इसे कुत्ते की मौत नहीं, 'खन कूपर' का निधन कहिए
दुनिया में ऐसे कितने पालतू जानवर होंगे, जिनके बारे में व्यंग्य करने पर कठोर सजा दी जाती हो? कूपर के साथ तो ऐसा ही था.
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उसकी मौत ने मुहावरा बदल दिया. जिसके जीते जी उस पर व्यंग्य की भी इजाजत न हो, फिर 'कुत्ते की मौत' तो अपमानजनक ही होगा.
शोक संदेश
थाइलैंड राजघराने की कुतिया तोंगदेंग की मौत की जानकारी बाकायदा प्रेस रिलीज जारी करके दी गई. तोंगदेंग (कूपर) की मौत की खबर कैजटजार्ट यूनिवर्सिटी के पशु विभाग द्वारा दी गई, "कूपर की मौत राजा के महल में 26 दिसंबर को रात 11.10 बजे सोते वक्त हुई."
सबसे ताकतवर डॉगी
दुनिया में ऐसे कितने पेट होंगे, जिनके बारे में व्यंग्य करने पर कठोर सजा दी जाती हो? कूपर के साथ तो ऐसा ही था.
अलविदा खन तोंगदेंग! |
88 साल के थाइलैंड के राजा भूमिबोल अदुल्यादेज दुनिया के सबसे ज्यादा वक्त तक रहने वाले शासक हैं. राजा की आर्थिक और सामाजिक नीतियों की काफी सराहना भी होती है. राजघराने की मानहानि को लेकर कानून इतना सख्त है कि कभी कोई विवाद या बहस की इजाजत नहीं होती. राज परिवार का अपमान करने का दोषी पाये जाने पर 15 साल की सजा का प्रावधान है.
राजघराने की कुतिया होने के कारण कूपर को भी ये खास रुतबा हासिल था. कूपर के बारे में व्यंग्य करने पर एक शख्स को गिरफ्तार भी कर लिया गया था.
कूपर की शख्सियत
1998 में राजा भूमिबोल ने कूपर को एक गली से उठाकर गोद लिया था. फिर उसे 'खन' की उपाधि दी गई, जैसे अंग्रेजी में 'मैम' संबोधित किया जाता है. मीडिया से लेकर आम लोगों तक हर कोई उसे 'खन कूपर' ही संबोधित करता रहा.
2002 में राजा भूमिबोल ने उस पर एक बड़ी ही भावुक किताब भी लिखी. 'खन तोंगदेंग: द इंस्पिरेशंस को हैरी पॉटर से भी बढ़ कर लोकप्रिय और बेस्ट सेलर बताया जाता है. इस किताब पर एक फिल्म भी बनाई गई.
कूपर की वफादारी के किस्से थाइलैंड के हर घर में सुनाए जाते हैं. महल में लगी ज्यादातर तस्वीरों में कूपर को देखा जा सकता है. अलविदा, खन कूपर.
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