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सियासत
| बड़ा आर्टिकल
मृगांक शेखर
@msTalkiesHindi
Babita Phogat ने Lockdown 2.0 में चुनावी हार की तकलीफ काफी कम कर ली
कुश्ती में चैंपियन नहीं बबीता फोगाट (Babita Phogat) को सियासी अखाड़े में पहली बार ही शिकस्त मिली, लेकिन लॉकडाउन 2.0 (Lockdown 2.0) में दादरी का दर्द काफी कम हो चुका है - कोरोना फैलाने को लेकर तब्लीगी जमात (Tablighi Jamaat) पर बबीता की टिप्पणी खूब ट्रेंड कर रही है.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
आईचौक
@iChowk
देश के सामने आतंकवाद के बाद बड़ा खतरा तो 'मॉब लिंचिंग' ही है!
देश के सामने सबसे बड़ा खतरा आतंकवाद है जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर उठा रहे हैं - लेकिन उसके बाद अगर कोई खतरा लग रहा है तो वो है - मॉब लिंचिंग. मध्य प्रदेश और झारखंड की घटनाएं तो यही बता रही हैं.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
क्या प्रणब मुखर्जी के 'मन की बात' को PM मोदी अब भी वैसे ही अपनाएंगे?
2015 में जब असहिष्णुता को लेकर देश में बवाल चल रहा था तो प्रणब मुखर्जी की बातों को प्रधानमंत्री ने ब्रह्म वाक्य के तौर पर पेश किया था. देखना है पूर्व राष्ट्रपति के नागपुर संदेश को प्रधानमंत्री किस रूप में लेते हैं.
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
गिरिजेश वशिष्ठ
@girijeshv
चंदन के असली हत्यारे वही हैं जिन्होंने अखलाक को मारा था
सांप्रदायिकता को माफ नहीं किया जा सकता. ये लोगों के प्राण ही नहीं लेती बल्कि देश के प्राणों पर भी हमला करती है. सिर्फ अखलाक नहीं, सिर्फ चंदन नहीं. साप्रदायिक एजेंडा सिद्ध करने में जो जो काम आता है, उसका महिमा मंडन ऐसे ही किया जाता है.
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
भोजपुर में ट्रक पर गौरक्षकों का हमला बिहार में बीजेपी का स्वागत है या दस्तक?
सितंबर 2015 में जब दादरी में एखलाक की हत्या हुई तब बिहार में विधानसभा के चुनाव की तैयारियां चल रही थीं. गौरक्षकों के हमले की पहली घटना में सामने तभी आयी है जब चुनाव के 20 महीने बाद नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ सरकार बना ली है.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
तिरंगे में लिपटा ये शव हमारे सैनिकों का अपमान है...
किसी शव पर जब हम तिरंगा लिपटा हुआ देखते हैं तो पहला ख्याल सैनिकों की शहादत का आता है. लेकिन किसी हत्या के आरोपी को तिरंगे के नीचे रखने का मकसद क्या हो सकता है ?
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
विकास मिश्र
@vikas.mishra.7393
मत कीजिए समाज का सर्जिकल ऑपरेशन !
हमारे ही कुछ कट्टर साथी कहते हैं कि ज्यादातर मुसलमान दिल से पाकिस्तान के साथ हैं. क्या ऐसा है ?
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
अभिरंजन कुमार
@abhiranjan.kumar.161
कैराना ही नहीं, दादरी भी कानून-व्यवस्था का ही मामला था जहांपनाह!
जैसे हर घटना को कानून-व्यवस्था के दायरे में डील किया जा सकता है, वैसे ही दादरी की घटना को भी किया जा सकता था और किया भी गया. लेकिन फिर भी उसमें बहुत देर हुई. उस समय एक ही एजेंडा था कि बिहार चुनाव में फ़ायदे के लिए कैसे भी इस मामले को सांप्रदायिक रंग देकर तूल देना है.
सियासत
| 7-मिनट में पढ़ें
आर.के.सिन्हा
@RKSinha.Official
अब बोलो अखलाक की मौत पर बवाल काटने वालों !
यदि अखिलेश में हिम्मत है तो वे बिसहाड़ा में गोकशी करने वाले, गोमांस रखने वाले और गोमांस का सेवन करने वाले लोगों की पहचान कर उन पर अपने ही राज्य में लागू कानून के तहत गिरफ्तार करें.