AMU Convocation पर पीएम मोदी का जाना कट्टरपंथियों को खल गया है!
इस खबर के बाद कि दीक्षांत समारोह के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) जा रहे हैं सोशल मीडिया का माहौल दिलचस्प है. जो कट्टरपंथी और सरकार विरोधी हैं उनकी अपनी अलग समस्याएं हैं.
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हालिया सालों में 2019 को आंदोलन का साल कहना कहीं से भी गलत नहीं है. सरकार नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) लेकर आई थी इसलिए तमाम चीजें थीं जिन्होंने सुर्खियां बटोरीं. मगर वो जिसने ट्विटर की फिजाओं को गर्म किया वो थी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU). कानून को कैंपस के छात्रों ने काला कानून बताया था और इसके लिए पीएम मोदी (PM Modi) और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) की तीखी आलोचना की थी. चूंकि जिन्ना पोट्रेट विवाद में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पहले ही खूब किरकिरी करा चुकी थी इसलिए आम जनता को CAA के जरिये विश्वविधालय की आलोचना का मौका मिला और उन्होंने सरकार और पक्ष लेते हुए कैंपस के छात्रों की खूब लानत मलामत की. बात यूनिवर्सिटी की हो तो CAA प्रोटेस्ट के दौरान छात्रों ने पीएम मोदी और केंद्र सरकार के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग कर खूब जमकर हंगामा किया. स्थिति अनियंत्रित थी इसलिए पुलिस ने बल का प्रयोग कर अराजक छात्रों को बताया कि देश में क़ानून से बढ़कर कुछ नहीं है. समय का चक्र घूमा है घटना के ठीक एक साल बाद AMU और पीएम मोदी दोनों ही सुर्खियों में हैं. खबर है कि पीएम मोदी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में भाग लेंगे. इस खबर के बाद कि पीएम मोदी एएमयू के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे सोशल मीडिया पर कट्टरपंथियों के बीच एक नई बहस की शुरुआत हो गई है.
पीएम मोदी एएमयू के दीक्षांत समारोह में आएंगे इस खबर ने लोगों को हैरत में डाल दिया है
बता दें कि आने वाली 22 दिसंबर को AMU अपने दीक्षांत समारोह का अयोजन कर रहा है जिसमें बतौर मुख्य अतिथि पीएम मोदी को भी न्योता भेजा गया है. प्रोग्राम में पीएम मोदी के अलावा केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे.
PM Narendra Modi to attend Aligarh Muslim University's centenary celebrations via video conference: AMU
— Press Trust of India (@PTI_News) December 16, 2020
कार्यक्रम भले ही कोरोना वायरस महामारी के कारण वर्चुअल रखा गया हो लेकिन यूनिवर्सिटी कैंपस में एक बिल्कुल नई बहस को आयाम मिल गए हैं. वहीं यूनिवर्सिटी भी प्रोग्राम को लेकर बहुत सजग है. यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर तारिक मंसूर ने सभी संबंधितों से शताब्दी कार्यक्रम को राजनीति से ऊपर रखने की अपील की है.
The VC of AMU has invited PM Modi for Centenary Celebrations. He's also appealed to keep the programme above politics, like we keep Republic Day, Independence Day, Milad Un Nabi, and Gandhi Jayanti. (1/2)@StudentsAmu @AMUNetwork @suchitrav@AMUJournal @MaktoobMedia @TheQuint pic.twitter.com/iKDOAlgDIZ
— Ansab Amir Khan (@ansab_amir) December 16, 2020
बात आगे बढ़ाने से पहले ये बताना जरूरी है कि हालिया सालों में यूनिवर्सिटी और बीजेपी का छत्तीस का आंकड़ा रहा है. तमाम मौके आए हैं जहां दोनों ही पक्षों ने एक दूसरे पर जमकर कटाक्ष किये हैं और हिंदूवादी संगठनों ने तो AMU का नाम बदलने तक की बात की है. बात एएमयू के विरोधियों की हुई है तो हम अलीगढ़ के भाजपा विधायक सतीश गौतम को कैसे भूल सकते हैं. एएमयू को लेकर मौका कोई भी आए सतीश गौतम यूनिवर्सिटी कैंपस और छात्रों को नीचा दिखाने से पीछे नहीं हटते.
चूंकि कैंपस के दीक्षांत समारोह में खुद देश के प्रधानमंत्री बतौर मुख्य अतिथि आ रहे हैं तो ये मुद्दा क्यों इतना बड़ा है इसके दो कारण हैं पहला कैम्पस के छात्रों का प्रधानमंत्री मोदी को 'एन्टी मुस्लिम मानते हैं दूसरा पीएम मोदी एक ऐसे दल से आते हैं जिसकी कैम्पस से दुश्मनी वैसी ही है जैसी सांप और नेवले के बीच होती है.
गौरतलब है कि यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर तारिक मंसूर के इस फैसले के बाद वो लोग जरूर ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं जो अलग अलग मोर्चों पर प्रायः सेक्युलर या लिबरल की तख्ती लेकर घूमते थे.
मामला चर्चा में है जिसे लेकर ट्विटर ने अपने को दो धड़ों में बांट लिया है आइए नज़र डालें ट्विटर पर और देखें कि कैसे पीएम मोदी के अलीगढ़ मुस्लिम आगमन ने 'कुछ विशेष लोगों' को बेचैन कर उनका दिन का चैन और रात की नींद हराम कर दी है.
पीएम मोदी के अलीगढ़ जाने से सरकार के समर्थक खूब खुश हैं.
After JNU, PM Narendra Modi would be Chief Guest at AMU's Centenary Celebration on Dec 22.Jai Shri Ram ????????#PMModiInAMU
— मुकुल यादव (यदुवंशी)???????? (@Yadavji_) December 16, 2020
पीएम मोदी के कैम्पस आगमन पर यूनिवर्सिटी के छात्र संघ को भी ऐतराज है. यूनिवर्सिटी के छात्र संघ से जुड़े सरजील उस्मानी को वीसी के इस फैसले ने हैरत में डाल दिया है.
It would be an futile exercise to be surprised on AMU admin inviting PM Narendra Modi as a guest in their program. Same goes for Jamia VC who announced there's no point in pursuing FIR against police anymore. Sarkari Musalmans have been collaborating with state for decades.
— Sharjeel Usmani (@SharjeelUsmani) December 16, 2020
सरकार और पीएम के समर्थक ये तक कह रहे हैं कि देखना दिलचस्प रहेगा कि पीएम के अलीगढ़ जाने के बाद लोगों का क्या रिएक्शन होगा.
So PM Modi to address AMU. Just can't wait to see their reactions.
— Shashank Mukherjee (@SHASHANKMUKHERJ) December 16, 2020
यूनिवर्सिटी से जुड़े लोग ये भी कह रहे हैं कि यदि ये खबर सही है तो वो वक़्त आ गया है जब कैंपस में प्रधानमंत्री के आने का विरोध करना चाहिए.
Idk how much this news is true about the PM Modi to be Chief Guest at AMU Centenary celebration program on 22nd of December. If this is true then we must boycott the arriving of PM Modi in campus. We will never let any fascist person to step on the land of Sir Syed Ahmed Khan. pic.twitter.com/6wAOxZ9Kz5
— Saiful Bari سیف (@FOOL_bari) December 16, 2020
साफ़ है कि जैसा मामले के मद्देनजर ट्विटर का रुख है वहां विरोधी और समर्थकों दोनों ही लोगों के ट्वीट हैं जिसके बाद इतना तो साफ़ है कि न सिर्फ एक नयी बहस को पंख मिले हैं बल्कि लोगों में बेचैनियां बढ़ी हैं. पीएम का AMU आना यूनिवर्सिटी के लिए कितना फायदेमंद होगा इसका फैसला समय करेगा लेकिन इतना यक़ीनन कहा जा सकता है कि इससे भाजपा को बड़ा फायदा मिलेगा.
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