्स विद कपिल के जज के रूप में मेहमानों की तारीफ में शायरी करते रहे. फिर उनकी वही भूमिका द कपिल शर्मा शो में रही. लेकिन ताजा विवाद के चलते सोनी टीवी ने उनके लिए विदाई संगीत बजा दिया है. खबर है कि सोनी टीवी से इस शो को जज करने के लिए सिद्धू 25 करोड़ रु. की सालाना कमाई करते थे.
40 जवानों की शहादत के बीच सिद्धू बदले की कार्रवाई का विरोध करते हुए पाकिस्तान से बातचीत करने की पहल कर रहे हैं. जबकि ट्विटर पर कई यूजर्स ने याद दिलाया है कि किस तरह सिद्धू ने मामूली कहासुनी के चलते एक बुजुर्ग को पीट-पीटकर मार डाला. अब उसी 'ज्ञानी' को सबक सिखाने के लिए सोशल मीडिया यूजर्स पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार की ओर उम्मीद से देख रहे हैं. शनिवार दोपहर से ट्विटर पर #SackSidhuFromPunjabCabinet ट्रेंड कर रहा है. और संभावना है कि लोगों के इस दबाव के चलते कैप्टन अमरिंदर सिंह भी सिद्धू को अपनी कैबिनेट से बाहर कर दें. उनके पास फिलहाल स्थानीय शासन, टूरिज्म, सांस्कृतिक मामले, पंजाब स्टेट म्यूजियम विभाग की जिम्मेदारी है.
पाकिस्तान में इमरान खान अपने दोस्त सिद्धू की तारीफ में कहते रहे हैं कि यदि सिद्धू वहां से चुनाव लड़ें तो जीत जाएं. सिद्धू का पाकिस्तान में सियासी भविष्य तो संभव नहीं है, लेकिन उनकी राजनीति पर पंजाब में भी सवाल खड़ा हो गया है.
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