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सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
दिल्ली को गैस चैंबर बनाने का दोष अब पंजाब पर तो लगने से रहा, तो केंद्र सरकार ही दोषी सही
पंजाब में पराली जलाने (Stubble Buring) के बढ़े मामलों की वजह से दिल्ली की हवा जहरीली (Delhi Air Pollution) होती जा रही है. लेकिन, पंजाब (Punjab) में आम आदमी पार्टी सरकार (AAP govt) के सीएम भगवंत मान (Bhagwant Mann) केंद्र की भाजपा सरकार को किसान विरोधी साबित करने में जुटे हैं. और, अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) इस पर चुप्पी साधे बैठे हैं.
संस्कृति
| 4-मिनट में पढ़ें
निधिकान्त पाण्डेय
@1nidhikant
पटाखे और दिए की बातचीत हुई, सवाल जितने मजेदार थे, जवाब उतने ही जबरदस्त
भारत में आतिशबाजी का इतिहास पुराना है. भारत जब आजाद हुआ था तब भी तो जोरदार आतिशबाजी हुई थी. तब मेरे दादा-परदादाओं ने आकाश में रंग और फुलझड़ियां बिखेरी थीं, आवाज से वातावरण को गुंजाया था, तब दिये मेरे दोस्त, तुम्हारे पूर्वजों ने भी तो नए भारत के स्वागत में दिये की लड़ियों से पूरा समां रोशन कर दिया था.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
Yamuna Pollution: कुमार विश्वास के तंज को सिर्फ केजरीवाल से जोड़ना बेमानी है
पूरा विश्व इस समय कोरोना वायरस महामारी और जलवायु परिवर्तन (Climate Change) की चुनौतियों से जूझ रहा है. छठ महापर्व के मौके पर यमुना में प्रदूषण (Pollution) की तस्वीरें लगभग हर मोबाइल स्क्रीन पर पहुंची होंगी. हजारों लोगों ने टीवी चैनलों पर भी यमुना के प्रदूषण को देखकर चिंता जताई ही होगी.
सियासत
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एक अलग नज़रिया
| 3-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
छठ व्रती महिलाएं प्रदूषित यमुना नदी में नहाने को मजबूर हैं, क्योंकि ऐसा पापी नेता चाहते हैं!
यमुना नदी दीवाली या छठ के पर्व पर अचानक से प्रदूषित नहीं हुई है. यह चर्चा हर साल दीपावली और छठ के पर्व पर तेज हो जाती है. असल में महिलाओं को गंदे पानी में पूजा करने पर मजबूर इन नेताओं ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए किया है...
ह्यूमर
| 6-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
पटाखा बैन पर सद्गुरु की बातें 'फुलझड़ी' है, तो कंगना का विरोध 'बम'!
पटाखा बैन का समर्थन करने वालों परस्पिरिचुअल गुरु जग्गी वासुदेव जिन्हें दुनिया सद्गुरु के नाम से जानती है, भी सख्त हैं. साथ ही एक्टर कंगना रनौत ने भी इन एक दिवसीय पर्यावरणविदों को निशाने पर लिया है.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 3-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
Diwali 2021: ग्रीन पटाखे के नाम पर होने वाले धोखे पर नजर रखिए
ग्रीन पटाखे (Green Crackers) का नाम सुनकर खुद को तसल्ली देने वाले लोग इतना समझ लें कि ये बस आपके साथ धोखा है. धोखा इसलिए कि जब पटाखे बैन होने के बाद रात 12 बजे तक बम फूटते हैं तो फिर ग्रीन पटाखों की आड़ में क्या होगा?
सोशल मीडिया
| 6-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
'दिवाली पर टिप्स' की बात कर विराट कोहली ने खुद ही मुसीबत मोल ली है!
दिवाली (Diwali) से पहले पटाखे फोड़ने पर लोगों को सलाह देने का चलन पुराना है. क्योंकि, भारत में हर आम-ओ-खास का सबसे पसंदीदा शगल 'मुफ्त की सलाह' बांटना है. इस बीच टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने भी दिवाली को लेकर सलाह देने की बात कहकर आफत मोल ले ली है.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
सुमेर सिंह राठौर
@SumerJaisalmer
World Environment Day: थार पर प्रकृति का मेहरबान रहना भी कुदरत का करिश्मा है!
गर्मियों के दिन ज्यों-ज्यों तपते है रेगिस्तान के पेड़-पौधे भी खिलने लगते हैं. खिलने क्या लगते हैं जीवन से भर जाते हैं. मई और जून के महीने में जिन तीन पेड़-पौधों पर रेगिस्तान आबाद रहता है वे हैं खेजड़ी, जाल और कैर. आस-पास के ये पेड़ लोगों के जीवन का हिस्सा होते हैं. इन पेड़ों के नाम या पहचान भी होती है. जिसे लोग सालों-साल याद रखते हैं.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
सर्वेश त्रिपाठी
@advsarveshtripathi
पर्यावरण के साथ छलावा है पर्यावरण दिवस का एकदिवसीय दिखावा हो जाना
5 जून यानी विश्व पर्यावरण दिवस एक शोशेबाजी से ज्यादा कुछ नहीं है. मतलब एक पेड़ अपनी बालकनी, लॉन, गमले में या कहीं पर लगाओ उसके साथ अपनी फोटू उतारो और फेसबुक पर चेप कर एकदिवसीय पर्यावरण प्रेमी बन जाओ.