पॉल्युशन की गेंद नीली हुई तो केजरीवाल की, धुंधली वाली मोदी की!
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर केजरीवाल ने अपने हाथ खड़े कर दिए हैं. बढ़ते प्रदूषण के लिए पंजाब हरियाणा के अलावा केंद्र को जिम्मेदार ठहराकर केजरीवाल ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़कर राजनीति की शुरुआत कर दी है.
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दिवाली बीत चुकी है और जिस बात का डर था ठीक वैसा ही हुआ है. दिल्ली और एनसीआर में सांस लेना दूभर है. शहर भर में इतना स्मॉग है कि कहीं आने जाने के लिए लोगों को घंटों विचार करना पड़ रहा है. दिल्ली दूषित या ये कहें कि किसी गैस चैंबर की तरह हो गई है. हालात कितने ख़राब है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दिल्ली के सभी स्कूलों को 5 नवंबर तक के लिए बंद कर दिया गया है. CPCB (केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड) की मानें तो दिल्ली का AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) खतरे के निशान से काफी ऊपर आ गया है. स्थिति इमरजेंसी वाली हो गई है. दूषित जहरीली हवा के कारण जब लोग गंभीर रूप से बीमार हों, सियासत का गर्माना लाजमी है. दिल्ली में प्रदूषण बड़ा मुद्दा बन गया है और सियासत तेज हो गई है. आने वाले वक़्त में दिल्ली में विधानसभा चुनाव हैं. एक ऐसे समय में जब चुनाव से ठीक पहले हर बात का अपना महत्त्व होता है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों का पक्ष लेकर तुष्टिकरण की राजनीति का एक नया अध्याय रचा है. केजरीवाल का मानना है कि, उन्होंने और उनकी सरकार ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए तमाम तरह के कड़े कदम उठाए थे और अब जो दिल्ली की हालत है उसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है. प्रदूषण को लेकर जिस तरह की खींचातानी दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच चल रही है उसके बाद यही कहा जा सकता है कि दिल्ली में पॉल्यूशन एक गेंद की तरह है. गेंद नीली हुई तो केजरीवाल की मेहरबानी, वरना धुंधली के लिए तो पीएम मोदी और केंद्र जिम्मेदार हैं ही.
दिल्ली की फिजा में प्रदूषण है जिसे लेकर राजनीति तेज हो गई है
हो सकता है इन बातों को सुनकर आप विचलित हो जाएं, मगर जो ट्विटर पर केजरीवाल का रुख है. साफ़ हो गया है कि प्रदूषण की समस्या पर दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अपने हाथ खड़े कर लिए हैं. दिवाली के फ़ौरन बाद मौसम में जो भी परिवर्तन हुआ है उसका सारा ठीकरा केजरीवाल ने केंद्र सरकार के मत्थे फोड़ दिया है. दिवाली से पूर्व प्रदूषण के नियंत्रण के नाम पर तमाम तरह की योजनाएं चलाने वाले केजरीवाल लगातार ट्वीट और रीट्वीट कर रहे हैं और बता रहे हैं कि अब जो कुछ भी हुआ है उसकी जिम्मेदार उनकी सरकार नहीं, बल्कि केंद्र है. जिसने लगातार उनकी बातों को नजरंदाज किया.
केजरीवाल का मानना है कि अगर आज दिल्ली के लोगों का दम घुट रहा है तो इसमें एक बड़ी भूमिका पंजाब और हरियाणा की भी हैं. जहां लगातार पराली जल रही है और जिसके चलते दिल्ली में रहने वाले लोगों के प्राण संकट में हैं. आइये कुछ और बात करने से पहले केजरीवाल के उन ट्वीट्स पर नजर डाल ली जाए जिन्हें देखकर इस बात का एहसास हो जाएया कि जैसे जैसे दिन आगे बढ़ेंगे दिल्ली में प्रदूषण का मुद्दा नई इबारतें रचेगा.
दिल्ली प्रदूषण पर केजरीवाल ने अपने हाथ खड़े कर दिए हैं और केंद्र को जिम्मेदार ठहराया है
केजरीवाल मामले को लेकर कैसी राजनीति कर रहे हैं इसे हम उनके उस ट्वीट से समझ सकते हैं जिसमें उन्होंने एक ही ट्वीट में दो तस्वीरें पोस्ट की हैं और बताया है कि 1 से 26 सितम्बर के बीच दिल्ली का आसमान साफ़ था जबकि दूसरी फोटो की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा है कि वर्तमान में जो दिल्ली की हालत है उसके जिम्मेदार पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर हैं.
Pic 1 -26 Sep -clear blue beautiful Del sky
Pic 2 - Del sky today full of smoke from adjoining states
Del ppl making huge sacrifices. Its time Captain and Khattar govts gave specific timelines and milestones by when will they stop crop burning
Why shud Delhi suffer? pic.twitter.com/AQP64jGjIv
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 1, 2019
प्रदूषण को मुद्दा बनाकर राजनीति कर रहे केजरीवाल ने एक ट्वीट और किया है जिसमें उन्होंने EPCA, SC, NGT के साथ होने की बात की है और कहा है कि प्रदूषण की रोकथाम की दिशा में जो भी कदम उठाए जाएंगे वो साथ रहेंगे.
दिल्ली सरकार और दिल्ली के लोग पूरी तरह से EPCA, SC, NGT के साथ हैं। उनके साथ मिलकर अभी तक कई क़दम उठाए, और भी जितने क़दम उठाने की ज़रूरत पड़ेगी, हम वो सभी क़दम उठाएँगे। हम पूरी तरह से GRAP भी लागू करेंगे। आने वाले दिनों में GRAP के बारे में लोगों में अधिक जागरूकता भी करेंगे।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 1, 2019
जैसे कि हम पता चुके हैं दिल्ली में छाए प्रदूषण को लेकर केजरीवाल ने राजनीति शुरू कर दी है. मामले पर केजरीवाल की राजनीति का रंग हम आम आदमी पार्टी नेता आतिशी के उस ट्वीट से भी समझ सकते हैं जो केजरीवाल ने रीट्वीट किया है. आप नेता आतिशी ने दिल्ली की हालत के लिए साफ़ तौर से केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.
Anyone who thinks smog is a Delhi problem, pls see NASA maps, which show how the smog is spreading in Punjab, Haryana, Delhi, UP, West Bengal and MP.If this is not a national issue, then what is? Is it not time for the Central Govt to solve this yearly national crisis? https://t.co/SNhSLFPhrF
— Atishi (@AtishiAAP) November 1, 2019
इन सब के अलावा आम आदमी पार्टी के ट्विटर हैंडल से भी लगातार मामले को लेकर ट्वीट किये जा रहे हैं.
हमें समझना पड़ेगा बीमारी क्या है और उसका इलाज क्या है। इस समय दिल्ली के ऊपर चारों तरफ पराली जलने से पैदा हुआ धुआं छाया हुआ है
दिल्ली की जनता अब खट्टर, कैप्टन और केंद्र सरकार से कंक्रीट टाइमलाइन चाहती है, की वो पराली जलाने पर रोक कब लगाएंगे? - @ArvindKejriwal pic.twitter.com/BQ1m4UFot5
— AAP (@AamAadmiParty) November 1, 2019
आम आदमी पार्टी की सोशल मीडिया टीम की मेंबर शालू के ट्वीट को भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रीट्वीट किया है. शालू ने अपने ट्वीट में प्रदूषण के मद्देनजर दिल्ली के मुख्यमंत्री का बचाव करते हुए गेंद पंजाब और हरियाणा के पाले में डाल दी है.
Gurugram pollution...
केवल दिल्ली ही नहीं बल्कि पंजाब और हरियाणा जहां पराली जलाई जा रही है वहां के शहर भी धुएं से भर गए है।
अगर @ArvindKejriwal की बात मानकर केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकार ने सही वक्त पर पराली के लिए कोई ठोस कदम उठा लिया होता तो आज यह पोलूशन नहीं होता। pic.twitter.com/QTwo1hyrTL
— Shalu (@Shalupcrf) November 1, 2019
मुद्दे को भुनाने भाजपा भी आ गई है सामने
खैर बात राजनीति की चल रही है तो भाजपा का जिक करना भी हमारे लिए बेहद जरूरी है. चूंकि जल्द ही दिल्ली में चुनाव है तो दिल्ली भाजपा ने भी प्रदूषण को मुद्दा बनाकर आम आदमी पार्टी पर चढ़ाई कर दी है और दिल्ली की वर्तमान स्थिति के लिए केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में शुमार विजय गोयल ने मनोज तिवारी और शाहनवाज हुसैन के साथ प्रदूषण के खिलाफ उपवास किया है और दिल्ली सरकार की जमकर आलोचना की है.
प्रदूषण के खिलाफ उपवास में प्रदेश अध्यक्ष @ManojTiwariMP, भाजपा प्रवक्ता @ShahnawazBJP समेत सभी नेताओ सैंकड़ों कार्यकर्ताओं, आरडब्ल्यूए और आम जनता का मैं धन्यवाद करता हूँ।#FightAgainstDelhiPollution pic.twitter.com/RBL97SQagQ
— Vijay Goel (@VijayGoelBJP) November 1, 2019
मामले पर विजय गोयल की मीडिया को दी गई एक बाईट भी खूब वायरल हो रही है जिसमें उन्होंने दिल्ली सरकार और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तमाम तरह के गंभीर आरोप लगाए हैं और उन्हें निशाने पर लिया है.
कितना झूठ बोलेंगे केजरीवाल सत्ता के लिए। pic.twitter.com/668KyCYmTl
— Vijay Goel (@VijayGoelBJP) November 1, 2019
बात भाजपा के आरोपों की चल रही है तो हमारे लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तंज कसा है. प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि आरोप लगाने की जगह सबको मिलकर काम करना चाहिए. केजरीवाल पर निशाना साधते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने ये भी कहा है कि, दिल्ली के मुख्यमंत्री राजनीति कर रहे हैं. ब्लेम गेम कर रहे, मैं आज उस लेवल पर जाकर बात नहीं करूंगा.
इसके अलावा जावड़ेकर ने इस बात का भी जिक्र किया कि बाइपास रोड बनाने के लिए दिल्ली सरकार 3500 करोड़ रुपये नहीं दे रही थी फिर कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा, जिसके बाद एक हजार करोड़ रुपये दिए गए.
दिल्ली में बढ़े हुए प्रदूषण को लेकर प्रकाश जावड़ेकर ने भी अरविंद केजरीवाल को करारा जवाब दिया है
जावड़ेकर ने कहा कि हरियाणा, पंजाब को दोष देना, एक दूसरे को दोष देना ठीक नहीं. इसके बजाय पीएम मोदी की सलाह पर काम करते हुए दिल्ली के आसपास वाले पांचों राज्यों के लोगों को बैठकर बात करनी चाहिए.इसमें प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों का क्या किया जा सकता है, इसपर विचार होना चाहिए. किसी पर दोष नहीं मढ़ना चाहिए.
जिस तरह से दिल्ली दूषित है इतना तो साफ़ है कि अभी आने वाले दिनों में हालात बद से बदतर और राजनीति तेज होगी. आज प्रदूषण को लेकर दिल्ली में आम आदमी पार्टी और भाजपा आमने सामने है कोई बड़ी बात नहीं कल हम कांग्रेस को भी प्रदूषण को एक बड़ा हथियार बनाकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और भाजपा पर बड़ा हमला करते देखें. बाकी बात अगर जनता की हो तो यूं भी उसकी किसे पड़ी है. केजरीवाल से लेकर मनोज तिवारी और विजय गोयल तक नेताओं को उसके वोट से मतलब है. नेता जानते हैं वोट तो उन्हें हर सूरत में मिलेगा.
अंत में बात प्रदूषण की तो जो हालात वर्तमान में दिल्ली एनसीआर और आस पास के हिस्सों के हैं उसके जिम्मेदार किसी पार्टी के नेता नहीं बल्कि हम खुद हैं पराली तो बस बहाना है. विजय गोयल, मनोज तिवारी या फिर अरविंद केजरीवाल कोई कुछ भी कहे दरअसल हम वही काट रहे जो हमने बोया था.
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