कुलभूषण जाधव के बारे में 'गुड न्यूज़' देने वाले दुनिया के सबसे अच्छे देश की सच्चाई
कुलभूषण जाधव फिर चर्चा में है. पाकिस्तानी सेना ने पाकिस्तानी आवाम को आश्वस्त किया कि कुलभूषण जाधव की दया याचिका अपने अंतिम चरण में है और और जल्दी ही उन्हें अच्छी खबर सुनने को मिलेगी जबकि आईसीजे के इस पर अपने तर्क है.
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कल पाकिस्तानी सेना ने पाकिस्तानी आवाम को आश्वस्त किया कि कुलभूषण जाधव की दया याचिका अपने अंतिम चरण में है और और जल्दी ही उन्हें 'गुड न्यूज़' (अच्छी खबर) सुनने को मिलेगी तबकी जब इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस (आईसीजे) ने जाधव के मृत्युदंड पर किसी निष्कर्ष पर पहुँचने तक रोक लगा दी है. कुलभूषण जाधव एक आम भारतीय नागरिक है जिसे पाकिस्तानी सेना ने जासूस करार देकर मृत्युदंड दे दिया है.
भारत ने अपना लिखित पक्ष आईसीजे में रख दिया है और पाकिस्तान को अपना जवाब 13 दिसंबर तक जमा करना है. इसका मतलब कुलभूषण को निकट भविष्य में मृत्युदंड नहीं दिया जा सकता है. लेकिन पाकिस्तानी प्रोपेगंडा कुछ भी कर सकता है. यहाँ तक कि पाकिस्तान को दुनिया में सबसे शांतिप्रिय और श्रेष्ठ देश घोषित करने में.
कुलभूषण यादव के कंधे पर बंदूक रखकर पाकिस्तान दुनिया के सामने अच्छा बनने की कोशिश कर रहा
कल जब पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता कुलभूषण जाधव के बारे में ज़हर उगल रहे थे और भारत को चेतावनी दे रहे थे, तो उन्होंने ये भी दावा किया कि पाकिस्तान में हर तरफ शांति है और आतंकवादियों को नेस्तनाबूद किया जा चुका है जबकि सच्चाई ये है कि साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार सिर्फ 2017 में पाकिस्तान में 100 से ज्यादा बड़ी आतंकवादी वारदातें हो चुकी हैं जिनमे 400 से ज्यादा नागरिकों और 150 से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है.
और कल भी, जब पाकिस्तानी सेना फिर से आत्ममुग्ध हो अपना गुणगान कर रही थी, कोई अपवाद नहीं था जब बलूचिस्तान प्रान्त के एक सूफी दरगाह पर आत्मघाती हमले ने 18 की जान ले ली. पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान दुनिया में श्रेष्ठ देश है जबकि सच्चाई ये है कि पाकिस्तान आतंक पर अपनी दोहरी नीतियों, दोगलेपन और चालबाज़ियों कि वजह से दुनिया में अलग-थलग पड़ता जा रहा है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनकी सरकार ने पाकिस्तान को बार बार आतंकवादियों की पनाहगाह करार दिया है. उनका कहना है कि पाकिस्तान जिस थाली में खाये उसमे अब और छेद नहीं कर सकता और पाकिस्तान को अपनी धोखेबाज़ी और दोहरी चालों को छोड़ना होगा अगर उसे अमेरिका का मित्र बने रहना है. 2011 से अमेरिका पाकिस्तान को 15 बिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा की मदद दे चुका है लेकिन ट्रम्प प्रशासन ने अब उसमें भी कटौती करनी शुरू कर दी है और पाकिस्तान से अपने दिए मदद का हिसाब भी माँगा है अगर पाकिस्तान को आगे भी मदद चाहिए तो. ऐसा पाकिस्तान दुनिया में श्रेष्ठ देश है जहाँ चारो तरफ शांति व्याप्त है! पाकिस्तानी सेना का प्रोपेगंडा कुछ भी कर सकता है. तानाशाही की फितरत ही ऐसी होती है.
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