मोदी सरनेम को चोरों से जोड़ने वाले राहुल गांधी की याद्दाश्त को क्या हुआ?
अक्सर ही होता है कि प्रधानमंत्री की आलोचना में राहुल गांधी कुछ न कुछ ऐसा कह जाते हैं जो बाद में विवाद की वजह बनता है. फिर राहुल गांधी सुर्ख़ियों में हैं कारण बना है उनका 2019 में चुनावी सभा के दौरान कहना कि, सभी चोरों के नाम में मोदी क्यों लगा होता है? इस बयान के बाद उनपर मुकदमा हुआ है जिसपर उनका कहना है कि उन्होंने पीएम मोदी पर 'कटाक्ष' किया था.
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तारीख- 13 अप्रैल 2019
स्थान- कर्नाटक का कोलार
आम चुनावों के मद्देनजर राहुल गांधी कर्नाटक के कोलार में थे और चुनावी रैली कर रहे थे. राजनीति वो भी भारतीय राजनीति बिना आरोप-प्रत्यारोप और पर्सनल हुए अधूरी है. राहुल भी इससे अछूते नहीं रहे. भाषा और पीएम पद की गरिमा को दरकिनार कर राहुल गांधी ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर न केवल तीखा हमला किया बल्कि व्यक्तिगत भी हुए. जनता से अपने मन की बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि, 'नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी इन सभी के नाम में मोदी लगा हुआ है. राहुल गांधी ने सवाल किया कि सभी चोरों के नाम में मोदी क्यों लगा होता है? बताना जरूरी है कि जिस समय राहुल गांधी ने बेसिर पैर की ये बात की उस वक़्त कांग्रेस पार्टी का सारा दारोमदार उन्हीं के हाथ में था. तब राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष थे.
अपने एक पुराने बयान के कारण राहुल गांधी फिर मुसीबत में हैं
जिस तरह राहुल ने राफेल मामले के बाद राहुल ने दोबारा पीएम को चोर कहा, ये हल्की बात नहीं थी. तभी मान लिया गया था कि राहुल का ये बयान मोदी / भाजपा समर्थकों को आहत करेगा. आखिरकार ऐसा ही हुआ और राहुल की बात ने गुजरात के एक विधायक को न केवल आहत किया बल्कि उन्होंने राहुल गांधी पर मुकदमा कर दिया. इस संबंध में राहुल गांधी अपना अंतिम बयान दर्ज कराने के लिए गुजरात के सूरत में थे.
सारे मोदी चोर वाले बयान पर राहुल गांधी ने अदालत में कहा है कि चुनाव के दौरान एक राजीतिक कटाक्ष था. राहुल के अनुसार उन्होंने किसी समाज के खिलाफ यह बयान नहीं दिया था. ताजे मामले में दिलचस्प बात ये है कि जज के सामने राहुल ने ये भी कहा है कि इस मामले में उन्हें ज्यादा कुछ याद नहीं है. बताते चलें कि गुजरात से विधायक पूर्णेश मोदी ने अप्रैल 2019 में राहुल गांधी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत शिकायत दर्ज कराई थी.
सूरत पश्चिम सीट से विधायक पूर्णेश ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि 2019 में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने यह कहकर पूरे मोदी समुदाय को बदनाम किया था कि 'सभी चोरों के नाम में मोदी क्यों लगा होता है?
गौरतलब है कि मामले पर सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ए एन दवे ने अभी बीते दिनों ही राहुल गांधी को निर्देश दिया था कि सूरत से भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दर्ज कराए गए मानहानि मामले में अंतिम बयान दर्ज कराने के लिए 24 जून को मौजूद रहें. अब जबकि राहुल गांधी ने कर्नाटक की चुनावी रैली में कही बातों को 'कटाक्ष' कहकर बात करने का प्रयास किया है तो हमें इस लिए भी हैरत नहीं होनी चाहिए क्योंकि इस तरह की बातें उनके द्वारा कोई पहली बार नहीं कही गई है.
इस वीडियो में 13 मिनट 15 सेकंड से आगे आधे मिनट तक देखिए, राहुल ने कैसे मोदी सरनेम वालों को चोर कहा:
2019 में चौकीदार चोर है मामले में भी राहुल गांधी ने कुछ ऐसा ही किया था असल में अप्रैल 2019 में राफेल मामले की सुनवाई वक़्त कोर्ट लीक दस्तावेजों को सबूत मानकर मामले की दोबारा सुनवाई के लिए तैयार हो गया था. तब शायद राहुल गांधी इसे समझ नहीं पाए थे और उन्होंने कह दिया था कि, 'कोर्ट ने भी मान लिया है कि चौकीदार ने ही चोरी की है और राफेल की खरीद फरोख्त में भ्रष्टाचार हुआ है.
राहुल के इस बयान को आधार बनाकर भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी ने एक पीआईएल डाली थी जिसके बाद राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया था. तब कोर्ट ने ये भी कहा था कि राहुल गांधी राजनीति में अहम स्थान रखते हैं और कोर्ट को राजनीतिक बहस में नहीं घसीटा जाना चाहिए, फिर चाहे बयान वैध हो या अवैध. उन्हें भविष्य में ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है.
इसका भी जवाब राहुल गांधी ने दिया था और कोर्ट के सामने स्वीकार किया था कि सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा कुछ नहीं कह. चौकीदार चोर है वाली बात गर्म चुनावी माहौल में जोश में उनके मुंह से निकल गई. तब अपनी सफाई में राहुल ने ये भी कहा था कि उनके बयानों को राजनीतिक विरोधियों ने गलत तरह से इस्तेमाल किया.
सफाई के दौरान राहुल ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री खुद भी राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सरकार के लिए क्लीन चिट बताते हैं. उन्होंने अपनी बार पर खेद प्रकट किया था और कोर्ट से माफी मांगी थी. भले ही राहुल की माफी के बाद कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं की तरफ से तमाम तर्क दिए गए हों लेकिन इतना तो था भले ही उन्होंने 'मजाक' किया मगर इस मजाक की बड़ी कीमत पार्टी को 2019 के लोकसभा चुनावों के परिणामों संदर्भ में चुकानी पड़ी.
अब अगर बात इस ताजे मामले की हो तो यहां भी राहुल को मुंह की खानी पड़ी है. और जिस तरह उनके सितारे गर्दिश में हैं हमेशा की तरह इस बार भी उनका ये मजाक उनके अलावा पार्टी के गले की हड्डी बनेगा.
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