Modi के लिट्टी-चोखा खाने के साथ BJP का Bihar election कैंपेन शुरू
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के लिट्टी-चोखा के साथ ही बिहार में NDA का चुनाव अभियान शुरू समझा जाना चाहिये. मोदी के ट्वीट (Litti Chokha at Delhi Hunar Haat) करते ही बिहार में राजनीति शुरू हो गयी और लालू परिवार (Tejashwi and Tej Pratap Yadav) की तरफ से रिएक्शन भी शुरू हो गया - ये चुनाव अभियान जैसा ही तो है!
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के लिट्टी चोखा (Litti Chokha at Delhi Hunar Haat) खाने का नीतीश कुमार को कितना फायदा होगा ये तो अभी नहीं मालूम, लेकिन हुनर हाट के दुकानवाले रंजन राज के अच्छे दिन तो आ ही गये. पटना के रहने वाले रंजन राज का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी के लिट्टी-चोखा खाने के बाद से ग्राहकों की तादाद काफी बढ़ गयी है.
दिल्ली के हुनर हाट में लिट्टी चोखा खाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर तस्वीरें भी पोस्ट कर दी थी - और उसके बाद से तो बिहार में राजनीति ही शुरू हो गयी. बीजेपी नेता जहां इसे किसानों और मजदूरों के सम्मान से जोड़ कर समझाने लगे, वहीं लालू प्रसाद के दोनों बेटे (Tejashwi and Tej Pratap Yadav) प्रधानमंत्री पर हमले शुरू कर दिये.
बिहार में बीजेपी प्रधानमंत्री मोदी की रैली जब कराएगी तब कराएगी - लिट्टी चोखा खाने के बाद ट्विटर पर तस्वीरें डाल कर मोदी ने अपनी तरफ से कैंपेन तो शुरू कर ही दिया है.
एक थाली - और थाली में लिट्टी चोखा!
राजनीति में लंच और डिनर डिप्लोमेसी के दौर चुनावों में भी देखे जाते रहे हैं, लेकिन बिहार के संदर्भ में ये खास मायने रखता है. ठीक पांच साल पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री बिहार की राजनीति में दो छोर पर खड़े थे - और देखते ही देखते थाली के किस्से से शुरू हुई चुनावी राजनीति DNA टेस्ट तक पहुंच गयी.
21 अगस्त, 2015 को मुजफ्फरपुर की रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक डिनर कैंसल करने को लेकर नीतीश कुमार के डीएनए पर हमला बोल दिया और फिर तो बवाल भी खूब हुआ - तब भी बिहार की एक थाली के जिक्र का अलग तरीका था. अब अलग वो थाली भी अलग है और चर्चा का तरीका भी बदला हुआ है.
नीतीश कुमार के खिलाफ जीतनराम मांझी की बगावत के समर्थन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, 'जीतन राम मांझी पर जुल्म हुआ तो मैं बेचैन हो गया. एक चाय वाले की थाली खींच ली, एक गरीब के बेटे की थाली खींच ली - लेकिन जब एक महादलित के बेटे का सबकुछ छीन लिया तब मुझे लगा कि शायद डीएनए में ही गड़बड़ है.'
प्रधानमंत्री बड़े गर्व से खुद को चायवाल कहते हैं. वैसे ये भी एक चुनाव की ही बात है जब कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने तब गुजरात के मुख्यमंत्री रहे मोदी के बारे में कह दिया था कि उन्हें कांग्रेस के किसी कार्यक्रम में चाय पिलाने का काम मिल सकता है. फिर क्या था - मोदी ने पूरे देश में चाय पर चर्चा ही शुरू कर डाली.
लिट्टी-चोखा में बिहार से सीधे ऑटो-कनेक्ट करने की ताकत होती है
प्रधानमंत्री मोदी रैली में जिस थाली की बात कर कर रहे थे वो वाकया 2010 का है. उस वक्त पटना में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक चल रही थी. नीतीश कुमार ने बीजेपी नेताओं के लिए डिनर पार्टी रखी थी - लेकिन मोदी से रिश्तों में कड़वाहट के चलते उसे रद्द कर दिया था. नीतीश की नाराजगी बढ़ाने में गुजरात सरकार के बाढ़ पीड़ितों की मदद को लेकर एक विज्ञापन था और नतीजा ये हुआ कि डिनर कैंसल करने के साथ ही नीतीश कुमार ने गुजरात सरकार की तरफ से बिहार के बाढ़ पीड़ितों को भेजी गयी रकम भी लौटा दी. जून, 2013 में नीतीश कुमार NDA से 17 साल पुराना रिश्ता भी तोड़ लिया था. शायद उन्हें भनक पहले ही लग गयी थी क्योंकि सितंबर, 2013 में बीजेपी की तरफ से मोदी को 2014 के लिए प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया गया.
अब न वो दौर है, न ही वो शोर है. अब तो नीतीश कुमार को अमित शाह बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए का नेता भी घोषित कर चुके हैं - और लिट्टी चोखा खाते हुए लगता है प्रधानमंत्री मोदी ने उनके लिए वोट भी मांग लिया है.
Had tasty Litti Chokha for lunch along with a hot cup of tea... #HunarHaat pic.twitter.com/KGJSNJAyNu
— Narendra Modi (@narendramodi) February 19, 2020
चायवाले की थाली छीन लेने के बावजूद नीतीश कुमार ने 2014 में अपनी हार का बदला 2015 का बिहार चुनाव जीत कर ले लिया था. बाद में राजनीतिक हालात ऐसे बदले कि नीतीश कुमार को महागठबंधन छोड़ कर एनडीए में घर वापसी करनी पड़ी - और अब तो वो थाली भी प्रधानमंत्री मोदी के हाथ में ही है.
2015 में भी बिहार विधानसभा चुनाव अभियान की नींव एक थाली पर ही पड़ी थी और अब एक बार फिर ऐसा ही हुआ है - ये थाली लिट्टी-चोखा वाली है और इसका मजबूत बिहार कनेक्शन है. पाचं साल पहले बिहार में मोदी और अमित शाह को बाहरी करार दिया गया था, लेकिन अब लिट्टी-चोखा थाली में लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने अपना संदेश भेज दिया है और ये लोगों तक पहुंच भी रहा है. बीजेपी नेताओं की कौन कहे अब तो जेडीयू नेता भी फूले नहीं समा रहे हैं.
Thank you Shri Narendra Modi ji for your kind attention towards Bihari famous Food #LittiChokhaPeople of Bihar from everywhere are very much feeling proud for this affection. ????????@narendramodi pic.twitter.com/pm1jCkDIdW
— मनीष सिंह / Manish Singh (@ManishM76657664) February 19, 2020
Dear @narendramodi Sir ~ So heartening to see you relish the #littichokha at Hunar Haat at India Gate. For millions in Bihar, this dish is synonymous with simplicity, humility and earthiness! It's part of our great culinary tradition, and of our pride.#BihariPride pic.twitter.com/ouDf8DMRwv
— Sanjay Kumar Jha (@SanjayJhaBihar) February 19, 2020
कैसा होगा मोदी-शाह का बिहार कैंपेन
तेजस्वी यादव तो 23 फरवरी से रथयात्रा ही शुरू कर रहे हैं - बेरोजगारी हटाओ यात्रा और कन्हैया कुमार पहले से ही जन-गण-मन यात्रा पर हैं - और दिल्ली चुनाव से फुरसत पाते ही प्रशांत किशोर की भी मुहिम चालू हो चुकी है - बात बिहार की.
दिल्ली के हुनर हाट में प्रधानमंत्री मोदी के लिट्टी चोखा खाने को लेकर बिहार राजनीति भी शुरू हो गयी है. प्रधानमंत्री मोदी पर पहला निशाना लालू परिवार की ओर से साधा गया है. वैसे बिहार के डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी का कहना है कि प्रधानमंत्री ने लिट्टी-चोखा और अनरसा खाकर इस व्यंजन का ही नहीं, किसानों और मजदूरों का भी मान बढ़ाया, लेकिन प्रधानमंत्री के लिट्टी-चोखा खाने पर बिहार में कुछ लोगों के पेट में दर्द हो रहा है. सुशील मोदी की टिप्पणी आरजेडी नेताओं तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव के रिएक्शन पर आयी है.
19 फरवरी को हुनर हाट में लिट्टी चोखा खाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने चार बजे शाम को ट्विटर पर तस्वीरें शेयर की. करीब साढ़े तीन घंटे बाद आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और उनके एक घंटे बाद उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव ने भी ट्वीट कर अपने मन की बात की.
Thank you respected PM for liking famous Bihari delicacy!
Since Bihar CM can’t ask, I would like to draw your kind attention towards Bihar’s legitimate share pending since quite long:
❗Special Status❗Funds of special package❗Flood relief fund❗Funds of “Ayushman Bharat” https://t.co/Bs3wIstE2L
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) February 19, 2020
कतनो खईबऽ लिट्टी चोखा, बिहार ना भुली राउर धोखा..! https://t.co/eM80wtlYla
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) February 19, 2020
दोनों भाइयों का ट्वीट अपनी अपनी राजनीतिक हिसाब-किताब के अनुसार रही. तेजस्वी ने नीतीश कुमार के कंधे का इस्तेमाल किया है तो तेज प्रताप ने सीधे मोदी को टारगेट किया है. करीब करीब लालू प्रसाद वाले अंदाज में ही जो छवि आरजेडी समर्थक तेज प्रताप में देखते भी हैं. तेज प्रताप की भाषा में तंज तो है लेकिन आदरसूचक शब्द का इस्तेमाल भी किया है. भोजपुरी में 'राउर' शब्द आदरसूचक होता है. वैसे सवाल पूछने से पहले तेजस्वी ने भी लिट्टी-चोखा के लिए प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया ही कहा है.
ये भी समझ लेना चाहिये कि दिल्ली में बैठे बैठे प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार जाकर रैली करने जैसा असर छोड़ दिया है. देखना है चुनाव प्रचार को लेकर मोदी-शाह की सक्रियता कितनी रहती है?
मोदी-शाह के लिए बिहार चुनाव इस बार ठीक वैसा ही जैसा 2017 में हुआ पंजाब विधानसभा चुनाव रहा. पंजाब चुनाव में चेहरा तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल आगे थे और बीजेपी एक सहयोगी की भूमिका में रही. मगर, चुनावों में ऐसा लग रहा था जैसे शिरोमणि अकाली दल अकेले चुनाव लड़ रहा हो. उसी वक्त उत्तर प्रदेश, गोवा और मणिपुर में भी चुनाव हो रहे थे, लेकिन मोदी शाह का चुनाव प्रचार काफी हद तक रस्मअदायगी तक सीमित दिखा.
बिहार विधानसभा चुनाव में भी इस बार बीजेपी नेतृत्व की ओर से पंजाब जैसा ही रवैया अख्तियार किया जा सकता है क्या?
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