मोदी पर राहुल गांधी का आक्रामक होना रॉबर्ट वाड्रा का काउंटर अटैक है
राजनीति में विरोधी पक्ष पर तेज हमले उसे बचाव की मुद्रा में ले जाते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ राहुल गांधी यही तरकीब अपना रहे हैं. ये रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ एक्शन पर काउंटर अटैक जैसा ही है.
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राफेल डील पर राहुल गांधी केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ ज्यादा आक्रामक हो गये हैं. राहुल गांधी का ताजा हमला संसद में प्रधानमंत्री के भाषण के 24 घंटे के भीतर हुआ है, जिसमें नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस नेतृत्व पर वायुसेना को कमजोर करने का गंभीर आरोप लगाया था. संसद में मोदी के भाषण से पहले भी कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए राफेल डील पर जेपीसी की मांग की थी.
राफेल को लेकर एक मीडिया रिपोर्ट को आधार बनाकर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर अब तक का सबसे बड़ा आरोप लगाया है. राहुल गांधी का आरोप है कि राफेल घोटाले में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं.
राफेल डील को लेकर प्रेस कांफ्रेंस में राहुल गांधी से उनके जीजा रॉबर्ट वाड्रा और चिदंबरम परिवार के खिलाफ जांच को लेकर भी सवाल पूछा गया. राहुल गांधी का कहना रहा कि वाड्रा और चिदंबरम की जांच हो कोई बात नहीं, लेकिन राफेल की भी जांच होनी चाहिये. राफेल मुद्दे पर राहुल गांधी के ज्यादा आक्रामक होने में क्या वाड्रा-चिदंबरम जांच की भी कोई भूमिका हो सकती है?
'चौकीदार ही चोर है'
संसद में प्रधानमंत्री के बोल कर गंभीर आरोप लगाने के बाद कांग्रेस नेतृत्व का तिलमिला उठना लाजिमी है. संसद में जब प्रधानमंत्री कांग्रेस और उसकी सरकारों की खामियां गिना रहे थे तो सोनिया गांधी भी मौजूद थी. कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कई मुद्दों पर विरोध भी जताया लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने ये कह कर शांत करा दिया कि उन्हें भी अपनी बात रखने का पूरा मौका मिला था.
प्रधानमंत्री ने संसद में ये कहते हुए कांग्रेस की खिल्ली उड़ायी थी कि जो सरकार सैनिकों को बुलेट प्रूफ जैकेट और जूते नहीं दे सकती वो भला सर्जिकल स्ट्राइक कहां कर सकती है? साथ ही साथ, कांग्रेस पर वायुसेना को कमजोर करने का भी इल्जाम लगाया था.
राहुल गांधी की सफाई तो प्रेस कांफ्रेंस से पहले ही आ गयी थी. ट्विटर पर राहुल गांधी ने लिखा, "हमारे देश के वीर सैनिक, आप हमारे रक्षक हो. आप देश के लिए अपनी जान तक देने को हमेशा तैयार रहते हो. आप गर्व हो हमारे. आज सुबह 10:45 मेरी LIVE प्रेस वार्ता आप ज़रूर देखें." अपने ट्वीट के साथ राहुल गांधी ने जो हैशटैग किया वो था - #PakdaGayaModi. सर्जिकल स्ट्राइक के वक्त राहुल गांधी का 'खून की दलाली' वाला बयान काफी चर्चित रहा.
जब प्रेस कांफ्रेंस हुई तो राहुल गांधी ने बुलेट प्रूफ जैकेट वाली बात को सीधे राफेल से जोड़ दिया. राहुल गांधी ने कहा, 'आप एक जवान को बुलेट प्रूफ जैकेट देते हो और अनिल अंबानी को 30 हजार करोड़ देते हो.'
पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राहुल गांधी दोस्तों को मदद पहुंचाने का इल्जाम लगाते थे, अब राहुल गांधी कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी को सीधे सीधे राफेल घोटाले में शामिल हैं. प्रधानमंत्री मोदी के गंभीर आरोपों के बाद कांग्रेस के स्टैंड में ये बदलाव आया है - 'शठे शाठ्यम् समाचरेत.'
संसद में प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस का नाम लेकर कहा था - 'मैं गंभीर आरोप लगा रहा हूं. आप नहीं चाहते कि वायु सेना मजबूत हो. आप किस कंपनी के लिए काम कर रहे हो?'
राहुल गांधी ने भी प्रेस कांफ्रेंस में कहा - 'मैं स्ट्रॉन्ग वर्ड्स इस्तेमाल कर रहा हूं - पीएम इज द थीफ. चौकीदार चोर है.'
'डरपोक' के बाद राहुल ने मोदी को 'शिजोफ्रेनिक' बताया
अंग्रेजी अखबार द हिंदू ने एक रिपोर्ट में बताया कि भारत और फ्रांस के बीच हुई राफेल डील के दौरान रक्षा मंत्रालय ने पीएमओ द्वारा फ्रांस से 'समानांतर' बातचीत का विरोध किया था. राहुल गांधी अखबार द्वारा प्रकाशित 24 नवंबर 2015 का रक्षा मंत्रालय के एक नोट के साथ मीडिया के सामने आये थे.
सत्ता पक्ष इसे सेलेक्टिव लीक बता रहा है और पूर्व रक्षा सचिव ने भी अखबार की रिपोर्ट को खारिज कर दिया है
रिपोर्ट का जिक्र करते हुए राहुल गांधी बोले, 'हम एक साल पहले से कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राफेल घोटाले में शामिल हैं. आज एक अंग्रेजी अखबार में भी लिखा है कि प्रधानमंत्री नेगोशिएशन में सीधी भूमिका निभा रहे थे.'
रिपोर्ट के बाद तत्कालीन रक्षा सचिव जी मोहन कुमार ने सफाई देते हुए न्यूज एजेंसी ANI से कहा कि जो भी मीडिया रिपोर्ट प्रकाशित हुई है उसका राफेल डील में कीमतों से कोई लेना-देना नहीं था. सरकार के बचाव में बीजेपी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पर देश के संवेदनशील मुद्दों को बदनाम करने की सुपारी लेने का आरोप लगाया है. इतना ही नहीं बीजेपी का दावा है कि रिपोर्ट में आधा सच ही पेश किया गया है.
#CropLikeTheHindu and #LieLikeRahul pic.twitter.com/P0HTLi6oTU
— BJP (@BJP4India) February 8, 2019
राहुल गांधी ने सवाल उठाया, 'नरेंद्र मोदी भाषण देते हैं तो देश की वायु सेना को समझाएं कि डिफेंस मिनिस्ट्री ये क्यों लिख रही है कि मोदी समानांतर निगोशिएशन कर रहे हैं?'
कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने स्टेज पर प्रधानमंत्री मोदी का खूब मखौल उड़ाया. राहुल गांधी ने कहा, 'ये मैं किसी से भी कह देता हूं कि नरेंद्र मोदी जी को मेरे साथ एक स्टेज पर खड़ा कर दो. एक मंच पर दस मिनट के लिए डिबेट करवा दो. ये भाग जाएगा. मैं कह रहा हूं ये डरता है. मैं इस आदमी को पहचान गया हूं, ये डरपोक आदमी है. कोई इसे कह दे कि मैं आपके सामने खड़ा हूं नहीं जाऊंगा पीछे, आप क्या करोगे, नरेंद्र मोदी जी?'
ये सब कहने के साथ साथ राहुल गांधी स्टेज पर एक्ट करके दिखाते भी हैं. वहां मौजूदा नेता ठहाकों के बीच तालियां बजाते हुए खड़े होकर राहुल गांधी के प्रति समर्थन जताते हैं.
#WATCH Rahul Gandhi: I challenge the BJP, let Narendra Modi ji debate with me for 10 minutes on stage. He is scared, he is a 'darpok' person. pic.twitter.com/tjr1qkPI5l
— ANI (@ANI) February 7, 2019
मोदी को 'डरपोक' कहने के बाद राहुल गांधी अब प्रधानमंत्री को 'शिजोफ्रेनिक' भी बता रहे हैं. शिजोफ्रेनिया एक मानसिक अवस्था होती है जो गंभीर बीमारी बन जाती है.
दरअसल, प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा था उल्टा चोर कोतवाल को डांटे, राहुल गांधी मोदी ने उसी बात पर 'मुझे लगता है कि वो दोहरे व्यक्तित्व के हैं. शिजोफ्रेनिक हैं.' राहुल गांधी ने कहा, 'एक वक्त में चोर और एक वक्त में चौकीदार बन जाते हैं. वो खुद को चोर चौकीदार दोनों बता रहे हैं.'
वाड्रा-चिदंबरम जांच की कांग्रेस पर कितनी आंच?
प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा को जब दूसरे दिन ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया तो आधे घंटे बाद कार्ती चिदंबरम को भी पेश होना था. कार्ती चिदंबरम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम के बेटे हैं.
राहुल गांधी के सामने प्रेस कांफ्रेंस में जब ये सवाल उठा तो उनका कहना रहा, 'आप जिस पर जो जांच करना चाहते हैं कराएं. कांग्रेस में पी. चिदंबरम पर जांच करना चाहते हैं कर लें, लेकिन राफेल पर भी जांच करें. आप जितना एनक्वॉयरी करना चाहते हैं करिये रॉबर्ट वाड्रा पर चिदंबरम पर जांच करिये. कानून को अपनी प्रक्रिया पूरी करने दीजिये.'
राहुल गांधी ने मोदी सरकार से कहा कि इन सारी जांच के साथ साथ राफेल की भी जांच हो और सरकार जवाब दे. ऐसा लगता है राहुल गांधी को राफेल स्कैम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधे सीधे घसीटने में ज्यादा फायदा नजर आ रहा है.
रॉबर्ट वाड्रा के बचाव में तो कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी पहले से ही दीवार की तरह खड़ी हैं. रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ कार्रवाई को लेकर प्रियंका गांधी ने लोगों की सहानुभूति बटोरने का भी पूरा इंतजाम कर रखा है.
ये तो साफ है कि रॉबर्ट वाड्रा के बचाव में पूरी कांग्रेस तो है ही, विपक्षी खेमे की मजबूत आवाज ममता बनर्जी ने भी ईडी के एक्शन को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है.
देखा जाये तो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रॉबर्ट वाड्रा पर प्रियंका गांधी वाड्रा से अलग पॉलिटिकल लाइन ली है. राहुल गांधी ने बहन प्रियंका गांधी वाड्रा की तरह रॉबर्ट वाड्रा का किसी तरह कोई बचाव नहीं किया है. राहुल गांधी ने ये नहीं कहा कि वो अपने परिवार और रिश्तेदारों या दोस्तों के सपोर्ट में मुश्किल घड़ी में साथ हैं. हां, राहुल गांधी ने वाड्रा और चिदंबरम के साथ साथ राफेल डील की भी जांच की मांग जरूर की है. राफेल डील पर अब तक कांग्रेस की जेपीसी की मांग रही है - और वो उसी पर कायम है.
कांग्रेस के रणनीतिकारों को प्रधानमंत्री मोदी पर राहुल गांधी का डायरेक्ट अटैक ज्यादा असरदार लग रहा होगा. ईडी की पूछताछ के दौरान बीजेपी नेता कांग्रेस नेतृत्व को घेरने में रॉबर्ट वाड्रा के ईमेल का जिक्र करते रहे हैं. कांग्रेस का सवाल है कि जब ईडी की ओर से कोई खबर नहीं दी जा रही तो बीजेपी नेता एजेंसी के प्रवक्ता क्यों बन रहे हैं?
प्रधानमंत्री मोदी पर राहुल गांधी के सीधे हमले का ये असर तो होगा ही कि बचाव में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को मोर्चा संभालना पड़ेगा. बीजेपी का अब तक जो हमलावर रुख रहा है उसे बचाव की मुद्रा में आना पड़ सकता है. कांग्रेस के लिए ये बहुत बड़ा फायदा हो सकता है.
अगर 55 महीने तक खामोश रहने के बाद सरकार की जांच एजेंसियां अचानक एक्टिव हो सकती हैं. अगर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का चौतरफा शोर अचानक खामोश हो सकता है - तो क्या रॉबर्ट वाड्रा और चिदंबरम परिवार के खिलाफ एजेंसियों के हथियार अपनी जगह पर लौटकर नहीं जा सकते?
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