हिंदू आतंकवाद: कांग्रेस के हथियार से उसी का शिकार कर रहे हैं पीएम मोदी
वर्धा में जिस तरह प्रधानमंत्री ने कांग्रेस को घेरा है और आतंकवाद का मुद्दा उठाया है साफ हो गया है कि इससे भविष्य में होने वाले चुनावों में कांग्रेस की सीटें कम होंगी.
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लोकसभा चुनावों के मद्देनजर पार्टियों के बीच जुबानी जंग की शुरुआत हो चुकी है. कांग्रेस ने अपना घोषणा-पत्र जारी करते हुए बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कई हमले बोले हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दिन पहले ही वर्धा में रैली को संबोधित करते हुए इस चुनाव का एजेंडा सेट करने की शुरुआत कर दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रमुख विरोधी दल कांग्रेस को हिंदू विरोधी बता रहे हैं. कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन पर बोलते हुए न सिर्फ प्रधानमंत्री ने दोनों दलों की कड़ी आलोचना की, बल्कि सभा में उन्होंने हिंदू आतंकवाद को एक बड़ा मुद्दा बनाया. प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने हिंदुओं को आतंकवादी कहने का पाप किया है, इनको सजा देना जरूरी है. पीएम का कहना था कि हिंदुओं को आतंकवादी कहकर कांग्रेस ने देश की 5000 साल पुरानी परंपरा के खिलाफ शब्द कहे हैं.
वर्धा में पीएम का हिंदू आतंकवाद की बात उठाना कांग्रेस को एक नई मुसीबत में डालता नजर आ रहा है
इसके अलावा मोदी ने ये भी कहा कि वोट-बैंक की पॉलिटिक्स के लिए एनसीपी हो या कांग्रेस, किसी भी हद तक जा सकती हैं. इस देश के करोड़ों लोगों पर हिंदू आंतकवाद का दाग लगाने का प्रयास कांग्रेस ने ही किया है. साथ ही पीएम मोदी ने ये भी कहा कि अभी कुछ दिन पहले कोर्ट का फैसला सामने आया है, इससे कांग्रेस की कलई खुल गई है. कांग्रेस ने दुनिया में हिंदुओं को नीचे दिखाने का पाप किया है.
पीएम का आरोप था कि कांग्रेस ने अपनी बातों से आम हिन्दुओं को बदनाम किया है
ध्यान रहे कि समझौता ब्लाट मामले में, एनआईए की विशेष अदालत द्वारा फैसले की कॉपी सार्वजनिक किए जाने के बाद से भाजपा 'हिंदू आतंकवाद' के मुद्दे पर सख्त हुई है. अभी बीते दिनों ही वरिष्ठ भाजपा नेता एवं केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मीडिया के सामने कांग्रेस पर तमाम गंभीर आरोप लगाए थे. जेटली ने कहा था कि कांग्रेस ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए 'हिंदू आतंकवाद' की थ्योरी को गढ़ा था.
प्रेस से मुखातिब हुए जेटली ने कहा था कि एनआईए स्वामी असीमानंद और दूसरे आरोपियों के खिलाफ आरोप को साबित करने में नाकाम रही. जिस तरह से समझौता ब्लास्ट केस में कुछ आरोपियों का अपराधी घोषित करने की कोशिश की गई उससे दावों की पोल खुल गई. जेटली ने कांग्रेस को लपेटते हुए ये भी कहा था कि, 2007 और उसके बाद जिस तरह से जांच प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया उससे साफ है कि कुछ विशेष संगठनों को बदनाम करने की कोशिश की गई. जांच एजेंसी जिस तरह से मामले को आगे बढ़ाती गई उससे स्पष्ट हो गया कि कुछ भी ठीक नहीं चल रहा था.
समझौता एक्सप्रेस धमाके में अदालत के फैसले की कॉपी कल सार्वजनिक हुई।
कांग्रेस ने वोटबैंक के लिए हिंदू आतंकवाद का नारा दिया, ये नारा पूरा करने के लिए उन्होंने कई केसों में फर्जी सबूत भी दिए।
कभी हिंदुओं को आतंकी कहने वाले आज धर्म के प्रति श्रद्धा दिखा रहे हैं: श्री @arunjaitley pic.twitter.com/HXPrWBOY6C
— BJP (@BJP4India) March 29, 2019
बात अगर जेटली द्वारा कांग्रेस पर लगाए गए आरोपों की हो तो उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में ये भी कहा था कि जांच एजेंसी ने 2007 और 2008 के दौरान ही जांच पूरी की. उस जांच के आधार पर आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र काफी अंतराल के बाद पेश किया गया. इससे साफ है कि उस समय की सरकार जानबूझ कर कुछ संगठनों को खास तौर से हिंदू समाज से जुड़े लोगों को बदनाम करने का प्रयास कर रही थी.
अभी बीते दिनों ही हिंदू आतंकवाद को लेकर वित्त मंत्री ने भी कांग्रेस की तीखी आलोचना की थी
वित्त मंत्री जेटली के बाद वर्धा में आयोजित हुई रैली में प्रधानमंत्री का सामने आना और हिंदू आतंकवाद के नाम पर कांग्रेस को घेरना ये बताता है कि जैसे-जैस वक़्त आगे बढ़ेगा और जब तक रैलियों का दौर चलेगा. कांग्रेस को इस मुद्दे पर न सिर्फ जमकर घसीटा जाएगा. बल्कि देश की जनता को भी इस बात का पुख्ता यकीन दिला दिया जाएगा कि कांग्रेस एक ऐसी राजनीति कर रही है जिसका आधार लोगों को बांटना और उनके बीच दूरी पैदा करना है.
कांग्रेस के नेता कान खोलकर सुन लें – हिन्दू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता।
हिन्दू आतंकवाद का झूठ फैलाने का पाप कांग्रेस ने किया है और अब इतना डर लगने लगा है कि सीट बदलनी पड़ी है….
यह डर अच्छा है।
कांग्रेस की पराजय पक्की है। pic.twitter.com/8zAa2SNtiP
— Chowkidar Narendra Modi (@narendramodi) April 1, 2019
अपनी रैली में पीएम ने राहुल गांधी के केरल के वायनाड से चुनाव लड़ने को भी 'हिंदू आतंकवाद' से जोड़ा. पीएम मोदी ने कहा कि जिसको उन्होंने आतंकवादी कहा है (देश का आम हिंदू), अब वो जाग गया है. इसलिए जहां पर बहुसंख्यक लोग हैं वहां से भाग रहे हैं और जहां पर बहुसंख्यक (हिंदू) अल्पसंख्यक में है अब वहां पर शरण ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि जहां पर हिंदू बहुसंख्यक है वहां पर कांग्रेस अपने उम्मीदवार उतारने से घबरा रही है.
गौरतलब है कि हाल ही में समझौता ब्लास्ट पर फैसला आने के बाद से ही भाजपा हिंदू आतंकवाद को लेकर कांग्रेस पर हमलावर हुई है. बात अगर कांग्रेस कि हो तो वो अब इस मुद्दे पर बैकफुट पर आ गई है. मगर आज भी चाहे कपिल सिब्बल हों या फिर दिग्विजय सिंह उन्होंने हिंदू आतंकवाद को लेकर जो भी पूर्व में कहा है, वो आज भी उसपर जस का तस कायम हैं और उन्हें अपनी कही बातों का कोई भी मलाल नहीं है.
हिंदू आतंकवाद का मुद्दा कांग्रेस को कितना नुकसान पहुंचाता है इसका फैसला चुनाव के परिणाम कर देंगे मगर जिस तरह से पीएम मोदी के अलावा पूरी भाजपा इस अहम मुद्दे पर एकजुट हुई है साफ हो गया है कि कांग्रेस की मुसीबत अभी और बढ़ेगी.
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