प्रियंका ने खुद मायावती और बीजेपी को सवाल करने का मौका दे दिया है
प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) की सक्रियता तो मायावती (Mayawati) को फूंटी आंख नहीं सुहा रही थी, लेकिन जयपुर जाकर कांग्रेस महासचिव ने कोटा (Kota Hospital Children Deaths) पर सवाल पूछने का न्योता ही दे डाला है - अब जवाब तो देने ही होंगे.
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प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के तूफानी यूपी दौरे से कांग्रेस के विरोधी खेमे में हलचल तो बढ़ी ही थी, जैसे ही कोटा के अस्पताल से बच्चों की मौत की खबर आयी सभी सक्रिय हो गये. प्रियंका गांधी के खिलाफ बीजेपी से भी ज्यादा मुखर मायावती (Mayawati) नजर आयीं और चैलेंज कर दिया कि जैसे यूपी में लोगों से मिल रही हैं - क्या कोटा की पीड़िता माताओं से भी मिलने जाएंगी?
प्रियंका गांधी कोटा (Kota Hospital Children Deaths) नहीं भी जातीं तो शायद बात बहुत नहीं बिगड़ती - लेकिन एक शादी में शामिल होने के लिए जयपुर जाकर कांग्रेस महासचिव ने बहुत बड़ी मुसीबत मोल ली है.
जयपुर से कोटा बहुत दूर तो नहीं है
प्रियंका गांधी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को घर घर जाकर सहानुभूति जता रही हैं और मुसीबत की घड़ी में उनके साथ होने का भरोसा दिला रही हैं. ये भी आश्वासन दे रही हैं कि अगर 2022 में यूपी में कांग्रेस की सरकार बनी तो वो CAA और NRC नहीं लागू होने देंगी.
जब गोरखपुर की ही तरह कोटा के अस्पताल में भी बच्चों की मौत होने लगी तो कांग्रेस शासन पर सवाल उठने लगे. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर अस्पताल में बच्चों की मौत के बाद राहुल गांधी खुद मौके पर पहुंचे थे और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी. फिर यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार पर जिम्मेदारी न निभाने के लिए खरी खोटी भी सुनायी थी.
विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस एक्शन के शिकार लोगों से मिलने प्रियंका गांधी लखनऊ और मुजफ्फरनगर के बाद वाराणसी पहुंची थीं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रियंका गांधी जुबेर खान के बेटे की शादी में शामिल होने के लिए वाराणसी से चार्टर्ड प्लेन से जयपुर पहुंचीं - और फिर वहीं से दिल्ली लौट आयीं. जुबेर खान ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सचिव हैं.
जयपुर एयरपोर्ट पर प्रियंका गांधी की अगवानी के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ साथ डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी पहुंचे थे.
जयपुर जाकर कोटा पर नये सिरे से घिरीं प्रियंका गांधी वाड्रा
हाल ही में जब सोनिया गांधी के कहने पर सचिन पायलट कोटा के अस्पताल पहुंचे तो अपनी ही सरकार पर बरस पड़े थे. अशोक गहलोत के बयान को तो पायलट ने असंवेदनशील माना ही, ये भी कहा कि जिम्मेदार जो भी तय होना चाहिये. सचिन पायलट ने एक बड़ा ही वाजिब सवाल उठाया था कि कांग्रेस सरकार बने 13 महीने हो चुके हैं और पिछली बीजेपी सरकार को जिम्मेदार बताने का कोई तुक नहीं बनता.
सचिन पायलट के बयान पर अशोक गहलोत की तरफ से राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री ने सवाल उठाये और पलटवार भी किया. स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल में गड़बड़ी का ठीकरा PWD विभाग पर फोड़ने की कोशिश की क्योंकि वो सचिन पायलट के ही जिम्मे है. बहरहाल, एयरपोर्ट पर प्रियंका के साथ अशोक गहलोत की ओर से ट्विटर पर शेयर तस्वीरों से ऐसा कुछ नहीं लगता कि कहीं को मनमुटाव भी है - राजनीति अपनी जगह भले ही कितनी कड़वी क्यों न हो.
सवाल भी होंगे - और जवाब भी देने होंगे!
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दौरे पर निकलीं प्रियंका गांधी से मायावती के बयान पर रिएक्शन मांगा गया तो उनका छोटा सा जवाब था - 'उनको निकलना चाहिए. उनको जाना चाहिए मिलने पीड़ितों से.' प्रियंका गांधी के कहने का मतलब रहा कि मायावती को सिर्फ ट्विटर से काम चलाने की बजाये फील्ड में भी निकलना चाहिये. अब गेंद मायावती के पाले में पहुंच गयी है. प्रियंका गांधी ने ये भी कहा कि वो कोटा में बच्चों की हुई मौत के मामले की जानकारी हासिल कर चुकी हैं और ज्यादा जानकारी के लिए कांग्रेस की एक टीम गयी हुई है. प्रियंका गांधी ने जिस टीम की बात की वो सचिन पायलट के साथ ही गयी थी.
प्रियंका गांधी की जयपुर यात्रा के बाद मायावती ने हमले तेज कर दिये हैं, लेकिन कांग्रेस की तरफ से मायावती की जगह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर पलटवार हो रहा है. यूपी कांग्रेस के ट्विटर हैंडल की एक ऐसी ही पोस्ट में नमूना देखिये.
माननीय योगी जी अपने एकाउंट से ट्वीट करिए। मायावती जी से आपने राज्यसभा में संविधान विरोधी कानून के पक्ष में समर्थन तो ले ही लिया और अब उनका एकाउंट लेकर मनचाहा ट्वीट भी कर रहे हैं।
संविधान बचाने की लड़ाई है ये।ये लड़ाई सबको इंसाफ दिलाने की है।
भाजपा व उनके दोस्तों में खलबली है। https://t.co/RB0BlQfRF3
— UP Congress (@INCUttarPradesh) January 11, 2020
दरअसल, मायावती ने प्रियंका गांधी की जयपुर यात्रा को पकड़ लिया है और उसे निजी यात्रा बताते हुए नये सिरे से हमला बोला है. मायावती की तरफ से इस सिलसिले में तीन ट्वीट किये गये हैं.
1. बीएसपी किसी भी मामले में कांग्रेस, बीजेपी व अन्य पार्टियों की तरह अपना दोहरा मापदण्ड अपनाकर घटिया राजनीति नहीं करती है। जिसके कारण ही आज पूरे देश में हर तरफ किसी ना किसी मामले को लेकर हिंसा, तनाव व अशान्ति आदि व्याप्त है।1/3
— Mayawati (@Mayawati) January 11, 2020
2. लेकिन ऐसे माहौल में भी अन्य पार्टियों की तरह कांग्रेस पार्टी भी अपने आपको बदलने को तैयार नहीं है, जिसका ताजा उदाहरण कांग्रेसी शासित राजस्थान के कोटा अस्पताल में वहाँ सरकारी लापरवाही के कारण बड़ी संख्या में मासूम बच्चों की हुई मौत का मामला है।2/3
— Mayawati (@Mayawati) January 11, 2020
3. अर्थात् कांग्रेस की नेता यूपी में तो आयदिन यहाँ घड़ियालू आँसू बहाने आ जाती है। लेकिन राजस्थान में कल वह अपने निजी कार्यक्रम के दौरान अपना थोड़ा भी समय कोटा में उन बच्चों की मांओं के आँसू पोछने के लिए देना उचित नहीं समझती है जबकि वह भी एक माँ है जो यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण है।3/3
— Mayawati (@Mayawati) January 11, 2020
कोटा को लेकर लगी राजनीतिक आग में प्रियंका गांधी वाड्रा की जयपुर यात्रा ने घी का काम कर दिया है. जयपुर में प्रियंका गांधी मुश्किल से घंटे भर रही होंगी, लेकिन इतने भर से विरोधी दलों को सवाल करने का भरपूर मौका मिल गया है.
मायावती की ही तरह बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी प्रियंका गांधी को कोटा जाने की चुनौती दी थी. संबित पात्रा का कहना रहा, 'उनके पास दंगाइयों के साथ मुलाकात का समय है, लेकिन कोटा की उन मांओं से मिलने का समय उनके पास नहीं है जिनके नौनिहाल लगातार काल के गाल में समा रहे हैं.' प्रियंका गांधी अगर चुपके से जाकर शादी में शामिल होकर लौट गयी होतीं तो इतना बवाल मचता. अशोक गहलोत ने ट्विटर पर हंसते मुस्कुराते फोटो शेयर कर प्रियंका गांधी की मुसीबत बढ़ा दी है. याद कीजिये जब राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था तो जिन दो नेताओं के नाम लिये थे उनमें अशोक गहलोत भी थे - और कांग्रेस कार्यकारिणी में प्रियंका गांधी ने कहा था कि कांग्रेस के हत्यारे कमरे में ही बैठे हुए हैं.
आखिर अशोक गहलोत किस बात का बदला ले रहे हैं - पहले राहुल गांधी से और अब प्रियंका गांधी से.
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