पाकिस्तानी 'दुल्हनों' की चीन को तस्करी और बदले में रूखा जवाब
पाकिस्तानी लड़कियों की चीनी लड़कियों से शादी और बाद में उनकी बर्बादी का खुलासा तो पहले ही हो गया था, लेकिन अब इसपर चीन का जवाब बताता है कि पड़ोसी देश के मंसूबे क्या हैं!
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पाकिस्तान और चीन के रिश्ते को लेकर गाहे-बगाहे खबरें आती ही रहती हैं. CPEC कॉरिडोर और चीन का Pakistan में अरबों रुपए का निवेश ये बताता है कि धीरे-धीरे चीन की पकड़ पाकिस्तान में बढ़ रही है, लेकिन एक तरफ निवेश की चकाचौंध है तो दूसरी तरफ चीनी साजिशों के तले पाकिस्तान दबा जा रहा है, लेकिन इसपर कोई एक्शन नहीं लिया जाता. पाकिस्तानी लड़कियों की China में तस्करी का मामला वैसे तो सामने आता रहता था, लेकिन अब ये एक ह्यूमन ट्रैफिकिंग रैकेट के तौर पर सामने आया है. और कमाल की बात देखिए चीन ने इस सबके बाद भी इस बात से इंकार कर दिया है कि उसकी तरफ से कोई ऐसा रैकेट चलाया जा रहा था.
मुकदास अशरफ 17 साल की पाकिस्तानी महिला अपने चीनी पति से तलाक लेने की कोशिश में है. वो गर्भवति है. उसके माता-पिता ने 16 साल की उम्र में ही एक चीनी पुरुष से उसकी शादी कर दी थी. पांच महीने बाद ही वो अपने घर वापस आ गई. उसका पति उसे मारता था, किसी और के साथ जाने को कहता था.
पाकिस्तान में ऐसी सैकड़ों लड़कियां हैं. गरीब ईसाई और मुस्लिम लड़कियां जिन्हें चीन में दुल्हन बनाकर ले जाते हैं और फिर कुछ और ही दिनों में या तो उन्हें बेच देते हैं या फिर उनसे किसी अन्य तरह का काम लेते हैं. पाकिस्तान में ये रैकेट इस तरह से चल रहा है कि चीनी पुरुष न सिर्फ ब्रोकर बल्कि ईसाई पादरी और मुस्लिम मौलाना की मदद से भी गरीब लड़कियों को अपना शिकार बनाते हैं. ऐसे परिवार अपनी बेटियों के बदले में पैसे भी लेते हैं.
परिवार वालों को लगता है कि उनका दामाद एक अमीर इंसान है और ईसाई कनवर्ट है. उन्हें काफी पैसे दिए जाते हैं. कई लड़कियों के मुताबिक दूल्हा उनमें से कुछ नहीं होता. AP की रिपोर्ट के मुताबिक कई परिवारों, पादरी, एक्टिविस्ट यहां तक कि सरकारी अधिकारियों को भी इसके बारे में कुछ नहीं पता होता है. एक बार चीन पहुंचने के बाद लड़कियों की शादी उनकी मर्जी के खिलाफ कर दी जाती है और उन्हें चीन के किसी सुदूर इलाके में भेज दिया जाता है. वो न ही वहां की भाषा जानती हैं और यहां तक कि एक ग्लास पानी के लिए भी उन्हें ट्रांसलेशन एप की मदद लेनी होती है.
पाकिस्तानी मुस्लिम और ईसाई लड़कियां चीन की बहु बनकर जा रही हैं.
लाहौर में सामने आया था ये रैकेट-
कुछ दिन पहले चीनी पुरुषों का एक रैकेट सामने आया था जो पाकिस्तानी नागरिकों के साथ मिलकर पाकिस्तानी लड़कियों की तस्करी कर रहे थे. इस रैकेट में 8 चीनी नागरिक और 4 पाकिस्तानी नागरिक शामिल थे. ये लोग पाकिस्तानी एजेंट्स के साथ मिलकर पाकिस्तानी लड़कियों से शादी करते थे और चीन भेज देते थे जहां लड़की को देहव्यापार में ढकेल दिया जाता था. इस रैकेट का हिस्सा एक चीनी महिला भी थी.
ये 8 चीनी नागरिक इस रैकेट का हिस्सा थे जिन्हें पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया था.
इसी के साथ, 4 पाकिस्तानी नागरिक थे जिनमें से एक पंजाब पुलिस अफसर का बेटा भी था जो रेड पड़ने पर भाग निकला था. ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो चीन के इस गोरखधंधे को सपोर्ट करते हैं.
इस मामले में चीन का जवाब भी चौंका सकता है-
भले ही पाकिस्तान में चीनी नागरिकों को गिरफ्तार कर लिया गया हो, भले ही कई मीडिया रिपोर्ट्स, एक्टिविस्ट और एजेंसियां ये दावा कर रही हों, सबूत भी हों, लेकिन चीन तो मना करेगा ही. चीनी एम्बेसी ने इस तरह के किसी भी आरोप को नकारा है. एम्बेसी ने स्टेटमेंट भी जारी किया है कि चीन की पब्लिक सिक्योरिटी मिनिस्ट्री के अनुसार पाकिस्तानी महिलाओं का न तो शोषण किया जा रहा है न ही उनके अंगों को बेचा जा रहा है.
यहां तक कि स्टेटमेंट में ये भी लिखा गया है कि कुछ अपराधियों की गतिविधी से चीन और पाकिस्तान की दोस्ती पर असर नहीं पड़ना चाहिए. हालांकि, यहां भी गुनहगार को सज़ा देने और पाकिस्तान की पूरी मदद करने की बात लिखी गई है, लेकिन चीनी अधिकारी अपने बाशिंदों द्वारा किए गए किसी भी जुर्म को बड़ा मान ही नहीं रहे. चीन की तरफ ये कहना कि पाकिस्तानी कानून के हिसाब से काम होगा साफ जाहिर करता है कि चीन अपनी तरफ से कोई कार्यवाई नहीं करना चाह रहा है.
जो पाकिस्तानी लड़कियां चीन से वापस आई हैं उनकी आपबीती सुनकर परिवारों को झटका लग रहा है. कई महिलाओं के साथ शारीरिक शोषण होता है, उन्हें मारा-पीटा जाता है, उनसे कड़ी मेहनत करवाई जाती है.
क्यों चीन में बढ़ रही है पाकिस्तानी लड़कियों की मांग-
चीनी सरकार के कुछ न करने का एक कारण ये भी हो सकता है कि जो अभी पाकिस्तान में हो रहा है वो कई सालों से वियतनाम, लाओस, नॉर्थ कोरिया जैसे देशों के साथ हो रहा था. नॉर्थ कोरिया से तो भागी हुई लड़कियां जब चीन पहुंचती थीं तब उन्हें देह व्यापार से लेकर अंगों की तस्करी तक के लिए इस्तेमाल किया जाता था. अक्सर इनसे शादी कर इन्हें सुरक्षा दी जाती थी. क्योंकि चीन में नॉर्थ कोरिया से आए रिफ्यूजियों को वापस भेजने का कानून है इसलिए नॉर्थ कोरियन दुल्हनें किसी से इसकी शिकायत भी नहीं कर पाती थीं. ऐसा ही वियतनाम और लाओस के साथ भी होता था.
चीन की 1 बच्चे की पॉलिसी के कारण उसे देश का लिंग अनुपात बहुत बिगड़ गया है. अधिकतर पुरुष कुंवारे रहते हैं. ऐसे में विदेशी दुल्हनों की मांग बढ़ गई है. पिछले साल से पाकिस्तान इस शादी के बिजनेस का नया केंद्र बना है. पाकिस्तानी ईसाई एक्टिविस्ट सलीम इकबाल के अनुसार पिछले साल अक्टूबर से लेकर अब तक 750-1000 पाकिस्तानी महिलाएं चीन जा चुकी हैं. पाकिस्तानी ईसाई समुदाय को ज्यादा टार्गेट किया जा रहा है क्योंकि उनके पास भी कोई खास सामाजिक या राजनीतिक सपोर्ट नहीं है.
जब चीन की तरफ से इतने सालों में विदेशी दुल्हनों का मार्केट नहीं खत्म किया जा सका तो पाकिस्तान के साथ ऐसा हो, ये जरूरी नहीं है. कुल मिलाकर चीन ने भी पाकिस्तान की गहरी दोस्ती का सिला सिर्फ एक राजनयिक जवाब देकर दे दिया है.
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