Panipat: चौधरी फवाद जान लें, अब्दाली की तलवार से कटे तो उनके भी पूर्वज थे!
आशुतोष गोवारिकर की फिल्म पानीपत (Panipat movie) में अब्दाली का समर्थन भले ही इमरान खान सरकार में मंत्री चौधरी फवाद ने कर लिया हो मगर उन्हें इतिहास पढना चाहिए और समझना चाहिए कि अब्दाली ने जितना नुकसान हिन्दुस्तानियों को पहुंचाया है उतना पाकिस्तानियों को भी.
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आशुतोष गोवारिकर की बहुचर्चित फिल्म पानीपत का ट्रेलर (Panipat movie trailer) आ गया है. फिल्म में मराठा योध्याओं और मुस्लिम आक्रांता अहमद शाह अब्दाली के बीच के संघर्ष हो दिखाया गया है. फिल्म के पात्र भले ही हो मगर घटना सत्य पर आधारित है. सत्य यही है कि अब्दाली ने हिंदुस्तान आने के बाद न केवल खूब क़त्ल और गारत मचाई बल्कि धार्मिक आधार पर भी यहां उसने खूब नुकसान पहुंचाया था. ये वो बातें हैं जो इतिहास में दर्ज हैं और जिन्हें पाकिस्तान के साइंस और टेक्नोलॉजी मंत्री चौधरी फवाद हुसैन को ज़रूर पढ़ना चाहिए. सवाल होगा कि आखिर ऐसा क्या हुआ जिसके चलते हम चौधरी फवाद को सही इतिहास पढ़ने की नसीहत दे रहे हैं? कारण हैं उनका वो ट्वीट जो उन्होंने फिल्म पानीपत को लेकर किया था. चौधरी फवाद मुस्लिम आक्रांता अहमद शाह अब्दाली के समर्थन में हैं और इस बात को लेकर आहत हैं कि फिल्म के निर्देशक आशुतोष गोवारिकर ने अपनी फिल्म के जरिये अहमद शाह अब्दाली को नीचा दिखाया है.
अब्दाली का समर्थन करने से पहले एक बार चौधरी फवाद को सही इतिहास पढ़ लेना चाहिए
कुछ और बात करने से पहले बात चौधरी फवाद के उस ट्वीट पर जिसका जिक्र उपरोक्त पंक्तियों में किया गया है. दक्षिण एशिया स्थित न्यायविदों के अंतर्राष्ट्रीय आयोग में बतौर कानूनी सलाहकार रीमा उमर के ट्वीट को री ट्वीट करते हुए चौधरी फवाद ने कहा है कि, जब आरएसएस के प्रभाव में मूर्ख इतिहास लिखते हैं ऐसी ही चीजें निकल कर सामने आती हैं. आगे आगे देखिये होता है क्या. वहीं बात अगर रीमा की हो तो वो भी इस बात से खफा हैं कि फिल्म में मुस्लिम शासकों की छवि के एक अलग ही तरह से दर्शाया गया है.
When idiots try to rewrite history under RSS influence this is minimum one should expect, agay agay deikheiye hota hai kiya..... https://t.co/IecnORvomx
— Ch Fawad Hussain (@fawadchaudhry) November 11, 2019
बहरहाल रहे कि फिल्म का ट्रेलर रिलीज के बाद से ही लोगों की जुबान पर है. फिल्म के ट्रेलर में दिखाया गया है कि कैसे अब्दाली ने भारत पर आक्रमण कर यहां बड़ी संख्या में नरसंहार किया. अब्दाली का चरित्र कैसा था इसका पूरा वर्णन इतिहास में है मगर इतने के बावजूद अफ़ग़ानिस्तान और अब पाकिस्तान में इसका विरोध किया जा रहा है. मामले के मद्देनजर लोग कह रहे हैं कि एक तय एजेंडे के तहत निर्देश ने मुस्लिम बादशाहों के चरित्र के साथ ये छेड़छाड़ की है.
Dear @duttsanjay Ji: Historically, the Indian cinema has been extremely instrumental in strengthening the Indo-Afghan ties - I very much hope that the film “Panipat” has kept that fact in mind while dealing with this important episode of our shared history! https://t.co/8HKLei2ce1
— Dr Shaida Abdali (@ShaidaAbdali) November 4, 2019
खैर बात हमने फिल्म के मद्देनजर चौधरी फवाद हुसैन के ट्वीट से शुरू की थी तो हमारे लिए ये समझना होगा कि आखिर बेगानी शादी में दीवाना अब्दुल्लाह बन क्यों पाकिस्तान सरकार में मंत्री चौधरी फवाद इस मामले में आरएसएस को कोसते हुए अब्दाली की शान में कसीदे पढ़ रहे हैं ? बात वजह की हो तो इसकी भी वजह वही भारत पाकिस्तान के बीच हिंदू मुस्लिम की राजनीति है. शायद चौधरी फवाद इसलिए भी अब्दाली का बचाव कर रहे हैं क्योंकि उसने कई सौ साल पहले न सिर्फ हिंदुस्तान पर आक्रमण किया बल्कि यहां के हिंदुओं का धर्म-परिवर्तन कराकर उन्हें मुस्लमान बनाया. बाकी इन आक्रांताओं के प्रति चौधरी फवाद और उनकी सरकार का रवैया कैसा है ? इस सवाल को हम उनकी मिसाइलों के नामों से भी समझ सकते हैं.
फिल्म का पोस्टर जिसमें अब्दाली को देखकर चौधरी फवाद और अन्य कई लोग आहत हैं
गजनवी, गौरी, बाबर, अब्दाली आज हर कोई पाकिस्तान के बेड़े में मौजूद है. बात अब्दाली की हुई है तो बता दें कि अभी बीते दिनों ही कर्ज और मंदी की मार सह रहे पाकिस्तान ने सतह से सतह पर 290 से 320 किलोमीटर तक मार करने वाली अपनी बैलिस्टिक मिसाइल गजनवी का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था. पाकिस्तान के इस परीक्षण के बाद देश के गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान की इन मिसाइलों के नाम पर कड़ी आपत्ति दर्ज की थी और कहा था कि पाकिस्तान अपनी मिसाइलों के नाम आक्रांताओं और लुटेरों के नाम पर रख रहा है.
बात अब्दाली की हुई है तो बता दें कि सन 1748 में नादिरशाह की मौत के बाद अहमद शाह अब्दाली, अफ़ग़ानिस्तान का शासक और दुर्रानी साम्राज्य का संस्थापक बना. इतिहस के पन्नों पर नजर डालें तो मिलता है कि अब्दाली ने भारत पर सन 1748 से सन 1758 के बीच कई बार चढ़ाई की और जमकर लूटपाट की. बात अगर अब्दाली द्वारा किये गए बड़े हमलों की हो तो सन 1757 में जनवरी में दिल्ली पर किये गए हमले को अब्दाली का सबसे बड़ा हमला कहा जाता है. इस हमले में न सिर्फ उसने कई दिनों तक दिल्ली में रहकर लूटपाट की बल्कि लूटपाट के उद्देश्य से उसने सैकड़ों लोगों को कत्ल भी किया.
अब जबकि अब्दाली के बचाव में पाकिस्तान के साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्री चौधरी फवाद उतर ही आए हैं तो उनको बता दें कि जिस वक़्त अब्दाली ने सत्ता संभाली और वो भारत की तरफ आया उसने सबसे पहले पेशावर और मुल्तान जैसी जगहों को रौंदा. तो चौधरी फवाद हुसैन जो आज अब्दाली के समर्थन में खड़े हैं उन्हें याद रखना चाहिए कि हो सकता है उस समय उनके पुर्खे/ परिवार का सदस्य भी अब्दाली की खून की प्यासी तलवार की जड़ में आया हो.
कुल मिलाकर बात का सार बस इतना है कि चौधरी फवाद लाख अब्दाली को हीरो बना लें मगर सच यही है जितना नुकसान उसने भारत को पहुंचाया है उतना ही पाकिस्तान को भी. इतनी जानकारी के बाद फवाद अपनी मिसाइलों से लेकर बच्चों का नाम अब्दाली के नाम पर रखने के लिए स्वतंत्र हैं.
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