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Updated: 14 अप्रिल, 2018 06:41 AM
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जम्मू-कश्मीर के कठुआ में 8 साल की बच्ची आसिफा के गैंगरेप और हत्या के मामले पर पूरा देश शर्मासार है और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर एकजुट है. इस मामले पर राजनेता अपना काम कर रहे हैं और जनता अपना. विपक्ष आधीरात को कैंडल मार्च कर रहा है तो सरकार इस जघन्य अपराध की कड़े शब्दों में निंदा. लेकिन इस मामले पर वहां के स्थानीय लोगों का नजरिया कश्मीर से मीलों दूर बैठे लोगों के नजरिए से काफी जुदा लगता है. जो दिल्ली में रेप पीड़िता के पक्ष में खड़े हैं वही कश्मीर में आरोपियों का बचाव कर रहे हैं. कैसे..इन तथ्यों से समझिए.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार- अब ये गैंग रेप और हत्या, एक जघन्य अपराध न रहकर हिंदू बनाम मुस्लिम. हिंदू बहुसंख्यक जम्मू-कथुआ-सांबा-उधमपुर बनाम मुस्लिम-बहुल्य कश्मीर घाटी-चिनाब घाटी-पीर पंजाल हो गया है. कश्मीर में 'हिंदू एकता मंच' ने अपनी बुलंद आवाज में आरोपियों के लिए "न्याय की मांग" की गई. इस मंच के प्रमुख समर्थकों का नाम और काम उनके राजनीतिक जुड़ाव के बारे में काफी कुछ कहता है.

rally, kathua'हिंदू एकता मंच' की रैली जिसमें आरोपियों के लिए न्याय मांगा गया

भाजपा-

हिंदू एकता मंच के प्रेसिडेंट और भाजपा के राज्य सचिव विजय कुमार ने ये मंच बनाया और क्राइम ब्रांच की जांच के खिलाफ अभियान चलाया और आरोप लगाया कि ये जांच दूसरे समुदाय से प्रभावित है.

1 मार्च को भाजपा के दो वरिष्ठ मंत्री वन मंत्री लाल सिंह और उद्योग मंत्री चंद्र प्रकाश गंगा ने जम्मू कश्मीर में मंच रैली में हिस्सा लिया था जिसमें उन्होंने इस केस को सीबीआई को देने की मांग की थी. मंत्रियों के साथ भाजपा विधायक राजीव जसरोतिया और कुलदीप राज भी थे जो जम्मू के कथुआ और हीरानगर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे.

हीरानगर के एक वकील का कहना है 'हम गिरफ्तार हुए लोगों का पक्ष नहीं ले रहे केवल सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं जिससे निष्पक्ष जांच हो सके.' वो आरोप लगा रहे थे कि गिरफ्तार किए हुए आठों लोगों को प्रताड़ित किया गया, गवाहों को प्रताड़ित किया गया. रसाना जहां ये हत्या की गई वहां के लोग आतंक में जी रहे हैं और पुलिस उन्हें कभी भी उठा लेती है.'

विजय कुमार का कहना है कि हालांकि भाजपा भी सरकार का हिस्सा है, लेकिन क्राइम ब्रांच होम डिपार्टमेंट के अंतर्गत आता है जिसकी अध्यक्ष मुख्य मंत्री महबूबा मुफ्ती हैं. उनके पास हमेशा कश्मीर केंद्रित एजेंडा होता है.

bjp ministers भाजपा के मंत्री लाल सिंह और चंद्र प्रकाश गंगा ने रैली में हिस्सा लिया

अन्य जिनके भाजपा से संबंध हैं-

भाइया हीरानगर के सुदेश कुमार एक प्रोपर्टी डीलर और मंडल अध्यक्ष हैं. सतूरा हीरानगर के भागमल खजूरिया पूर्व सरपंच, व्यापारी और लाल सिंह के करीबी समर्थक हैं. हीरानगर के रवि सगोतरा पार्टी कार्यकर्ता हैं. चड़वाल हीरानगर के यश भारती मंडल अध्यक्ष हैं. कठुआ के प्रेम नाथ डोगरा एक निजी ठेकेदार और पार्टी के जिला अध्यक्ष हैं. और, कट्टल ब्राह्मण हीरानगर के सुदेश कुमार एक व्यापारी और पार्टी कार्यकर्ता हैं.

जम्मू-कश्मीर भाजपा के मुख्य प्रवक्ता सुनील सेठी का कहना है कि - 'हमारा हिंदू एकता मंच से कोई लेनादेना नहीं है, न ही हम उनका समर्थन कर रहे हैं. इस विषय पर विजय शर्मा ने न तो पार्टी से कोई राय ली और न ही हम उनके साथ हैं. भाजपा ने दो मंत्रियों को नियुक्त किया था जिन्होंने यह आश्वासन दिया कि वो इस मामले को सीबीआई को सौंपने के लिए सरकार से बात करेंगे. लेकिन इस बात को जानबूझकर इस तरह से पेश किया जा रहा है कि हम बलात्कारियों का समर्थन कर रहे हैं. यह बिल्कुल गलत है. अगर जांच सही होगी तो आरोपी को सजा मिलेगी ही. सीबीआई आरोपियों छोड़ेगी नहीं. अगर क्राइम ब्रांच मामले की जांच करेगी और गवाहों को प्रताड़ित करके बयान दर्ज करती है तो सिवाए आरोपियों क् किसी का भला नहीं होगा.'

rahul gandhiदिल्ली में कैंडल मार्च में राहुल गाधी बहन प्रियंका के साथ शामिल हुए कांग्रेस-

हिंदू एकता मंच के सचिव, कांत कुमार कांग्रेस नेता और पूर्व सरपंच हैं. जम्मू बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बी एस सलाथिया सीबीआई जांच की मांग की अगुवाई कर रहे हैं. सलाथिया ने कांग्रेस के सदस्य होने से इनकार किया है. उनका कहना है - 'मेरा संबंध केवल गुलाम नबी आजाद के साथ है जो राज्य सभा में विपक्ष के नेता हैं. मैंने 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान मुख्य चुनाव एजेंट के रूप में उनके लिए काम किया था.

अन्य जिनके कांग्रेस से संबंध हैं-

छान दितीयल के रोमी शर्मा हीरानगर में युवा कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. पूछताछ करने पर एक दुकानदार ने बताया कि मंच के साथ इनका कोई संबंध नहीं है. पंकज शर्मा कठुआ के युवा कांग्रेस अध्यक्ष और निजी ठेकेदार हैं. पंकज शर्मा का भी कहना है कि वो मंच के किसी भी नेता से कभी नहीं मिले. चंदवान हीरानगर के याकेश सिंह, कांग्रेस से जुड़े पूर्व सरपंच और एक बीमा एजेंट हैं.

जम्मू-कश्मीर के कांग्रेस अध्यक्ष जी ए मीर का कहना है - 'हम लड़की के लिए न्याय चाहते हैं. हिंदू एकता मंच द्वारा आयोजित रैली में कांग्रेस के केवल एक व्यक्ति ने हिस्सा लिया था, वो थे हीरानगर के सरपंच. हमने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है और उन्हें निष्कासित भी कर दिया है. बार एसोसिएशन के अध्यक्ष का कांग्रेस के साथ कोई संबंध नहीं है. उन दो मंत्रियों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई जिन्होंने खुले तौर पर उन लोगों को समर्थन दिया जिन्होंने इस घिनौने अपराध को अंजाम दिया?'

पेंथर्स पार्टी-

यशपाल कुंडल सांबा के पूर्व विधायक और जम्मू कश्मीर नेशनल पैंथर पार्टी के राज्य अध्यक्ष हैं, जिन्होंने मंच का समर्थन किया था. पार्टी के अध्यक्ष हर्षदेव सिंह के साथ, कुंडल मंच की महिलाओं के साथ धरने पर बैठ गए थे, जिन्होंने मंगलवार को कूताह में उपवास किया था.

अन्य जिनके पेंथर्स पार्टी से संबंध हैं-

दयालचक हीरानगर के सतीश कुमार जिला अध्यक्ष हैं. कठुआ के रॉबिन शर्मा एक प्रोपर्टी डीलर हैं और पार्टी के एक जिला अध्यक्ष हैं.

bar associationवकीलों ने चार्जशीट फाइल करने नहीं दी थी

आरएसएस, विहिप-

कठुआ जिले के विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष जतराम शर्मा, का कहना है 'हिंदू होने के नाते मैं मंच का समर्थन करता हूं. लड़की को न्याय मिलना चाहिए, लेकिन इसकी सीबीआई जांच हो जिससे किसी निर्दोष को सजा न हो. पहले मामले की जांच पुलिस ने की, फिर इसे क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया और उसके बाद कश्मीर के अधिकारियों को जांच के लिए बुलाया गया, सरकार ने खुद संदेह पैदा करने के लिए जिम्मेदार है'.

कठुआ के ज्ञान सिंह पठानिया सांबा और कठुआ के विहिप प्रभारी हैं. ये एक प्रोपर्टी डीलर और कठुआ में पूर्व-सैनिक युद्ध विधवा कल्याण संघ के अध्यक्ष हैं. बिशन भारती आर्य समाज कठुआ के अध्यक्ष हैं. सुरिंदर बजाज आरएसएस के जिला नेता और कठुआ व्यापारी संगठन के अध्यक्ष हैं.

अन्य-

अन्य लोग जो सीबीआई जांच की मांग के समर्थन में मंच के साथ हैं वो हैं- अनिल अंडोत्र, जो युवा वकील संघ, कठुआ के अध्यक्ष हैं. कठुआ के वकीलों ने लोकल कोर्ट में क्राइम ब्रांच के अधिकारियों को चार्जशीट फाइल करने से रोकने की कोशिश की थी.

तो ये तो रहा कठुआ का राजनीतिक तानाबाना. वो चाहे कांग्रेस हो या भाजपा या कोई भी अन्य पार्टी, ये लोग दिल्ली में बैठकर इस मामले पर शोक जता रहे हैं, आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, लेकिन वहां इन्हीं पार्टियों के लोगों का अलग ही अजेंडा है, जो अपनी ही पार्टी से जुदा सोच रहे हैं. ये लोग मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं और आरोपियों के लिए न्याय मांग रहे हैं. साफ जाहिर है कि ये मामला जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया, अब अपना रूप बदल रहा है, राजनीति इसपर हावी हो रही है और स्थानीय नेता अपने राजनीतिक हित साधने के लिए ऐसे शर्मनाक बयान दे रहे हैं, जो सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक रंग में रंगे हैं.

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