ऐसा लगा जैसे प्रधानमंत्री मोदी सदन नहीं, कर्नाटक की चुनावी रैली में बोल रहे हों
संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेहरू-गांधी परिवार को वैसे ही टारगेट किया जैसे किसी चुनावी रैली में करते हैं - और अपनी सरकार की उपलब्धियां बताते हैं. मोदी कर्नाटक पर इतने फोकस रहे कि लग रहा था राज्य में को चुनावी रैली संबोधित कर रहे हों.
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राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लोक सभा में भाषण करीब डेढ़ घंटे चला. हंगामे के साथ विपक्ष नारेबाजी करता रहा - 'भाषणबाजी नहीं चलेगी, जुमलेबाजी बंद करो'.
अपने भाषण में मोदी ने सरकार की उपलब्धियां बतायीं और ज्यादातर वक्त कांग्रेस और नेहरू-गांधी परिवार उनके निशाने पर रहा - और आंध्र प्रदेश के बंटवारे के अलावा कर्नाटक पर भी जोर दिया. मोदी ने कांग्रेस को कोसने के बहाने बड़ी ही खूबसूरती से नाराज टीडीपी को मैसेज भी दिया और उसे मनाते हुए भी दिखे रविवार को ही कर्नाटक की रैली में मोदी ने ऐलान किया था - कांग्रेस का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. ऐसा लगा जैसे सदन का भाषण उसी रैली का एक्सटेंशन हो.
भाषण का कीवर्ड 'कर्नाटक'
मोदी को कर्नाटक के जिक्र का बढ़िया बहाना भी यूं ही मिल गया. कांग्रेस के लोक सभा में सदन के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी और उनकी सरकार को टारगेट किया था - और उसी प्रसंग में मशहूर शायर बशीर बद्र का एक शेर भी पढ़ा था. मल्लिकार्जुन खड़गे कर्नाटक से ही आते हैं जहां इसी साल विधानसभा के चुनाव होने हैं. मोदी ने भी खड़गे को जवाब बशीर बद्र के शेर से ही दिया.
कर्नाटक और 'कांग्रेस के पाप'!
खड़गे ने कर्नाटक में पानी की समस्या उठाते हुए कहा कि वहां लोग पानी के लिए तरस रहे हैं. खड़गे ने मोदी से कर्नाटक के लोगों को पानी दिलाने के लिए प्रधानमंत्री से आगे आने की अपील की, तभी उन्हें प्यास लगी, "मुझे भी तेज प्यास लगी है", बोले और पास रखा पानी का गिलास उठा लिया. मोदी देख कर मुस्कुरा रहे थे.
खड़गे ने बशीर बद्र का शेर पढ़ा था, "दुश्मनी जमकर करो, लेकिन ये गुंजाइश रखो कि जब हम दोस्त हो जाएं तो हाथ मिलाने में शर्मिंदगी न हो." शेर का जवाब मोदी ने भी बशीर बद्र के शेर से ही दिया "जी बहुत चाहता है कि सच बोलें, क्या करें हौसला नहीं होता."
...जैसे फेयरवेल स्पीच!
लगे हाथ मोदी ने तंज भी कस दिया कि वो कहीं खड़गे का फेयरवेल स्पीच न हो और कहा कि फेयरवेल स्पीच का सम्मान करना चाहिये.
मोदी के भाषण में नेहरू से लेकर राहुल गांधी तक सभी टारगेट पर रहे और उन्होंने दोहराया कि अगर सरदार पटेल पहले प्रधानमंत्री बने होते तो कश्मीर समस्या नहीं बल्कि पूरा कश्मीर हमारा होता.
लोक सभा के बाद राज्य सभा में भी अपनी स्पीच में मोदी ने चाहे भ्रष्टाचार की बात की हो या लोकतंत्र की या फिर कश्मीर और भोपाल गैस त्रासदी के आरोपी की - राष्ट्रवाद के जिक्र में भी कांग्रेस को लपेटे रखा. मोदी ने कहा कि देश को कांग्रेस के पापों के चलते मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं.
पकौड़ा पॉलिटिक्स
प्रधानमंत्री मोदी का पकौड़े वाला बयान सोशल मीडिया पर चढ़ा हुआ है. रैली के लिए जब मोदी बेंगलुरू पहुंचे तो गाउन पहने कुछ छात्रों ने प्रधानमंत्री के साथ साथ बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के नाम पर पकौड़े बनाकर बेच रहे थे. बाद में पुलिस ने कुछ छात्रों को हिरासत में लिया और बाकियों को खदेड़ दिया. दरअसल, मोदी ने स्वरोजगार की बात करते हुए पकौड़े बेचनेवाले की मिसाल दी थी.
प्रधानमंत्री मोदी ने फिर पूछा - 'अब लोग स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं तो ऐसे में क्या स्वरोजगार को रोजगार नहीं माना जाएगा?'
मोदी ने कहा कि जब से उनकी सरकार बनी है गैर-एनडीए या गैर-बीजेपी शासित राज्यों में एक करोड़ लोगों को रोजगार मिला है. मोदी ने जोर देकर पूछा कि क्या कांग्रेस इन आंकड़ों को नहीं मानेगी?
मोदी एक और बात कही - 'हमारी सरकार ने बिना गारंटी 10 करोड़ लोन दिए गए और बीच में कोई दलाल नहीं आया.'
नेहरू-गांधी खानदान पर हमला
बस कोई बोल नहीं रहा था, लेकिन माहौल वैसे ही लग रहा था जैसे हर 'मोदी-मोदी' कर रहा हो. कोई चुनाव मैदान नहीं बल्कि ये सदन की बात है. बीजेपी सांसद बार बार मेजें थपथपाते रहे.
मोदी ने एक ऐसी बात का जिक्र जरूर किया जिसमें सामूहिकता का बोध है और उनके कद को ऊंचा उठाता है - उतनी देर जरूर लगा कि नहीं, रैली नहीं - प्रधानमंत्री सदन में बोल रहे हैं. मोदी बोले, "नरेंद्र मोदी लाल किले से कहता है कि देश आज जहां से उसमें पिछली सभी सरकारों का योगदान है, ऐसा किसी कांग्रेस नेता ने कभी नहीं कहा." हालांकि, इसमें भी खुद की तारीफ और कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करने का पूरा मौका था.
फिर एक एक करके मोदी ने कुछ मसले उठाये और उन्हें कांग्रेस के पाप बताये. मोदी ने कहा कि वो कांग्रेस के पापों पर चार साल तक खामोश रहे. मोदी ने NPA यानी 'नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स' का मामला उठाया, "NPA का मामला है क्या? देश को पता चलना चाहिए कि इसके पीछे पुरानी सरकार का कारोबार है... ये कांग्रेस का पाप है," और आगे जोड़ा, "हमारे दिये एक भी लोन एनपीए नहीं हुए." मोदी का इशारा विजय माल्या जैसे मामलों की ओर था. शायद इसलिए भी क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों राफेल डील पर मोदी से लगातार सवाल कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने नेहरू से लेकर राहुल गांधी तक कांग्रेस नेताओं की खामियां गिनायीं.
1. नेहरू - प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब कहा गया कि देश को नेहरू और कांग्रेस ने लोकतंत्र दिया तो मैं आश्चर्य में पड़ता हूं. मोदी ने कहा कि हमारे देश में जब बुद्ध परंपरा थी तब भी देश में लोकतंत्र था - सिर्फ कांग्रेस और नेहरू जी ने लोकतंत्र नहीं दिया.
2. राजीव गांधी - मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर दलित नेता के अपमान का आरोप लगाया, "श्रीमान राजीव जी ने खुलेआम दलित मुख्यमंत्री को अपमानित किया था. ये तेलगुदेशम पार्टी, ये एनटी रामाराव उस अपमान की आग में से पैदा हुए थे."
3. राहुल गांधी - इस कड़ी में राहुल गांधी के बारे में मोदी बोले, "आपके नेता कैबिनेट के फैसले को मीडिया के सामने फाड़ देते हैं. कृपया हमें लोकतंत्र का पाठ मत पढ़ाइये." मोदी उस कागज की बात कर रहे थे जो दागी नेताओं को बचाने के लिए प्रस्तावित ऑर्डिनेंस की कॉपी थी. मोदी के भाषण पर राहुल गांधी ने मीडिया के सामने आकर अपना रिएक्शन दिया, "पीएम ने लोकसभा में कैंपेन स्पीच की और कुछ नहीं किया." राहुल ने कहा, 'पीएम लोकसभा में 1 घंटे से ज्यादा बोले लेकिन राफेल डील पर कुछ भी नहीं कहा... हमारे कई सवाल हैं जिनमें आंध्र प्रदेश का मुद्दा था और राफेल डील का मुद्दा था. राफेल डील में कुछ ना कुछ तो गलत हुआ है."
...और वो राक्षसी हंसी?
प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार करने वालों को भी चेतावनी दी, "भ्रष्टाचार करने वाला कोई भी बचने वाला नहीं है. देश को जिन्होंने लूटा है, उन्हें ये लौटाना होगा और जेल की हवा खानी पड़ेगी. ये हमारा संकल्प है." हाल ही में बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यन स्वामी ने सोनिया राहुल के बारे में भी ऐसा ही दावा किया था.
मोदी ने इस लालू प्रसाद को मिली सजा के जरिये समझाने की कोशिश की कि उनकी सरकार में न्यायपालिका मजबूत बनी है. एक तरीके से वो जजों की प्रेस कांफ्रेंस को लेकर लोगों की गलतफहमी को दूर करने की भी कोशिश कर रहे थे.
मोदी ने महिलाओं की भी बात की, "हमने स्वच्छ भारत अभियान से महिलाओं को बल देने का काम किया है..."
मोदी जब राज्य सभा में बोल रहे थे तभी एक ऐसा मौका भी आया जब कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी जोर जोर से हंसने लगीं. सभापति एम. वेंकैया नायडू ने रेणुका के हंसने पर नाराजगी भी जताई, लेकिन मोदी ने उन्हें बीच में ही रोक दिया.
रेणुका की हंसी पर ठहाके!
असल में, मोदी आधार की बात कर रहे थे, मोदी ने कहा, "आधार को कांग्रेस अपनी योजना बताती है लेकिन 7 जुलाई 1998 को इसी सदन में तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने कहा था कि एक ऐसा कार्ड होगा जो नागरिकता की पहचान का सबूत होगा. यहीं से आधार कार्ड की नींव पड़ी." प्रधानमंत्री मोदी के मुहं से ये बात सुन कर रेणुका जोर से हंस पड़ीं.
रेणुका की हंसी पर नायडू को रोकते हुए मोदी बोले, "सभापति जी, आप रेणुका जी को कुछ न कहिए. रामायण सीरियल के बाद ऐसी हंसी अब सुनाई दी है."
मोदी के ये कहते ही सदन में ठहाके लग गये. ठहाकों के बीच ही रेणुका की आपत्ति दर्ज होते होते रह गयी. रेणुका बताना चाहती थीं कि प्रधानमंत्री मोदी महिलाओं के सम्मान की बात करते हैं और महिलाओं पर ऐसी टिप्पणी की जा रही है.
रामायण सीरियल में तो राक्षसों को ही ऐसे हंसते सुना गया. तो क्या मोदी ने इशारों इशारों में रेणुका की हंसी को राक्षसी करार दिया?
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