पाकिस्तान में धर्मांतरण: घर लौटी सिख लड़की जैसी खुशकिस्मती सबकी नहीं होती
पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों के धर्मांतरण के बाद अब ये खबर आना कि वहां सिख लड़कियों का भी धर्म बदला जा रहा है. करतारपुर कॉरिडोर के लिए सिखों के हित की बात करने वाले इमरान खान की नीयत पर सवाल खड़े करता है.
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पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के साथ ज्यादतियां कोई नई बात नहीं हैं. ऐसे में अब जो वहां हुआ है उसने न सिर्फ अल्पसंख्यक समुदाय के लिए इमरान खान की नीयत पर सवाल खड़े किये हैं. बल्कि ये तक बता दिया है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू और सिख समुदाय के लोग बिलकुल भी महफूज नहीं हैं. पाकिस्तान के सिख नाराज हैं. कारण है गुरुनानक देव की जन्मभूमि ननकाना साहब के एक गुरुद्वारे में सेवा दे रहे ग्रंथी की बेटी का अपहरण फिर उसका धर्मांतरण और बाद में जबरदस्ती निकाह. गुरु नानक जयंती से ठीक पहले घटी इस घटना ने पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों को बुरी तरह से डरा दिया है. पाकिस्तान के अलावा भारत में भी घटना को लेकर रोष है और मांग की जा रही है कि करतारपुर कॉरिडोर के लिए दुनिया की नजर में अच्छे बनने वाले प्रधानमंत्री इमरान खान इस बड़ी घटना पर अपनी चुप्पी तोड़ें और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दें.
इस घटना के सार्वजनिक होने के बाद से पाकिस्तान के इस्लामी कट्टरपंथी प्रोपेगेंडा कर रहे थे कि सिख लड़की अपनी मर्जी से अपने प्रेमी के साथ चली गई और उसने इस्लाम कबूल कर निकाह कर लिया. जैेसा कि ऐसे हर मामले में किया जाता रहा है. शुक्रवार रात को पुलिस ने अगवा की गई सिख लड़की को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाया और उसके परिवार के हवाले कर दिया. इस मामले में 8 लोगों की गिरफ्तारी की बात भी सामने आई है. यानी लड़की का अपनी मर्जी से चले जाना सब झूठा साबित हुआ. लेकिन इस सिख लड़की जैसी खुशकिस्मती पाकिस्तान की बाकी हिंदू और सिख लड़कियों की नहीं रही, जिन्हें जबरन उठवा लिया गया.
हिन्दुओं के बाद अब पाकिस्तान में सिख लड़की के धर्मांतरण से इमरान खान चौतरफा आलोचना का शिकार हो रहे हैं
आखिर इस सिख लड़की के मामले में क्यों हुई कार्रवाई
लड़की को अगवा किए जाने के बाद उसके भाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा. उसने बताया कि कैसे इस अहम मसले पर पूरा प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है और एफआईआर होने के बावजूद उनकी शिकायत को नजरंदाज किया जा रहा है. एफआईआर मेंं बताया गया था कि 28 अगस्त को गुरुद्वारा तम्बू साहिब में ग्रंथी के तौर पर सेवा देने वाले व्यक्ति की बेटी को जबरन इस्लाम कबूल करवाया गया और फिर उसकी शादी मोहम्मद अहसान नाम के शख्स से करा दी गई. धर्मांतरण और जबरन शादी के आरोप में एक महिला रुकैया समेत 6 लोगों पर केस दर्ज करवाया गया.
Shocking incident of a Sikh girl being kidnapped & forced to convert to Islam in Nankana Sahib, Pakistan. Call upon @ImranKhanPTI to take firm and immediate action against the perpetrators. Request @DrSJaishankar to strongly take up the issue with his counterpart at the earliest. pic.twitter.com/hpHvD9kkEJ
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) August 30, 2019
मामले पर लड़की का भी विडियो आया है जिसको देखकर इस बात का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता था कि अपहरण के बाद धर्मांतरण और फिर निकाह के लिए उसपर जबरदस्त दबाव बनाया गया है.
Sikh girl kidnapped and forcefully converted and married to Muslim men on gunpoint.This is the reality of Pakistan where no minorities r safe they only have options to convert/leave/or killed by terrorists.This happen on daily basis &state sponsored.#SaveMinoriesInPakistan pic.twitter.com/3qYeAGGeje
— Lukky Vaishnav (@Lukky_Vaishnav) August 30, 2019
मामला कितना गंभीर है और पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय को कैसे डरा कर रखा गया है इसका अंदाजा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे उस वीडियो से भी लगाया जा सकता था जिसमें लड़की के भाई का आरोप है कि इलाके के लोग उनपर दबाव बना रहे हैं और मुंह बंद करने की बात कह रहे हैं. लड़की के भाई का ये भी आरोप है कि उसे ये भी धमकी मिली है कि यदि उन्होंने मामले को लेकर विरोध किया तो उन्हें भी मुसलमान बना दिया जाएगा.
Pakistan an Islamic republic country looking for secularism in India while torturing, forcibly converting people from minority communities living in #Pakistan such as #Sikh, #Hindu, and others. Think, why nobody listens to you...? #Sikhgirl pic.twitter.com/Gns7jsJFEX
— Ajay Kumar (@ajaykumar_39) August 30, 2019
मामले को लेकर राजनीति तेज हो गई. एक बड़ा वर्ग है जो लड़की के साथ हो रही ज्यादती के विरोध में मुखर होकर सामने आया है और इमरान सरकार को तत्काल प्रभाव में सख्त से सख्त एक्शन लेनी की मांग की. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से अपील की कि वह मामले को अपने पाकिस्तानी समकक्ष के सामने जरूर उठाएं.
अकाली दल के प्रवक्ता और डीएसजीएमसी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस संबंध में एमईए के अधिकारियों से भेंट की है और ज्ञापन दिया. सिरसा के अनुसार जमात उद दावा जैसे संगठन ऐसे धर्म-परिवर्तन के जिम्मेदार रहे हैं.
We shared the concern of Pakistan Sikh family who want safe return of their girl with officials of MEA who assured us that the matter would be taken up at highest level in Pak Govt
We have also been apprised that members of JAMAAT UD DAWA are behind this abduction & conversion https://t.co/pVkFriqcvS
— Manjinder S Sirsa (@mssirsa) August 30, 2019
वहीं हरभजन सिंह ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कहा है कि इसे यहीं पर खत्म हो जाना चाहिए. इमरान खान को टैग करते हुए उन्होंने कहा है कि उन्हें इसे गंभीरता से लेना चाहिए और दोषियों को सख्त से सख्त सजा देनी चाहिए.
This need to stop here.let’s not get there.every religion is beautiful.don’t force anyone to convert in any..GOD is one..let god only decide which religion we born in.don’t try to become god yourself.strict action should be taken towards this @ImranKhanPTI @DrSJaishankar https://t.co/a3kLDCgsfh
— Harbhajan Turbanator (@harbhajan_singh) August 30, 2019
कश्मीर और करतारपुर से उलट पड़ गया मामला
सिख लड़की के धर्म परिवर्तन के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान एक बार फिर आलोचना का शिकार हुए. इमरान खान अतीत में स्वीकार कर चुके हैंं कि पाकिस्तान में दूसरे धर्म की लड़कियों को अगवा करके उनका जबरन धर्म परिवर्तन करवाया जाता रहा है. ताजा हालात में जब इमरान खान भारत पर आरोप लगा रहे हैं कि यहां मुसलमानों पर ज्यादती हो रही है, तो उसमेंं सिख लड़की के अगवा होने का मामला उनके लिए उलटा पड़ गया. पिछले कुछ अरसे से खुद को सिखों का हिमायती बताने की कोशिश में लगे इमरान खान ने तत्काल अपनी सरकार को एक्टिव किया. पाकिस्तान पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार उस्मान बुज़दार ने मामले की जांच के आदेश दिए और सिख समुदाय को इस बात का आश्वासन दिलाया कि जल्द ही दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाएगी.
ये मामला इसलिए भी जोर पकड़ रहा था क्योंकि प्रधानमंत्री इमरान खान, करतारपुर कॉरिडोर के जरिये लगातार सिखों को जोड़ने की बात कर रहे थे. पूर्व में ऐसे तमाम मौके आए हैं जब उन्होंने न केवल सिखों को लुभावने की बात की. बल्कि ये तक कहा कि भारत में उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है.
Now in Pakistan, A Sikh girl Jagjit Kaur abducted & forcefully converted in to Islam
Few days ago in Pak:
1. Statue of Maharaja Ranjit Singh vandalised
2. Historical ‘Guru Nanak palace’ demolished
Now, ISI paid Khalistani propagandists won't say anything. And, Where's Malala?
— Anshul Saxena (@AskAnshul) August 30, 2019
पाकिस्तान को लेकर सिखों के मन में कड़वाहट
इमरान खान सिखों के प्रति लाख अच्छी बातें कह लें मगर इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता कि आज भी उनके दिल में कड़वाहट है और अब जो ये घटना हुई है इसने दो समुदायों के बीच की खाई को और अधिक बाधा दिया है. आम सिखों के मन में पाकिस्तान को लेकर मन किस हद तक खट्टा है यदि इसे समझना हो तो तुम 1947 का अवलोकन कर सकते हैं जब बंटवारा हुआ. ध्यान रहे कि बंटवारे के वक़्त सबसे ज्यादा नुकसान उन सिखों का हुआ जो पाकिस्तान में रह रहे थे, उनके घर छूटे. उनकी जमीनें गयीं उनकी बहन बेटियों का बलात्कार हुआ और पुरुषों की बर्बर तरीके से हत्या की गई. अब जबकि ये घटना हो गई है कह सकते हैं कि उसने उन ज़ख्मों को एक बार फिर कुरेद दिया है जो सूख रहे थे.
पाकिस्तान में सिखों / हिंदुओं की आबादी
चलते चलते हमारे लिए पाकिस्तान में सिखों और हिंदुओं की कुल आबादी को समझ लेना भी जरूरी है. बात अगर आंकड़ों की हो तो आज पाकिस्तान में तकरीबन 20,000 सिख रहते हैं जबकि हिंदू आबादी 40 लाख हैं. 1998 में हुई जनगणना के अनुसार पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी कुल आबादी का 1.6% है, जो कि अधिकांश सिंध प्रान्त में है. इसके अलावा ईसाई भी काफी संख्या में पाकिस्तान में बसते हैं. ये सभी अल्पसंख्यक समुदाय पाकिस्तानी ईश निंदा कानून और कट्टरपंथियों की धर्मांतरण मुहिम का शिकार होते रहे हैं. पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक हिंदू लड़कियों को अगवा करने और उनका धर्मांतरण करने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. हर महीने ऐसी करीब 20 से 25 पलिस रिपोर्ट फाइल करवाई जाती है. जबकि कई एनजीओ रिपोर्ट कर चुके हैं कि हर साल करीब 700 ईसाई लड़कियों का धर्म परिवर्तन करवाया जाता है.
घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक मंच पर अपनी छवि उभारने में लगे इमरान खान ने अगवा की गई सिख लड़की को उसके घर पहुंचा दिया. ये उस लड़की और उसके परिवार वालों की खुशकिस्मती थी. लेकिन उन लड़कियों का हिसाब कौन रखेगा, जिन्हें अब भी अपनी बेटियों के घर लौट आने का इंतजार है. पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार नजर सेठी कहते हैं कि ऐसे धर्मांतरण के मामलों में लड़कियों को कुछ दिन बाद या तो मार दिया जाता है या फिर वेश्यावृत्ति में धकेल दिया जाता है. ईश्वर ऐसी सभी लड़कियों की रक्षा करे, और पाकिस्तानी हुक्मरानों को सद्बुद्धि दे.
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