अमेरिकी नेतृत्व से मलाला ने वो कहा जिसे कहने के लिए वो इमरान खान को टाइम नहीं दे रहे हैं
मलाला युसूफजई ने अफगानिस्तान की एक स्कूली छात्रा सोतूदा फोरातन का संदेश अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को पहुंचा कर युद्ध से जर्जर हो चुके देश में लड़कियों की शिक्षा के लिए बाइडन प्रशासन से मदद मांगी है. ध्यान रहे ये सब उस वक़्त हुआ है जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपनी बात कहने के लिए बाइडेन की कॉल का इंतेजार कर रहे थे.
-
Total Shares
साल 2021 के अगस्त का मध्य. विश्व एक बड़े सत्ता परिवर्तन का साक्षी बना और ये परिवर्तन हुआ सुदूर अफ़ग़ानिस्तान में जहां राष्ट्रपति अशरफ गनी की सत्ता को न केवल कुख्यात आतंकी संगठन तालिबान ने चुनौती दी बल्कि उसे उखाड़ फेंका और काबुल पर कब्जा कर लिया. घटना का सबसे विचलित करने वाला पहलू अमेरिका था जिसने घटना पर वैसी प्रतिक्रिया नहीं दी जैसी उम्मीद आमतौर पर उससे की जाती है. अफगानिस्तान पर तालिबान को कब्जे करे ठीक ठाक वक़्त गुजर चुका है. जैसे हालात हैं अफगानिस्तान की स्थिति अच्छी नहीं है और मुल्क दशकों पीछे चला गया है. बात सबसे ज्यादा प्रभावित लोगों की हो तो महिलाएं और लड़कियां हैं. तालिबान पर लगातार यही आरोप लग रहा है कि वो लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा तक से वंचित कर उनके मानवाधिकारों का हनन कर रहा है. इन्हीं गफलतों के बीच नोबेल पीस प्राइज विनर और पाकिस्तानी एक्टिविस्ट मलाला यूसुफजई द्वारा एक बड़ी पहल को अंजाम दिया गया है.
मलाला युसूफजई ने अफगानिस्तान की एक स्कूली छात्रा सोतूदा फोरातन का संदेश अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को पहुंचा कर युद्ध से जर्जर हो चुके देश में लड़कियों की शिक्षा के लिए बाइडन प्रशासन से मदद मांगी है. ध्यान रहे ये सब उस वक़्त हुआ है जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपनी बात कहने के लिए बाइडन की कॉल का इंतेजार कर रहे थे.
मलाला को उचित सम्मान देकर अमेरिका ने तालिबान से वार्ता को आतुर इमरान खान के मुंह पर करारा तमाचा जड़ दिया है
बताया जा रहा है कि जहां एक तरफ मलाला का अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मिलना किसी भी पाकिस्तानी के लिए गर्व का क्षण है. वहीं जिस तरह इमरान को अमेरिका ने नजरअंदाज किया है. वो इस बात की तस्दीख कर देता है कि अब तक अमेरिका भी समझ गया है कि इमरान का असली चाल, चरित्र और चेहरा क्या है?
While @ImranKhanPTI still waits for a call from President Biden, daughter of Pakistan @Malala (whom PTI supporters/Youthias love to hate) is received with honor at @StateDept. If only establishment supporting Pakistanis understood the value of Pakistanis respected by others… https://t.co/YnHz01S0xu
— Husain Haqqani (@husainhaqqani) December 7, 2021
बात अफगानी छात्रा फोरातन की हुई है तो ये बता देना बहुत जरूरी है कि 15 साल की फोरातन को अभी बीते दिनों गई ब्रिटेन के अखबार फाइनेंसियल टाइम्स ने 2021 की 25 सर्वाधिक प्रभावशाली महिलाओं की सूची में शामिल किया था. फोरातन को ये उपलब्धि कैसे हासिल हुई है? इसकी वजह भी खासी दिलचस्प है.
ज्ञात हो कि तालिबान द्वारा काबुल में सत्ता पर कब्जा करने के बाद स्कूलों में सातवीं से 12 वीं कक्षा तक में बालिकाओं की शिक्षा पर प्रतिबंध लगाये जाने के तालिबान सरकार के फैसले के खिलाफ फोरातन ने न केवल आवाज उठाई थी बल्कि उसने अपनी जान की परवाह किये बगैर मुखर होकर तालिबान की आलोचना की थी.
She is not from #Afghanistan but we appreciate her efforts by the way.
— HONAR (@HONAR007) December 6, 2021
मलाला ने विदेश मंत्री ब्लिंकन और अन्य अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात की थी और फोरातन का पत्र पढ़ कर सुनाया था. मलाला ने ब्लिंकन से इसे राष्ट्रपति जो बाइडन तक पहुंचाने का आग्रह भी किया था. अपने द्वारा लिखे पत्र में फोरातन ने ब्लिंकन और बाइडन से शिक्षा प्राप्त करने में अफगान लड़कियों की मदद करने की अपील की है.
गौरतलब है कि मलाला द्वारा जो फोरातन का पत्र साझा किया गया है उसमें इस बात का जिक्र है कि, 'जब तक स्कूल और विश्वविद्यालय लड़कियों के लिए बंद रहेंगे, हमारे भविष्य की उम्मीद फीकी रहेगी. शांति और सुरक्षा लाने के लिए लड़कियों की शिक्षा एक शक्तिशाली उपाय है. वहीं मलाला ने ये भी कहा कि, एक लड़की और मानव होने के नाते मैं आपको बताना चाहती हूं कि महिलाओं और लड़कियों के भी अधिकार हैं. अफगानों को शांति में रहने, स्कूल जाने और खेलने-कूदने का अधिकार है.
Saddam, Qaddafi , Shah Iran, Bhutto , Faisal, Aung San Suu Ki were all darling of the west in their heydays. Being west blue eyed girl will serve them not her.The sooner she realizes the better.
— Aamir Rizwan (@AamirRizwan2017) December 7, 2021
सत्ता परिवर्तन के बाद अफगानिस्तान मुश्किल हालात का सामना कर रहा है. ऐसे में मलाला द्वारा लगातार यही प्रयास किये जा रहे हैं कि अफगानी लड़कियों को शिक्षा के साथ-साथ खुलकर जीने का अधिकार मिले. ब्लिंकन के सामने मलाला द्वारा इस बात का भी जिक्र किया गया कि हाल फिलहाल में अफगानिस्तान ही एकमात्र ऐसा देश है, जहां लड़कियों की शिक्षा पर प्रतिबंध है.
जिक्र इमरान खान और अमेरिका का हुआ है तो बताना बहुत जरूरी है कि इमरान ब्लिंकन से नाराज हैं. दरअसल हुआ कुछ यूं है कि पाकिस्तान को लेकर अपने द्वारा दिये गए एक बयान में कहा था कि अफगानिस्तान से अपनी सेनाओं को बुलाने के बाद अमेरिका, पाकिस्तान से अपने संबंधों पर फिर से विचार करेगा.
अमेरिका की इस बात पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कड़ी आपत्ति जाहिर की थी और कहा था कि अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता का सर्वश्रेष्ठ तरीका बस तालिबान के साथ वार्ता है. मामले में सबसे रोचक तथ्य ये भी है कि इमरान खान ने अमेरिका को चेतावनी दी थी और कहा था कि अमेरिका अपने लक्ष्यों को सेना के दम पर हासिल नहीं कर सकता है. उसे इस समस्या को दूर करने के लिए राजनीतिक तौर पर प्रयास करने चाहिए थे.
What nonsense, the same Pakistan which is behind Taliban and destroying all efforts by the US to establish a democratic government in Afghanistan, now they are sending their puppet to talk about women? She is not representing Afghans.
— arian (@TrueSonOfSoil) December 7, 2021
बहरहाल जिस तरह एक पाकिस्तानी मलाला को हाथों हाथ लेते हुए अमेरिका ने दूसरे पाकिस्तान यानी प्रधानमंत्री इमरान खान को आईना दिखाया इस बात की पुष्टि हो गयी है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की क्या हैसियत है और लोग इमरान खान के प्रति कितनी गंभीरता दिखाते हैं.
मौजूदा वक्त में जो सुलूक अमेरिका द्वारा इमरान खान के साथ किया गया है उससे उन्हें सबक लेना चाहिए और इस बात को समझना चाहिए कि कभी कभी हर मुद्दे पर चौधरी बनना व्यक्ति की इज्ज़त के लिए खासा हानिकारक होता है.
ये भी पढ़ें -
यूपी में योगी आदित्यनाथ के लिए सब ठीक है, सिवाय एक खतरे के- ओमिक्रॉन!
मोदी और देवेगौड़ा के मन की बात को कांग्रेस- राहुल गांधी को बार बार सुनना चाहिए
वसीम रिजवी के हिंदू हो जाने के बाद मथुरा मस्जिद की 'घर-वापसी' कराने की तैयारी!
आपकी राय