पुलवामा हमले को 'पाकिस्तान का सबसे शानदार पल' बताने वाला नेता भी आतंकी है
सीनेटर मुशाहिद हुसैन सैयद ने अपने मुंह से कबूल कर लिया है कि पुलवामा हमले में पाकिस्तान का हाथ था. लेकिन इस बात को कहते हुए उनकी आंखों में कोई शर्म या पछतावा नहीं, बल्कि गर्व दिख रहा था.
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पुलवामा हमले के बाद जब पाकिस्तान पर उंगलियां उठना शुरू हुई थीं तो इमरान खान ने उल्टा भारत पर निशाना साधा था. उनका कहना था कि भारत में कुछ भी होता है तो इसके लिए बिना सोचे समझे पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहरा दिया जाता है. लेकिन कुछ ही समय में मसूद अजहर के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा हमले की जिम्मेदारी ले ली, जो पाकिस्तान में ही फल-फूल रहा है. इतना होने के बाद भी इमरान खान की हेकड़ी में कोई कमी नहीं आई और वह पाकिस्तान को पाक साफ बताते रहे. लेकिन अब एक पाकिस्तानी सीनेटर ने जो बात कही है, वो ना सिर्फ पाकिस्तान और इमरान खान की पोल खोलता है, बल्कि ये भी साबित करता है कि वह सीनेटर खुद भी किसी आतंकी से कम नहीं है.
ये सीनेटर हैं मुशाहिद हुसैन सैयद, जिन्होंने अपने मुंह से कबूल कर लिया कि पुलवामा हमले में पाकिस्तान का हाथ था. लेकिन इस बात को कहते हुए उनकी आंखों में कोई शर्म या पछतावा नहीं, बल्कि गर्व दिख रहा था. किसी भी देश का कोई भी नेता कम से कम खुलेआम तो ऐसा नहीं कह सकता है, लेकिन जब बात पाकिस्तान की होती है तो आतंक को पालने-पोषने वाले इस देश के नेता खुलकर आतंकियों के साथ खड़े दिखते हैं. अब तक इमरान खान आतंकी मसूद अजहर को बचाव कर ही रहे थे, अब मुशाहिद हुसैन सैयद ने भी दिखा दिया कि पाकिस्तानी धरती पर आतंकवाद उनके सिस्टम का एक हिस्सा है और आतंकी उनके चाहने वाले हैं.
सीनेटर मुशाहिद हुसैन सैयद ने अपने मुंह से कबूल कर लिया है कि पुलवामा हमले में पाकिस्तान का हाथ था.
क्या बोले मुशाहिद हुसैन सैयद?
पाकिस्तान के विदेशी मामलों की सीनेट कमेटी के चेयरमैन मुशाहिद हुसैन सैयद इस्लामाबाद में इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रेटेजिक स्टडीज द्वारा आयोजित एक थिंक टैंक मीटिंग में बोल रहे थे. उन्होंने कहा- 'फरवरी में पुलवामा में जो हुआ, वो मेरे हिसाब से पिछले 20 सालों में 1998 के परमाणु टेस्ट के बाद पाकिस्तान का सबसे शानदार पल था. हर कोई एकजुट था. हमने सही समय पर सही फैसला सही तरीके से किया और पूरी दुनिया में वाहवाही बटोरी. देश में हर किसी ने उस मामले को अच्छे से संभाला. भले ही वो राजनीतिक नेता हों, सरकार हो, विपक्ष हो, सेना हो, मीडिया हो, हर कोई एकजुट दिखा और मैं कहूंगा कि ये पाकिस्तान का सबसे शानदार पल था.'
#BigExpose "Pulwama (attack) was Pakistan's finest hour after Nuclear-Test in Last 20 Yrs.''- Pakistani Think Tank Senator @Mushahid exposing Pakistan's involvement in Pulwama and rejoicing the moment. He is Chairman PCI and Senate Foreign Affairs Committee, at @ISSIslamabad. pic.twitter.com/wYOxXDaDQl
— Jammu-Kashmir Now (@JammuKashmirNow) March 14, 2019
अब इमरान खान को कौन सा सबूत चाहिए?
इमरान खान ने पुलवामा हमले के बाद एक वीडियो जारी करते हुए कहा था कि अगर भारत उन्हें पर्याप्त सबूत दे तो वह कार्रवाई जरूर करेंगे. जिस आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी ली वो पाकिस्तान की धरती पर चल रहा है, बालाकोट में हुए एयर स्ट्राइक में आतंकी मारे गए और अब खुद पाकिस्तानी सीनेटर ने अपने मुंह से बोल दिया कि पुलवामा में जो कुछ हुआ वह पाकिस्तान के लिए सबसे अच्छा पल था. इन सब के बाद अब इमरान खान को सबूत नहीं मांगना चाहिए, अगर वो वाकई कोई सबूत ही चाहते थे तो... हां अगर सबूत मांगना सिर्फ एक ढोंग था, ताकि मामला टाला जा सके, तो इमरान खान को अपने नेता की बात भी सही ही लगेगी.
पिछले साल नवंबर में ईरान के 5 सैनिकों को एक आतंकी समूह ने पकड़ लिया था, जो पाकिस्तानी धरती पर चलता है. उस दौरान तो मुशाहिद हुसैन सैयद ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि पहले पाकिस्तान को अपना घर संभालना चाहिए और अपनी धरती का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में नहीं होने देना चाहिए. जब ईरान के लिए मुशाहिद के दिल में इतनी दया है तो भारत के मामले में वह क्रूर क्यों हो गए हैं? आखिर भारत पर पुलवामा हमला करने का जिम्मेदार भी तो वही संगठन (जैश-ए-मोहम्मद) है, जो पाकिस्तानी धरती पर चल रहा है, तो उसके खिलाफ क्यों नहीं बोल रहे. सीनेटर मुशाहिद हुसैन का ये दोहरा रवैया साफ करता है कि जब भी भारत की बात आती है तो वह एक नेता नहीं, बल्कि एक आतंकी जैसा बर्ताव करते हैं और इस बार उन्होंने ये साबित भी कर दिया है.
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