PM Modi Speech: कोरोना आपदा प्रबंधन से ज्यादा जनता का भरोसा पाने के लिए जतन
कोरोना आपदा की दूसरी लहर अब ढलान पर है और कई राज्यों में जनजीवन सामान्य हो रहा है. उम्मीद के अनुरूप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसी बात को आगे बढ़ाया. निश्चित रूप से सरकार को इस बात का अंदाजा है जनता में सरकार के प्रति नाराज़गी है. जो स्वाभाविक है.
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शाम पांच बजे प्रधानमंत्री के देश के नाम संबोधन को लेकर तमाम चर्चाएं थीं. कोरोना आपदा की दूसरी लहर अब ढलान पर है और कई राज्यों में जनजीवन सामान्य हो रहा है. ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा आज के संबोधन के प्रति लोगों में उत्सुकता थी कि प्रधानमंत्री मोदी नया क्या बोलेंगे. अमित शाह के ट्विट से ही सरकार के पक्ष में माहौल बनाने की जो कवायद शुरू की गई थी. आज उम्मीद के अनुरूप प्रधानमंत्री ने भी बस उसी बात को आगे बढ़ाया. निश्चित रूप से सरकार को इस बात का अंदाजा है कि जनता में सरकार के प्रति नाराज़गी है. जो स्वाभाविक है.
पीएम मोदी के संबोधन को इसी नाराज़गी के प्रबन्धन के रूप में लिया जा सकता है. प्रधानमंत्री द्वारा फ्रंटलाइन वर्करों को धन्यवाद ज्ञापित करने की औपचारिकता के अलावा प्रधानमंत्री ने एक तरह से सरकार की तरफ से सफाई ही पेश की कि, 'इतनी बड़ी वैश्विक महामारी से हमारा देश कई मोर्चों पर एक साथ लड़ा है. सेकेंड वेव के दौरान अप्रैल और मई के महीने में भारत में मेडिकल ऑक्सीजन की डिमांड अकल्पनीय रूप से बढ़ गई थी... भारत के इतिहास में कभी भी इतनी मात्रा में मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत महसूस नहीं की गई. इस जरूरत को पूरा करने के लिए युद्धस्तर पर काम किया गया, सरकार के सभी तंत्र लगे.'
अपने भाषण में आखिरकार पीएम मोदी ने सरकारी नाकामियों पर पर्दा डाल ही दिया
फिलहाल इन सब बातों के अलावा प्रधानमंत्री संबोधन में दो प्रमुख घोषणाएं की गई. पहली प्रमुख घोषणा कोरोना के वैक्सिनेशन से जुड़ी है, पीएम मोदी ने कहा, 'अब 21 जून से केंद्र सरकार 18 साल से ज़्यादा उम्र वाले सभी भारतीय नागरिकों को मुफ़्त वैक्सीन उपलब्ध कराएगी. साथ यह भी महत्वपूर्ण है कि राज्यों के पास 25 फ़ीसदी टीकाकरण का जो काम था, वह भी अब केंद्र सरकार करेगी.'
इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा, 'अभी देश में बन रही वैक्सीन में से 25 फ़ीसदी डोज़ प्राइवेट हॉस्पिटल सीधे खरीद सकते हैं. यह व्यवस्था आगे भी जारी रहेगी. ऐसे अस्पताल वैक्सीन की तय कीमत के ऊपर एक डोज़ पर अधिकतम 150 रुपये ही सर्विस चार्ज ले सकेंगे. इसकी निगरानी करने का काम राज्य सरकारों के पास ही रहेगा.'
राज्यों के पास वैक्सीनेशन से जुड़ा जो 25% काम था, उसकी जिम्मेदारी भी भारत सरकार उठाएगी।ये व्यवस्था आने वाले 2 सप्ताह में लागू की जाएगी।21 जून से देश के हर राज्य में 18 वर्ष से ऊपर की उम्र के सभी नागरिकों के लिए भारत सरकार राज्यों को मुफ्त वैक्सीन मुहैया कराएगी: पीएम pic.twitter.com/3O40ijQpCd
— BJP (@BJP4India) June 7, 2021
प्रधानमंत्री मोदी की दूसरी प्रमुख घोषणा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना' को दिवाली तक बढ़ाए जाने की थी. इस घोषणा के अनुसार 'प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना' के अंतर्गत गरीब राशन कार्ड धारकों को 5 किलो अतिरिक्त गेहूं और चावल मुफ़्त में दिया जाएगा. निश्चित रूप से लॉकडाउन के कारण कामकाज बंद होने के कारण देश की बड़ी जनसंख्या के समक्ष आजीविका का संकट है. यह घोषणा उन परिवारों लिए एक बड़ी राहत होगी.
Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana extended till Diwali 2021!In a move to support the poor and needy as India fights the 2nd wave of COVID pandemic, Modi government has extended the scheme to November. #IndiaFightsCorona pic.twitter.com/QxfGShcLk3
— BJP (@BJP4India) June 7, 2021
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री द्वारा केंद्र और राज्यों के बीच उस रस्साकसी का भी उल्लेख किया जो कोरोना महामारी के दौरान प्रबंधन, लॉकडाउन और वैक्सीन को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों की मतभिन्नता के कारण उत्पन्न हुई है. इसी मतभिन्नता को लेकर मीडिया की सरकार की आलोचना का भी जिक्र प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किया गया.
कुल मिलाकर फ्री वैक्सिनेशन और फ्री राशन के साथ पिछले सरकारों की अक्षमता को बयां करते प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की इमेज को सुधारने और अपनी पीठ खुद थपथपाने के अलावा कुछ विशेष बात नहीं की. इन सब के बीच एक बात और उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन को अंतिम विकल्प के रूप में अपनाए जाने की हिदायत राज्य सरकारों को दी. इतना तो तय है सरकार को यह एहसास है कि आम जनता के मन में कोरोना की इस दूसरी लहर के बाद खिन्नता व्याप्त है.
सवाल अब भी वही है कि लगभग 130 करोड़ जनसंख्या के लिए वैक्सीन के निर्माण और उसकी उपलब्धता के लिए तार्किक रूप से कितना संसाधन उपलब्ध है जबकि अभी तक कुल 20 प्रतिशत जनसंख्या को ही वैक्सीन लग पाई है और 100 करोड़ के ऊपर लोग बाकी है. दूसरे कोरोना से बेहाल अर्थव्यवस्था का प्रबंधन कैसे होगा. कुल मिलाकर आज का प्रधानमंत्री का संबोधन आपदा प्रबंधन से ज्यादा सरकार की छवि प्रबंधन की कवायद ज्यादा लग रही थी.
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