Priyanka Gandhi संग सेल्फी पाप, सीएम योगी के चरणों में पुलिसवाले का बैठना पुण्य!
प्रियंका गांधी के काफिले को आगरा - लखनऊ एक्सप्रेसवे पर रोका गया जहां प्रियंका के काफिले को आगरा - लखनऊ एक्सप्रेसवे पर रोक लिया. इस दौरान वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने प्रियंका गांधी के साथ सेल्फी ली. तस्वीरें सामने आने के बाद लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट ने संबंधित महिला पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक्शन लेने की बात कही है.
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प्रियंका गांधी की एक तस्वीर इंटरनेट पर वायरल है. वायरल तस्वीर ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले एक बार फिर सूबे में राजनीतिक सरगर्मियां तेज कर दी हैं. पुलिस कस्टडी में मारे गए अरुण वाल्मीकि के परिवार से मिलने के सिलसिले में प्रियंका आगरा में जा रही थीं. पुलिस ने प्रियंका के काफिले को आगरा - लखनऊ एक्सप्रेसवे पर रोक लिया. इस दौरान वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने प्रियंका गांधी के साथ सेल्फी ली. पुलिसकर्मियों के प्रियंका संग सेल्फी लेना भर था विवाद हो गया. चूंकि तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल हुईं थीं जाहिर था कि ये लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के पास भी आएंगी. तस्वीरें सामने आने के बाद लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट ने संबंधित महिला पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक्शन लेने की बात कही है. वहीं 2018 में एक तस्वीर वो भी सामने आई थी जिसमें गोरखपुर में गुरु पूर्णिमा के दौरान ड्यूटी पर तैनात एक इंस्पेक्टर ने वर्दी में ही सीएम योगी आदित्यनाथ से आशीर्वाद लिया था. दिलचस्प ये कि तब मामला क्योंकि सत्ता पक्ष और मुख्यमंत्री के आगे झुकने का था तो या तो विभाग ने उस क्षण पर ध्यान नहीं दिया या फिर व्यर्थ के विवाद से बचने के लिए उस तस्वीर को ही नजरअंदाज कर दिया.
सवाल ये है कि नेता के साथ सेल्फी लेना पाप और सत्ता पक्ष के दूसरे नेता की पूजा अर्चना करते हुए आशीर्वाद लेना पुण्य कैसे? बात लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट की तरफ ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों पर सेल्फी के कारण एक्शन की हुई है तो फिर इंसाफ होना चाहिए और बराबर का होना चाहिए.
पुलिसवालों संग सेल्फी के चलते प्रियंका विवादों में हैं लेकिन वो पुलिसवाला जिसने सीएम से आशीर्वाद लिया था उसपर किसी तरह का कोई एक्शन नहीं लिया गया
पहले बात प्रियंका गांधी सेल्फी विवाद पर. जैसा कि हम पहले ही इस बात से आपको अवगत करा चुके हैं कि प्रियंका संग महिला पुलिसकर्मियों की तस्वीर ने सियासी पारा चढ़ा दिया है. सेल्फी को लेकर पुलिसकर्मियों पर एक्शन की खबर सामने आने के बाद प्रियंका ने एक बार फिर सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ को निशाने पर लिया है.
Breaking : Lady Police Officers who took selfies with Congress leader Smt. Priyanka Gandhi have been served notice by UP Government.Congress party should immediately provide legal and political support to these police officers. pic.twitter.com/30HoHwOcOC
— Ravinder Kapur (@RavinderKapur2) October 20, 2021
मामले के मद्देनजर प्रियंका ने ट्वीट किया है और यूपी सरकार की नीयत पर सवाल खड़े लिए हैं. ट्वीट में प्रियंका ने लिखा है कि 'खबर आ रही है कि इस तस्वीर से योगी जी इतने व्यथित हो गए हैं कि इन पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही करना चाहते हैं. अगर मेरे साथ तस्वीर लेना गुनाह है तो इसकी सजा भी मुझे मिले, इन कर्मठ और निष्ठावान पुलिसकर्मियों का कैरियर खराब करना सरकार को शोभा नहीं देता.
खबर आ रही है कि इस तस्वीर से योगी जी इतने व्यथित हो गए कि इन महिला पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही करना चाहते हैं।अगर मेरे साथ तस्वीर लेना गुनाह है तो इसकी सजा भी मुझे मिले, इन कर्मठ और निष्ठावान पुलिसकर्मियों का कैरियर ख़राब करना सरकार को शोभा नहीं देता। pic.twitter.com/6wiGunRFEe
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 20, 2021
अब क्योंकि ये सेल्फी वाला मामला न केवल लोगों की जुबान पर है बल्कि सीएम योगी आदित्यनाथ और लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट की नजर में है. प्रियंका लाख सफाई दे दें और उनके संग सेल्फी क्लिक करवा रहीं महिला पुकिसकर्मियों को साजिश का शिकार बताते हुए बेकसूर बता दें. लेकिन इस बात में शक की कोई गुंजाइश नहीं है कि लखनऊ- आगरा एक्सप्रेसवे पर प्रियंका संग सेल्फ़ी लेकर जिस तरह यूपी पुलिस की महिला पुलिसकर्मियों ने नियमों का उल्लंघन किया वो न केवल निंदनीय है. बल्कि विभाग को वाक़ई इसकी माकूल सजा देनी चाहिए और एक नई इबारत को सेट करना चाहिए.
वर्दी की शान में हुई है गुस्ताखी
विषय बहुत सीधा सा है. चाहे वो बॉलीवुड एक्टर्स हों या फिर नेता। हममें से तमाम लोग होंगे जो इनके फैन होते हैं. लेकिन जब व्यक्ति ड्यूटी में हो और उसने वर्दी पहनी हो उस वर्दी का अपना प्रोटोकॉल होता है. वहां ड्यूटी और वर्दी की इज्जत करना कोई मजबूरी नहीं बल्कि फर्ज है. ऐसे में जब हम लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे पर प्रियंका संग सेल्फी लेती महिला पुलिसकर्मियों वाला मामला देखते हैं तो साफ है कि इन्होंने जाने अनजाने वर्दी की शान में गुस्ताखी की है इसलिए आला अधिकारियों का इस मामले पर गौर करना और दंड देना बनता है.
तो क्या दंड सिर्फ विपक्ष तक सीमित है?
प्रियंका मामले में महिला पुलिसकर्मियों की हरकत लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट और सूबे के मुखिया योगी अदित्य को नागवार गुजरी है. लगनी भी चाहिए. चूंकि वर्दी के अपने प्रोटोकॉल होते हैं. वाक़ई जो कुछ हुआ है वो शर्मसार करने वाला है. ये वैसे ही शर्मसार करता है जैसे 2018 का वो मामला जिसमें वर्दी में घुटनों के बल बैठे इंस्पेक्टर का सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ से आशीर्वाद लेना.
जुलाई 2018 में घटी इस घटना ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं. ध्यान रहे तब भी एक तस्वीर वायरल हुई थी जिसमें गोरखनाथ मंदिर में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर एक पुलिस अधिकारी ने अपनी वर्दी पहने घुटनों के बल बैठकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आशीर्वाद लिया था.
Who is more gracious?@myogiadityanath or@priyankagandhi ?Tell me. pic.twitter.com/JNjjbTlyia
— Pankaj Sharma पंकज शर्मा (@Pankaj___Sharma) October 20, 2021
प्रवीण सिंह नाम के पुलिस अधिकारी का आदित्यनाथ के सामने घुटनों पर बैठकर और हाथ जोड़कर आशीर्वाद लेने का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. जिसपर सिंह ने कहा था कि , 'मैं मंदिर की सुरक्षा ड्यूटी में तैनात था. जब मेरी ड्यूटी समाप्त हो गयी तो मैंने अपनी आस्था के कारण अपनी बेल्ट और टोपी उतारी और रूमाल से अपना सिर ढका तथा पीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ से आशीर्वाद लिया.
भले ही सिंह ने अपनी टोपी और बेल्ट उतार दी हो लेकिन वो वर्दी में थे. हम लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट से ये जरूर पूछना चाहेंगे कि क्या सत्ता पक्ष के सामने वर्दी पहन के झुकने या सेल्फी लेने पर सजा का कोई प्रावधान है या फिर सत्ता पक्ष इस बात को बिल्कुल नहीं पसंद करता कि उसके मातहत विपक्ष और उसके नेताओं को तव्वजो दें.
Difference between #YogiAdityanath and #PriyankaGandhi @myogiadityanath @priyankagandhi https://t.co/XDk8imKgFf
— Dr LUQMAN ?Abu ISTEHSAAN ? (@DrLuqmanAkhan) October 21, 2021
चूंकि प्रियंका सेल्फी मामले ने तूल पकड़ा है और महिला पुलिस कर्मियों पर एक्शन लिए जाने की बात हुई है. तो हमारा सवाल यही है कि क्या प्रवीण सिंह मामले में कोई एक्शन लिया गया था या फिर सूबे के मुखिया के आगे झुकने के कारण उन्हें आउट ऑफ टर्न प्रमोशन प्राप्त हुआ था? यदि ये दंड सिर्फ विपक्ष तक सीमित है तो अवश्य ही दाल में कुछ काला है.
अपने नंबर बढ़वाने के लिए पुलिसवाले भी नेताओं की मुंहलगी करते नजर आते हैं.
इस बात को समझने के लिए फिर हमें अतीत में जाना होगा और उस दौर को देखना होगा जब अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुखिया थे. तब भी एक तस्वीर ने इंटरनेट पर लोगों को बहस का मौका दिया है. तब वायरल हुई उस तस्वीर में अखिलेश यादव आराम से सोफे पर बैठे हैं वहीं एक पुलिसकर्मी घुटनों के बल उनके सामने बैठा है और कुछ बात कर रहा है. तस्वीर में जैसा अखिलेश का बर्ताव और पुलिसवाले का अंदाज था साफ़ था कि वो अखिलेश की अटेंशन का भूखा था.
अखिलेश यादव ने भी अपने ज़माने में पुलिसवालों को खूब घुटनों पर बैठाया है
इसी तरह जब हम मायावती का दौर देखते हैं तो वहां भी कुछ एक ऐसे मामले हमारे सामने आए हैं जिनमें अपने अपने नंबर बढ़वाने के लिए पुलिसकर्मियों ने ऐसा बहुत कुछ कर दिया है जिसने वर्दी को शर्मसार किया है.
प्रियंका गांधी सेल्फी विवाद में जो पूरा मामला है उसने पुलिस के आला अधिकारी इस बात को लेकर बौखलाए हैं कि आखिर कैसे विभाग के जूनियर्स की तस्वीर मौजूदा वक़्त में राज्य सरकार की आंखों की किरकिरी बनी प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ है. खुद सोचिये यदि पुलिस वाले राज्य सरकार के किसी बड़े नेता या स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ सेल्फी लेने की हिमाकत करते तो भी क्या पुलिस विवाग का यही रवैया रहता? इस सवाल का सबसे सटीक जवाब क्या है इसपर किसी को भी बहुत ज्यादा दिमाग लगाने की जरूरत नहीं है.
बहरहाल जिस तरह सेल्फी क्लिक कर महिला पुलिसकर्मी फंसे है कुछ न होता यदि उनके सामने भाजपा का कोई नेता होता। आला अधिकारी भी मामले को नजरअंदाज कर देते और अगर चर्चा में भी आता तो उन्हें उसे रफा दफा करना आता है.
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