पुष्पेन्द्र यादव एनकाउंटर: यूपी पुलिस पर सवाल, योगी सरकार से जवाब
यूपी पुलिस झांसी में किए हुए एक एनकाउंटर को लेकर फिर सवालों के घेर में आ गई है. एनकाउंटर को हत्या बताया जा रहा है. और अखिलेश यादव के मामले में पड़ने के बाद से यूपी की सियासत गर्म है.
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उत्तर प्रदेश के झांसी में एक एनकाउंटर हुआ जिसपर इस वक्त जबरदस्त राजनीति चल रही है. यूपी पुलिस ने एनकाउंटर किया और मरने वाला था 28 साल का एक युवक पुष्पेन्द्र यादव. राजनीतिक बवाल होने के लिए सिर्फ युवक का यादव होना ही काफी नहीं था. इस मामले में ऐसी बहुत सी बातें सामने आ रही हैं जो मामले को उलझाती जा रही हैं.
एनकाउंटर जिसपर हो रहा है बवाल
पुलिस के मुताबिक- पुष्पेन्द्र यादव एक खनन माफिया था. कुछ दिन पहले झांसी के मोंठ प्रभारी निरीक्षक धर्मेंद्र सिंह चौहान ने पुष्पेन्द्र का ट्रक अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सीज कर दिया था. जिसकी वजह से वो बौखलाया हुआ था. उसने अपने दो साथियों के साथ इंस्पेक्टर धर्मेंद्र चौहान पर रास्ते में फायर किए. गोली इंस्पेक्टर के गाल को छूते हुए निकल गई. इसी दौरान पुलिस से मुठभेड़ हो गई. पुलिस की जवाबी कार्रवाई में गोली लगने से पुष्पेंद्र घायल हो गया. और अस्पताल में डक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया.
बताया जा रहा है कि धर्मेंद्र दो दिन पहले छुट्टी पर अपने घर कानपुर गए थे. शनिवार की रात कानपुर से अपनी कार से मोंठ आ रहे थे. खनन माफिया ने रास्ते में उनको फोन कर कहा कि वह मिलना चाहता है. इस पर इंस्पेक्टर ने मोंठ से पहले हाइवे पर मिलने के लिए कहा. जैसे ही इंस्पेक्टर वहां पहुंचे, खनन माफिया ने फायरिंग कर दी.
झांसी एनकाउंटर में घायल इंस्पेक्टर धर्मेंद्र और मृतक पुष्पेंद्र
एनकाउंटर या हत्या??
अब यूपी पुलिस के इस एनकाउंटर को हत्या बताया जा रहा है. पुष्पेन्द्र की पत्नी का कहना है कि इंस्पेक्टर ट्रक छोड़ने के लिए डेढ़ लाख रुपए रिश्वत मांग रहा था. पुष्पेन्द्र 50 हजार पहले दे चुका था. 50 हजार की रकम उसी दिन लेकर गया था. इंस्पेक्टर और पैसे मांग रहा था, बात नहीं बनी तो पुष्पेंद्र ने अपनी रकम वापस मांगी. इसी विवाद में पुष्पेन्द्र को मार डाला गया.
This is the wife of #PushpendraYadav , the 28 year old killed in an encounter by @jhansipolice .The killing is mired in controversy with allegations that Pushpendra was shot dead over a bribery deal gone wrong.The cops have tried to paint Pushpendra as mafia ,with zero evidence pic.twitter.com/yD1eE5iv8H
— Alok Pandey (@alok_pandey) October 9, 2019
बताया जा रहा है कि पुष्पेन्द्र की पत्नी शिवांगी 19 साल की है और तीन महीने पहले ही पुष्पेन्द्र की शादी हुई थी. पति की मौत के बाद शिवांगी के आंसू नहीं थम रहे. वो सरकार से न्याय की मांग कर रही है.
Widow of #Pushpendrayadav crying inconsolable after he was killed in an encounter with UP Police, she alleged he was innocent and was killed in fake encounter. His family has alleged that the police officer in charge of the area, Dharmendra Chauhan, was demanding Rs 1.5 lakh as pic.twitter.com/CSRReCx2cZ
— Riaz Ahmed (@karmariaz) October 9, 2019
इस एनकाउंटर पर सवाल सिर्फ पुष्पेंद्र की पत्नी के बयान से ही नहीं उठते. और भी वजह हैं जो यूपी पुलिस के खिलाफ जा रही हैं. जैसे-
पुलिस के बयान ही संदेह के घेरे में-
सोशल मीडिया पर कई वीडिेयो वायरल हो रहे हैं. एक वीडियों में झांसी से पुलिस अधीक्षक इस मामले के बारे में बता रहे हैं. वहीं इंकाउंटर में घायल इंस्पेक्टर धर्मेंद्र का बयान भी है. जो कहीं कहीं मेल नहीं खाता. मसलन पुलिस अधीक्षक ने बताया कि धर्मेंद्र छुट्टी पर गए हुए थे और अपनी प्राइवेट गाड़ी से अकेले झांसी लौट रहे थे. फोन करके उन्हें किसी ने मिलने के लिए कहा और वो रुक गए. जहां उनपर हमला हुआ. जबकि इंस्पेक्टर का कहना है कि वो थाने से गश्त के लिए निकले थे और एक कॉन्सटेबल उनके साथ था. रात को रास्ते में एक आदमी ने हाथ दिया और उन्होंने गाड़ी रोक दी वहां हमला हुआ. और वो उनकी क्रेटा गाड़ी और मोबाइल लेकर भाग गए. हो सकता है कि इंस्पेक्टर उसी दिन छुट्टी से लौटे हों और थाने चले गए हों, लेकिन यहां एक बात समझ नहीं आती कि ट्रक सीज करने के गुस्से में इंस्पेक्टर पर फायर करने वाले लोग उनकी गाड़ी और फोन लेकर क्यों भागेंगे?
A worrying discrepancy in @jhansipolice version on #PushpendraYadav encounter. Byte no 1 is Jhansi police chief saying inspector who carried out encounter was returning from leave.Byte no 2 is inspector who spoke hours later saying he had left thana for patrolling duty pic.twitter.com/xgJKTDDIvb
— Alok Pandey (@alok_pandey) October 9, 2019
पुलिस के पास पुष्पेंद्र के खिलाफ ठोस सबूत नहीं
पुलिस ने पुष्पेंद्र को खनन माफिया तो बता दिया लेकिन उसके पास इस बात को सिद्ध करने के लिए कोई सबूत नहीं है, सिवाय उस सीज ट्रक के. इसलिए पुलिस ने पुष्पेंद्र का क्रिमिनल बैकग्राउंड दिखाने के लिए पुष्पेंद्र के पुराने कुछ मामले सामने रखे हैं. लेकिन वो सभी मामले सिर्फ गांव के स्तर के ही हैं, IPC की कोई धारा उसपर नहीं लगी थी. इन मामलों में पुष्पेंद्र ने एक लड़की को भगा लिया था और बाद में गाली गलौज की थी. ये उस स्तर के मामले नहीं थे.
ये मामले IPC की धारा के अंतर्गत नहीं आते और न ही इनसे ये सिद्ध होता है कि पुष्पेंद्र माफिया था
पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार पर भी संदेह
अब जब पुष्पेंद्र की मौत हो गई तो पुष्पेंद्र के परिजन FIR दर्ज करवाने पहुंचे, लेकिन उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई क्योंकि पुष्पेंद्र पर पहले ही हमला और लूट का मामला दर्ज हो चुका था. परिजन शिकायत ही नहीं कर सकते. परिजनों का ऐरोप ये भी था कि पुलिस ने पोस्टमार्टम भी अपने आप ही करवा लिया, वहां भी परिजनों को जानकारी नहीं दी गई. सोमवार सुबह से पुष्पेंद्र के परिजन ग्रामीणों के साथ गांव में धरने पर बैठ गए थे. सभी ने पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर का आरोप लगाते हुए एक स्वर में अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था. परिजनों की मांग थी कि एनकाउंटर करने वाले पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज की जाए. पुलिस अधिकारियों ने उनकी मांग नहीं मानी तो ग्रामीणों ने शव लेने से इनकार कर दिया. पुलिस ने सोमवार देर रात मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पुष्पेंद्र का अंतिम संस्कार कर दिया. अंतिम संस्कार की जगह किसी को भी आने नहीं दिया गया. पहले से ही फर्जी एनकाउंटर पर खफा लोग बाद में देर रात हिन्दू धर्म के विपरीत शव का अंतिम संस्कार किए जाने और भी ज्यादा आक्रोशित हो गए.
पुष्पेंद्र के भाई पर भी आरोप, जो दिल्ली में था
इस मामले की सबसे अजीब बात तो ये है कि पुष्पेंद्र के भाई को भी इस मामले में आरोपी बना दिया गया था. लेकिन जब उसने बताया कि वो CISF का जवान है और DMRC दिल्ली में तैनात था तो उसे बरी कर दिया.
यूपी में #CISF जवान के भाई का फेक एनकाउंटर!
परिजन बोले- UP पुलिस ने एनकाउंटर नहीं निर्मम हत्या की है #Jhansi #FakeEncounter #UPPolice #BJP #CMYogi @samajwadiparty @yadavakhilesh #PushpendraYadav@Mayawati @dimpleyadav @SudhinBhadoria @sunilyadv_unnao @priyankagandhi @INCIndia pic.twitter.com/i74r62Ms5f
— Bolta Hindustan (@BoltaHindustan) October 7, 2019
इस मामले ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है
झांसी में राज्यसभा सांसद चंद्रपाल यादव ने कहा है कि पुलिस ने पुष्पेंद्र की हत्या की है. पुष्पेन्द्र के खून की एक-एक बूंद का बदला लिया जाएगा. वहीं अखिलेश यादव भी इस मामले पर पुष्पेंद्र के घरवालों से मिलने झांसी पहुंचे. वहां उन्होंने परिवारवालों की बात सुना और कहा कि विजयदशमी की सुबह से पहले रात के अंधेरे में झांसी में सत्ता की ताकत झोंककर पुष्पेंद्र यादव यादव का अंतिम संस्कार कर सरकार ने न्याय की चिता जलाई है. परिवारजन और स्थानीय जनता मांग कर रही थी कि फर्जी एनकाउंटर करने वाले दारोगा धर्मेन्द्र सिंह के खिलाफ भी धारा 302 में रिपोर्ट लिखी जाए, तभी पुष्पेंद्र के शव को लिया जाएगा. पुष्पेंद्र को 5 अक्टूबर को एनकाउंटर में पुलिस ने मार गिराने का दावा किया था.
अखिलेश यादव के झांसी जाने से मामले ने सियासी रंग ले लिया है
अखिलेश के पुष्पेंद्र के घर जाने पर यूपी सरकार के प्रवक्ता और उर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के झांसी जाने पर निशाना साधा. और कहा कि- समाजवादी सरकार में अपराधियों को बचाया जाता था और अब भाजपा की सरकार है. ऐसे में भी समाजवादी पार्टी अपराधियों की पैरोकारी कर रही है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं. लोग पुलिस पर हमला करते हैं, पुलिस पर गोली चलाते हैं और जब पुलिस जवाबी कार्यवाई करती है तो लोग उसी पर सवाल खड़ा करते हैं. पुलिस की कार्रवाई पर राजनीति करना गलत है.
मामले में झांसी डीएम ने केस की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए हैं. और अखिलेश यादव में यूपी के सभी एनकाउंटर की जांच करने की मांग की है. बता दें कि योगी सरकार के आते ही यूपी पुलिस ने 100 से भी ज्यादा एनकाउंटर किए हैं जिसमें ज्यादातर विवादित हैं. अब झांसी का ये एनकाउंटर फर्जी है या नहीं ये तो जांच के बाद ही पता चलेगा लेकिन पुलिस इस बार फिर सवालों के घेरे में है जो य़ोगी सरकार के स्कोर बोर्ड को खराब ही कर रही है. फिलहाल तो इस एनकाउंटर ने लखनऊ के बेगुनाह विवेक तिवारी के एनकाउंटर की याद ताजा कर दी है.
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