Priyanka Gandhi का महिला कार्ड 2022 के चुनाव के बाद भी कायम रहेगा?
प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) कांग्रेस में 40 फीसदी महिला उम्मीदवारों को टिकट (Congress Women Candidates) देने के बाद ज्यादातर वक्त महिलाओं और लड़कियों से कनेक्ट होने की कोशिश में हैं - राहुल गांधी (Rahul Gandhi) जिसे शुरुआत बता रहे हैं उस पर 2022 के बाद भी कायम रहेंगे क्या?
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प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) की तरफ से पेश किये गये सात प्रतिज्ञा लिस्ट में 20 लाख सरकारी रोजगार सबसे ज्यादा ध्यान खींचने वाला है, लेकिन कांग्रेस महासचिव का ज्यादा जोर महिलाओं को राजनीति (Congress Women Candidates) में लाने पर नजर आ रहा है.
जहां तक यूपी में छात्राओं को स्मार्टफोन और स्कूटी देने की बात है, प्रियंका गांधी वाड्रा की दलील है, 'सुरक्षा और शिक्षा के लिए लड़कियों को स्मार्टफोन और स्कूटी की जरूरत है. प्रियंका गांधी इस आरोप को खारिज करती हैं कि ये वोट हासिल करने के लिए किये गये उपाय हैं, कहती हैं - 'ये दोनों चीजें शिक्षा में मदद करेंगी और सपनों को पूरा करने की राह आसान बनाएंगी.'
महिलाओं को राजनीति में हिस्सेदारी देने के कदम को बेहतर ठहराने के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा बीजेपी की उज्ज्वला स्कीम पर कटाक्ष करते हुए प्रियंका गांधी कहती हैं, 'कुछ ऐसी पार्टियां हैं जो सोचती हैं कि एक गैस सिलेंडर देकर महिलाओं को खुश कर देंगे, उनका वोट पाएंगे... मैं कहती हूं, मेरी पार्टी तो तीन सिलेंडर देगी, ये काफी नहीं है - उनका अस्तित्व पहचानिये, सम्मान करिये, आगे बढ़ने को सुविधाएं दीजिये... मेरे पिता का पंचायती राज में महिलाओं की हिस्सेदारी ऐसा ही निर्णय था - 40 फीसदी टिकट देने का ऐसा निर्णय है जो भविष्य बदलेगा.'
बहन के महिला कार्ड को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा है कि ये तो अभी शुरुआत है - तो क्या ये अगले आम चुनाव 2024 तक भी प्रासंगिक बना रहने वाला है?
ये महिलाओं को राजनीति में लाने की प्रियंका स्टाइल है
जैसे रास्ते में मिलीं छात्राओं से प्रियंका गांधी वाड्रा ने पूछा था, 'मोबाइल दिलवा दूं?' - ठीक उसी लहजे में प्रियंका गांधी ने बाराबंकी में धान की खेत में काम कर रही महिलाओं से भी सवाल किया - 'चुनाव लड़ोगी?'
फिर प्रियंका गांधी समझाने लगीं कि महिलाओं को क्यों राजनीति में आना चाहिये और लगे हाथ ये बता दिया कि महिलाओं की सबसे ज्यादा फिक्र कांग्रेस पार्टी को ही है, बाकी राजनीतिक दलों को नहीं. बीजेपी के खिलाफ तो प्रियंका गांधी महिलाओं को न्याय दिलाने की मुहिम ही चला रही हैं. हाथरस और उन्नाव गैंग रेप जैसी घटनाओं का खास तौर पर जिक्र तो प्रियंका गांधी ने 40 फीसदी महिलाओं को उम्मीदवार बनाने की घोषणा वाली प्रेस कांफ्रेंस में भी की ही थी.
खेतों में महिलाओं के साथ हंसी-मजाक के बीच ही प्रियंका गांधी समझाती हैं, 'मेरा मानना है कि महिलाएं समझदार होती हैं... महिलाओं को राजनीति में आना चाहिये... चुनाव लड़ो इस बार नहीं जीतोगी तो अगली बार जीत जाओगी.'
इस बीच, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने करवा चौथ की बधाई दी है. पत्नी के साथ साथ सभी महिलाओं और लड़कियों को. अपनी फेसबुक पोस्ट में रॉबर्ट वाड्रा लिखते हैं, 'मुझे पता है कि प्रियंका ने हमेशा परंपराओं का पालन किया है - और धार्मिक रूप से अपना उपवास रखती हैं... मेरे और अपने पूरे परिवार की सुरक्षा और भलाई के लिए प्रार्थना करती हैं... मैं प्रार्थना करता हूं कि वो खुश रहें.'
प्रियंका गांधी ने जिस तरीके से महिलाओं को राजनीति में लाने की मुहिम शुरू की है वो राजनीतिक तौर पर बिकाऊ तो है टिकाऊ भी है क्या?
करवा चौथ से ठीक एक दिन पहले उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में कांग्रेस की प्रतिज्ञा यात्रा को हरी झंडी दिखाने के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा शहर के हरख चौराहे पर पहुंचीं और बोलीं - 'मैं यहां आपको कांग्रेस की सात प्रतिज्ञा बताने आई हूं.' सात में से कुछ चीजें तो पहले ही वो बता चुकी हैं - मसलन, कांग्रेस के 40 फीसदी विधानसभा प्रत्याशी महिलाएं होंगे, छात्राओं को स्मार्टफोन और स्कूटी दी जाएगी. बिजली बिल में राहत और कोरोना वायरस से पीड़ित परिवारों की मदद के अलावा, 7 प्रतिज्ञा में सबसे महत्वपूर्ण घोषणा है - 20 लाख लोगों को सरकारी रोजगार. प्रियंका गांदी वाड्रा के इस वादे ने 2020 के बिहार चुनाव की याद दिला दी है.
प्रियंका गांधी वाड्रा का कहना है कि कांग्रेस पार्टी महिलाओं के लिए अलग से चुनाव घोषणा पत्र लाएगी. लखीमपुर खीरी हिंसा से प्रियंका गांधी को काफी राजनीतिक फायदा मिला है और जहां कहीं भी वो जाती हैं, लोगों से बातचीत में उसका जिक्र जरूर करती हैं - बाराबंकी में ही धान के खेतों में काम कर रही महिलाओं से मिलने पहुंची प्रियंका गांधी ने जोर देकर जिक्र किया कि कैसे मोदी सरकार के एक मंत्री के बेटे ने किसानों को मार डाला और अब तक मंत्री को हटाया नहीं गया. बनारस रैली में प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा था कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी को हटाये जाने तक वो लड़ती रहेंगी - और उसी डिमांड के साथ राष्ट्रपति से मिल कर ज्ञापन भी सौंप चुकी हैं.
स्मार्टफोन और स्कूटी वाला वाकया प्रियंका ने बताया ही था कि कैसे वो आगरा के रास्ते में छात्राओं से मिलीं और उनसे क्या क्या बात हुई. बाराबंकी में प्रतिज्ञा यात्रा की तैयारियों के बीच वो खेतों में काम कर रही महिलाओं के पास पहुंच गयीं और हालचाल शुरू कर दीं. बातचीत में एक महिला से उसकी उम्र पूछीं और फिर बताया कि मैं भी 50 की हो गयी हूं. जब महिलाएं उनको मक्के की रोटी, साग और गुड़ खिलाने लगीं तो वो राहुल गांधी का जिक्र करना न भूलीं - 'मेरे भाई ने कहा है कि मोटी हो रही हो, कम खाओ.' ये सुनते ही महिलाएं ठहाके लगाने लगीं.
प्रियंका गांधी लोगों के बीच लगातार बने रहने की कोशिश कर रही हैं - और बातचीत में उन सभी बातों का जिक्र करना नहीं भूलतीं जो कांग्रेस का एजेंडा वो हाथ में लेकर आगे बढ़ रही हैं. वो जहां भी जिनसे मिलती हैं कोशिश यही होती है कि लोग प्रियंका गांधी को भी अपने जैसा समझें और सीधे कनेक्ट होने की कोशिश करें. एक बार रास्ते में जाते हुए प्रियंका गांधी ने एक लड़की को देखा जिसे दुर्घटना के चलते चोट लग गयी थी. गाड़ी से फर्स्ट ऐड किट ले जाकर मरहम-पट्टी किया और उसे अपना मोबाइल नंबर भी दिया.
कांग्रेस में महिला नेताओं के सवाल पर!
प्रियंका गांधी वाड्रा के यूपी विधानसभा चुनाव में महिलाओं को 40 फीसदी टिकट देने की घोषणा पर भी सवाल उठ रहे हैं - और सत्ताधारी बीजेपी के साथ साथ बीएसपी नेता मायावती ने महिलाओं की राजनीति में ऐसी भागीदारी देने के वादे को महज चुनावी हथकंडा बताया है. प्रियंका गांधी के शुरू किये प्रतिज्ञा यात्रा का भी बीजेपी ने मजाक ही उड़ाया है.
कांग्रेस के सात प्रतिज्ञा को लेकर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का कहना है कि प्रियंका गांधी अगर अपने सात विधायकों को ही फिर से चुनाव जिता लें तो बहुत बड़ी बात होगी. असल में 2017 में समाजवादी पार्टी के साथ मिल कर चुनाव लड़ी कांग्रेस महज सात सीटों पर ही जीत हासिल कर पायी थी.
हिंदुस्तान अखबार के साथ एक इंटरव्यू में प्रियंका गांधी वाड्रा लंबे समय तक कांग्रेस की बागडोर इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी के हाथों में होने के बावजूद पार्टी महिलाओं को महत्व न दिये जाने के सवाल पर अपने तरीके से बचाव करती हैं - और यूपी में सुचेता कृपलानी के पहली महिला मुख्यमंत्री और सरोजिनी नायडू के पहली महिला गवर्नर बनने की मिसाल देती हैं.
प्रियंका गांधी पंचायती राज में भी महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित कराने का क्रेडिट लेती हैं और दावा करती हैं कि कांग्रेस की विचारधार हमेशा ही महिलाओं के मामले में प्रगतिशील रही है - 'हमें इस विचार को आगे बढ़ाने का मौका मिला तो हम कर रहे हैं,' - और ये भी बताती हैं कि जो समाज में दिखता है, वही राजनीति में भी नजर आता है. प्रियंका गांधी ये भी मानती हैं कि राजनैतिक दल एक हद तक समाज को ही प्रतिबिम्बित करते हैं.
बाकी बातें अपनी जगह हैं लेकिन सच तो ये भी है कि सुष्मिता देव ने हाल ही में कांग्रेस छोड़ दी और यूपी की ही कांग्रेस विधायक अदिति सिंह काफी दिनों से बगावत पर उतर आयी हैं. महिलाओं के कांग्रेस छोड़ने की लिस्ट भी लंबी है - यूपी से ही रीता बहुगुणा जोशी, प्रियंका चतुर्वेदी और अन्नू टंडन भी समय समय पर कांग्रेस छोड़ कर जा चुकी हैं.
प्रियंका गांधी महिला नेताओं के कांग्रेस छोड़ने का ठीकरा बीजेपी पर फोड़ने की कोशिश करती हैं. हालांकि, प्रियंका चतुर्वेदी कांग्रेस छोड़ कर शिवसेना में गयी हैं जहां उनको राज्य सभा सांसद और प्रवक्ता बनाया गया है. तभी ये खबर आयी थी कि वो पहले बीजेपी में ही जाना चाहती थीं, लेकिन स्मृति ईरानी के खिलाफ उनके निजी हमलों के चलते मना कर दिया गया.
अखबार के सवाल के जवाब में बगैर किसी नेता का नाम लिये कहती हैं, 'जिनका आपने नाम लिया उनमें एक महिला कांग्रेस अध्यक्ष रहीं, उत्तर प्रदेश कांग्रेस की दो बार अध्यक्ष रहीं, तो एक कई बार कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ीं, जीतीं भी, एक महिला कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद रहीं - उपेक्षित तो किसी हालात में नहीं थीं.'
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