दादरी: एक आहत भारतीय का प्रधानमंत्री के नाम खुला पत्र
और कोई होता तो चुप्पी इतनी नहीं खलती, क्योंकि आप के पास शब्दों की कभी कमी नहीं रही
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आदरणीय प्रधानमंत्री जी,
"सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा! " ये शब्द जब मरहूम अखलाक के बेटे सरताज ने एक नेशनल चैनल पर बोले , पूरे देश की आँखों में आंसू गए. आज हम सब उस परिवार के दुःख में शामिल हैं, जहां एक पिता को बर्बरता से मार दिया और एक बेटा अभी भी ज़िन्दगी और मौत से जूझ रहा है, गनीमत है, बड़ा अहसान है कि उस परिवार की १७ साल की लड़की को भीड़ ने नहीं छुआ (आप ही के एक मंत्री के अनुसार).प्रधानमंत्री जी, जब आपने चुनाव का एलान किया और तब देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी ने आप को भावी प्रधानमन्त्री के तौर पर पेश किया तो आप का नारा था, " सब का साथ, सब का विकास". इस देश की जनता ने, जो एक नए और महत्वाकांक्षी भारत का सपना देख रही थी, पुरानी बातों को भूल कर, आप की इस बात पर विश्वास किया और आप को पूर्ण बहुमत से जिताया.
सब का साथ, सब का विकास, आप के इस विजयी नारे को आप के प्रधानमन्त्री बनने के कुछ दिनों के अन्दर ही तार-तार कर देने की कोशिश होने लगी, कभी एक संप्रदाय को आप ही एक नेता ने "हरामजादे" नाम से नवाज़ा, कभी किसी ने चर्च की बात की, तो किसी ने मंदिर की और किसी ने मस्जिद की.लेकिन अब हद हो गयी है, ५० लोगों की भीड़ ने एक परिवार के मुखिया को एक शक की बिनाह पर पीट पीट कर मार डाला है, देश सदमे में है, विश्व हमें शक की निगाहों से देख रहा है. और कोई होता तो चुप्पी इतनी नहीं खलती, आप के पास शब्दों की कभी कमी नहीं रही, आप देश के साथ Facebook, Twitter और रेडियो पर मन की बात से जुड़ने में यकीन रखते हैं. इसलिए जब आप देश-विदेश को हिलाने वाली इतनी बड़ी घटना पर मुंह नहीं खोलते तो हम सशंकित हो जाते हैं. हमें लगता है की हर छोटी से छोटी बात पर अपनी प्रतिक्रिया देने वाले प्रधानमंत्री, देश-विदेश का दिल दहलाने वाले इस दादरी काण्ड पर मौन क्यों हैं? हमें लगता है कि ये मौन कहीं मूक समर्थन तो नहीं बन जाएगा और फिर बात-बात पर उन्माद फैलाने वाले, गली- मोहल्ले की गुंडा-गर्दी करते हुए बड़े नेता का सपना देखने वाले ये हिंसक पशु बेलगाम हो जायेंगे. ये हमारी रसोई में घुस कर पूछेंगे कि हम खाने में क्या पका रहे हैं, ये हमसे पूछेंगे कि हम किस तरह के कपडे पहनने वाले हैं, ये वो लोग हैं जो कहते हैं कि लड़कियों अगर मिनी-स्कर्ट पहनेंगी, तो उनका रेप तो होगा ही.
कनिका द्वारा बनाया गया कार्टून |
प्रधान मंत्री जी, आप को प्रधान मंत्री हमने बनाया है, सब के साथ के लिए, सब के विकास के लिए, भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए. आप को प्रधान-मंत्री आरएसएस ने नहीं बनाया है, किसी एक धर्म के संगठन ने नहीं बनाया है. तो फिर आज देश जब आप की तरफ देख रहा है, तो आप चुप क्यों हैं? आप हमारे लिए बोलिए, देखिये, पूरा देश, धर्म, जाति, और पुरानी सभी बातों को भूल कर आप के सुर में सुर मिलाएगा.
आप का लाख विरोध करने के बावजूद भी हम कहीं न कहीं आप के प्रगतिवादी प्रयासों की सराहना करते हैं, आप फेसबुक, गूगल, ट्विटर के साथ मिल कर देश को इनफार्मेशन एरा के शिखर पर ले जाना चाहते हैं, लेकिन बताइये कि क्या ये सब व्यक्तिगत स्वतंत्रता के बिना संभव है? जब हम इसी में उलझे रहेंगे कि क्या खाएं, क्या पियें, क्या पहनें, कब जाएँ, कब आयें तो नया कब सोचेंगे? उस पर ये दादरी जैसी घटनाएं जो उन्नति के मनोबल की कमर ऐसे तोड़ देती हैं कि फिर सालों उठ न पायें.
देश के प्रधानमंत्री के तौर पर आप का नाम इतिहास में दर्ज हो चुका है लेकिन अगर आप हिम्मत करके अपने आस पास के इस पुरातन पंथी जाल-जंजाल को तोड़ कर देश के युवा के सुर के साथ सुर मिलायेंगे, तो इतिहास आप को एक अलग ढंग से याद रखेगा .
आप ने मार्क जकरबर्ग की मां से उसकी खूब तारीफ की, कि उन्होंने दुनिया को एक होनहार बेटा दिया, मैंने देखा था कि आप के पास प्रशंसा के कई शब्द थे, लेकिन आप दो शब्द अखलाक के लिए क्यों नहीं निकाल रहे हैं, जिसने देश को ऐसा बेटा दिया जो इंडियन एयरफोर्स की शान बना है.
आप की चुप्पी बहुत खल रही है....
खैर, अब अखलाक के बेटे के इन शब्दों के साथ ये पत्र बंद कर रही हूँ कि....'सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा'
एक भारतीय,
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