यूपी चुनाव में मोदी की महाविजय देखकर नरम हो गया चीन !
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले अपार जन समर्थन के बाद न सिर्फ भारत बल्कि चीन की मीडिया को भी सोचने के लिए मजबूर कर दिया, उन्हें भी मोदी का समर्थन किया है.
-
Total Shares
उत्तर प्रदेश व अन्य चार राज्यों में बीजेपी और खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले अपार जन समर्थन ने अब चीन की मीडिया को भी सोचने के लिए मजबूर कर दिया है. उनके समर्थन में चीन के प्रमुख अखबार ग्लोबल टाइम्स को अंततः ओपन एडिटोरियल लिखना पड़ा. अखबार ने अपने ओपन एडिटोरियल में लिखा है कि नरेंद्र मोदी की अगुआई में बीजेपी ने हाल ही में उत्तर प्रदेश चुनाव में जबर्दस्त जीत हासिल की है. उत्तर प्रदेश देश का सबसे ज्यादा आबादी वाला राज्य है.
इसके साथ अखबार ने लिखा है कि देश के अन्य राज्यों में भी नरेंद्र मोदी को जनता का अपार समर्थन मिल रहा है. इससे उनके 2019 में फिर से प्रधानमंत्री बनने की संभावनाएं और बढ़ गई हैं. भारत चीन संबंधों पर एडिटोरियल में उम्मीद जताई गई है कि मोदी के रहते भारत-चीन के बीच बॉर्डर विवाद सुलझ सकता है. एडिटोरियल में भारत-चीन के तल्ख रिश्तों का भी जिक्र किया गया है. अखबार ने माना है कि मोदी की दूरदृष्टि और सत्ता पर उनकी मजबूत पकड़ रिश्तों को मजबूत बनाने में सहायक होगी.
ओपन एडिटोरियल में आगे लिखा गया है कि मोदी ने विवादित मुद्दों पर खुली सोच का भी परिचय दिया है. वह मोदी ही हैं जिन्होंने भारत के चीन और रूस के साथ रिश्तों को बढ़ाया. नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आते ही जापान-अमेरिका से रक्षा सहयोग को बढ़ाया, व साउथ चाइना के मुद्दे पर अमेरिका को समर्थन दिया. एडिटोरियल में मोदी की नोटबंदी नीति, विदेश नीति का भी जिक्र किया गया है. और लिखा है कि यदि मोदी अगली बार प्रधानमंत्री बनते हैं तो यह भारत के विकास के लिए बहुत अच्छा होगा.
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते भारत के संदर्भ में अमेरिकी शीर्ष विशेषज्ञों ने भी लगभग यही विचार दिए थे, जिसमें कहा गया था कि मोदी वर्ष 2019 के बाद भी भारत का नेतृत्व करते रहेंगे. जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय मामलों के सहायक प्रोफेसर एडम जीगफेल्ड ने कहा कि विधानसभा चुनाव ज्यादा बदलाव का संकेत नहीं देते. उत्तरप्रदेश चुनाव के नतीजों ने दिखाया है कि वर्ष 2014 के आम चुनाव कोई ‘असामान्य’ चीज नहीं थे. पंजाब के साथ भी यही स्थिति है. उन्होंने कहा, ‘यह बीजेपी के लिए एक बड़ी जीत थी.
सदानंद धूमे: अमेरिकन (शोधार्थी ) एंटरप्राइज इंस्टिट्यूट ने कहा कि पांच राज्यों के इन चुनावों ने यह पुख्ता कर दिया है कि मोदी 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए एक ‘स्पष्ट और पसंदीदा विजेता’ के तौर पर स्थापित हो गए हैं. उन्होंने आगे कहा कि ‘मोदी वर्ष 2019 की दौड़ में सबसे आगे हैं.
भारत की अगर बात करें तो हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 2019 में होने वाले चुनावों के लिए विपक्षी दलों को अपनी रणनीति बदलने का सुझाव दिया था, चुनाव परिणामों के बाद उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘इस हिसाब से हमें 2019 भी छोड़ देना चाहिए और 2024 की तैयारी करनी चाहिए.
ये भी पढ़ें-
मोदी लहर में सेंसेक्स लहराने के मायने...
आपकी राय