Noida SSP के viral video कांड ने यूपी पुलिस का फोकस ही बदल दिया!
CCA protest के बाद अपनी कार्रवाई के कारण आलोचना सह रही UP Police दोबारा चर्चा में है. कारण बने हैं Noida SSP. उनके कुछ कथित video सोशल मीडिया पर viral हुए. नोएडा एसएसपी ने इसे यूपी के ही कुछ IPS अधिकारियों की करतूत बताकर हड़कंप मचा दिया.
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नोएडा एसएसपी के वायरल वीडियो (Noida SSP Viral video) के बाद आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला रुक नहीं रहा है. नोएडा, मेरठ, लखनऊ पूरे सूबे में खलबली है. ध्यान रहे कि बीते दिनों नागरिकता संशोधन कानून के प्रोटेस्ट (CAA protest) के नाम पर जिस तरह का उपद्रव यूपी में हुआ. UP police तो अभी अलग ही संघर्ष कर रही थी. अभी वह राज्य में उपद्रव के लिए कथित रूप से जिम्मेदार PFI ban की तैयारी कर रही थी. तभी उस पर बेगुनाहों की गिरफ्तारी के आरोप लग गए. लेकिन सबके बीच अचानक नोएडा एसएसपी का सामने आना और विभाग के ही IPS अधिकारियों पर ट्रांसफर और पोस्टिंग (Noida SSP allegations on transfer and posting) के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगाना. खुद एसएसपी का विवादित टेप वायरल होना बताता है कि CAA protest के दौरान लगे आरोपों से किनारा करती यूपी पुलिस एक नए ट्रैप में फंस गई है. मामला चूंकि हमारे सामने हैं तो ये खुद ब खुद साफ़ हो गया है कि विभाग में आंतरिक कलह अपने चरम पर है. जो सिस्टम को बुरी तरह प्रभावित करती नजर आ रही है. दोनों ही मामलों में बदनामी विभाग झेल रहा है जिस कारण नीचे से ऊपर तक कोहराम मच गया है. मामला इसलिए भी दिलचस्प है क्योंकि आरोप उनपर लगे हैं जिनके ऊपर न सिर्फ सूबे की हिफाजत का जिम्मा है बल्कि जिनका काम नियम कानूनों का पालन करवाना है.
नोएडा एसएसपी के आरोपों ने यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली की पोल खोल दी है
मामले के मद्देनजर तमाम बिंदु हैं तो आइये सिलसिलेवा चर्चा की जाए और समझा जाए कि दरअसल मामला क्या है और कैसे इसने उत्तर प्रदेश के पूरे पुलिस विभाग की नींद उड़ा दी है और अब वो वक़्त अ गया है जब इस मामले की जांच जरूरी हो गई है.
क्या है वायरल वीडियो का मामला
मामला नोएडा के एसएसपी से जुड़ा है. नोएडा एसएसपी के विवादों में आने का कारण आने हैं 3 अलग अलग वीडियो. जिसमें वे आपत्तिजनक स्थिति में दिख रहे हैं. एसएसपी ने इन तीनों ही वीडियो का खंडन किया है और इन्हें अपने खिलाफ एक गहरी साजिश का हिस्सा बताया है. एसएसपी वैभव कृष्ण का कहना है कि विभाग के ही कुछ लोगों द्वारा उनकी छवि को धूमिल किया जा रहा है.
मामले पर वैभव कृष्ण का कहना है कि वीडियो में कहीं भी कोई महिला नहीं है और इसे एक फ़ोन से दूसरे फोन को रिकॉर्ड करके बनाया गया है. ध्यान रहे कि इस मामले को लेकर नोएडा के सेक्टर 20 थाने में धारा 67 के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है. वैभव कृष्ण ने वायरल हो रहे इन वीडियो को लेकर प्रेस कांफ्रेंस की है और कहा है कि यदि किसी ने गलत इरादे से इसे प्रचारित या प्रसारित किया तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा.
वहीं इस मामले को सूबे के डीजीपी ओपी सिंह ने भी गंभीरता से लिया है. नोएडा एसएसपी वैभव कृष्ण के कथित अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह और अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. उन्होंने कहा कि एसएसपी वैभव कृष्ण ने कथित वायरल वीडियो होने पर मुकदमा दर्ज करा दिया है. इस मामले की जांच आईजी मेरठ रेंज आलोक सिंह की निगरानी में एसपी मेरठ संजीव सुमन कर रहे हैं. साथ ही डीजीपी ने ये भी कहा कि कई अन्य एजेंसियां भी जांच में सहयोग कर रही हैं.
नोएडा एसएसपी के आरोप
नोएडा एसएसपी कहते हैं कि ये वीडियो यूं ही वायरल नहीं किए गए हैं. उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला दिया है जिसमें उन्होंने सूबे के पुलिस विभाग में फैले भ्रष्टाचार का जिक्र किया था. इस रिपोर्ट में वैभव कृष्ण ने 5 आईपीएस अधिकारियों जिसमें अजयपाल शर्मा, सुधीर सिंह, हिमांशु कुमार, राजीव नारायण मिश्रा तथा गणेश साहा शामिल हैं. उन्होंने इन अधिकारियों पर ट्रान्सफर-पोस्टिंग का धंधा चलाने और षडयंत्र के तहत उनकी मॉर्फ वीडियो बनाने के आरोप लगाए थे.
ध्यान रहे कि वैभव कृष्ण का ये पत्र भी वायरल हुआ है और इसी के बाद पुलिस महकमे में खलबली मची है. लखनऊ में हुई डीजीपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एएससपी नोएडा से भी इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा गया है कि आखिर गोपनीय पत्र वायल क्यों किए गए. डीजीपी ने कहा, 'गोपनीय दस्तावेज को वायरल करना गैरकानूनी है. गोपनीय दस्तावेज के साथ ऑडियो क्लिप भी था. एएसपी से हम पूछेंगे कि क्यों दस्तावेज को वायरल किया गया.
UP DGP OP Singh on reports that SSP Gautambudhnagar wrote letter alleging some senior police officials are involved in transfer racket: We are looking into this whole matter,but this is an unauthorized communication by SSP, its violation of service rules.IG Meerut looking into it pic.twitter.com/rgrj1lRB2E
— ANI UP (@ANINewsUP) January 3, 2020
डीजीपी ओपी सिंह ने इसे सर्विस रूल का उल्लंघन बताया.
जांच कहां पहुंची है
एसएसपी नोएडा वैभव कृष्ण की रिपोर्ट पर एडीजी मेरठ जांच कर रहे हैं. डीजीपी ने बताया कि एसएसपी नोएडा की तरफ से अनाधिकृत कम्युनिकेशन किया गया. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि हमने आईजी मेरठ से कहा है कि एसएसपी से पूछें कि पत्र क्यों वायरल किया गया. ज्ञात हो कि भले ही महकमे के अधिकारियों ने मामले को लेकर दायें-बायें निकालने का प्रयास किया मगर पूरे मामले का संज्ञान खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिया है. मामले को लेकर उन्होंने अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी से रिपोर्ट तलब की है. आइजी कानून-व्यवस्था प्रवीण कुमार त्रिपाठी का कहना है कि प्रथम दृष्टया वायरल वीडियो फर्जी है. प्रकरण में गौतमबुद्धनगर में दर्ज कराई गई एफआइआर की जांच एसपी हापुड़ संजीव सुमन को सौंपी गई है. आइजी रेंज मेरठ अलोक सिंह के पर्यवेक्षण में जांच कराई जा रही है.
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