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Updated: 22 अगस्त, 2021 04:40 PM
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खेल रत्न अवॉर्ड से राजीव गांधी का नाम हटाया जाना कांग्रेस नेतृत्व के लिए काफी तकलीफदेह रहा होगा. शायद सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को मिली एसपीजी सुरक्षा हटाये जाने के बराबर या फिर उससे भी कहीं अधिक कष्टकारक. हाल ही में ओलंपिक में भारतीय टीम के मेडल जीतने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर जानकारी दी थी कि खेल रत्न का नाम बदल कर हॉकी के जादूगर कहलाने वाले मेजर ध्यानचंद के नाम पर कर दिया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जन्मतिथि (Rajiv Gandhi Anniversary) पर ट्वीट करना तो नहीं, लेकिन यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार की तरफ से इस मौके पर सद्भावना दिवस मनाया जाना बहुत आश्चर्यजनक लगा - लेकिन उससे भी कहीं ज्यादा अचरज भरा रहा राहुल गांधी की तरफ से एक भी ट्वीट न किया जाना.

कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से राजीव गांधी से जुड़े कार्यक्रमों में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भागीदारी को लेकर तो अपडेट दिया जाता रहा, लेकिन राहुल गांधी की तरफ से इस साल एक भी ट्वीट न किया जाना हैरान करने वाली घटना लगी.

दिल्ली रेप पीड़ित के परिवार की तस्वीर शेयर करने पर हफ्ते भर राहुल गांधी अकाउंट लॉक रखने के बाद ट्विटर ने अनलॉक तो कर दिया है, लेकिन यूजर पूछ रहे हैं कि राहुल गांधी की टाइमलाइन पर इतना सन्नाटा क्यों छाया हुआ है?

ट्विटर पर ये सन्नाटा क्यों?

कांग्रेस नेताओं को बात बात पर कठघरे में खड़ा करने वाले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक आदेश ने अचानक हैरत में डाल दिया - 20 अगस्त को सरकारी स्तर पर सद्भावना दिवस के रूप में मनाये जाने का आदेश. यूपी सरकार ने मंडल और जिला स्तर पर आला अफसरों को पत्र जारी कर सद्भावना दिवस मनाने का पहले से ही आदेश दे दिया था.

अब तक ऐसे आयोजन सिर्फ कांग्रेस के स्तर पर ही हुआ करते रहे, लेकिन योगी आदित्यनाथ सरकार का फैसला सोनिया गांधी और साथी नेताओं के लिए भी ताज्जुब भरा रहा होगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से तो पूर्व प्रधानमंत्रियों की जयंती और पुण्यतिथि पर ट्विटर पर श्रद्धांजलि देने की परंपरा पहले से ही देखने को मिलती रही है - और ये राजीव गांधी की जयंती पर भी कायम रही.

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर 14 अगस्त को राहुल गांधी का ट्विटर अकाउंट करीब एक हफ्ता बाद अनलॉक कर दिया था. बाद में खबर आयी कि दिल्ली रेप पीड़ित बच्ची के परिवार के लोगों की तरफ से अनापत्ति पत्र देने के बाद ही ट्विटर की इंडिया ग्रिवांस सेल ने ये फैसला लिया था.

राहुल गांधी की टाइमलाइन पर अब भी आखिरी ट्वीट 6 अगस्त का ही दिखा रहा है - और यही वजह है कि ट्विटर पर लोग इसे लेकर सवाल पूछने लगे हैं. कई सीनियर पत्रकारों ने भी ऐसा ही सवाल उठाया है.

ऐसा लग रहा था कि राजीव गांधी की बर्थ एनिवर्सरी पर राहुल गांधी कम से कम एक ट्वीट तो निश्चित तौर पर करेंगे - क्योंकि अब तक तो ऐसी ही परंपरा नजर आयी है. हर साल राहुल गांधी अपने पिता के बर्थडे और पुण्यतिथि दोनों ही मौकों पर ट्वीट कर याद करते रहे हैं.

20 अगस्त 2021 को तो कोरोना संकट के चलते कम ही आयोजन हुए थे, लेकिन राहुल गांधी ने अपने पिता को गर्व के साथ याद किया था.

2019 में इसी मौके पर राहुल गांधी ने लिखा था कि वे लोग राजीव गांधी की 75वीं पुण्यतिथि मना रहे हैं - और बताया कि उनके लिए वो स्नेहिल पिता तो थे ही, ये भी सिखाया कि किसी से भी कभी घृणा नहीं करनी चाहिये और सभी से प्यार करना चाहिये और लोगों को माफ भी करना चाहिये.

राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र को तीन दिन के दौरे पर गये हुए थे, लेकिन सारे अपडेट कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से ही दिया जाता रहा - वरना, 2019 में चुनाव जीतने के बाद जब जीत के वोट देने वालों के बीच पहुंचे थे तो ऐसा महसूस कर रहे थे जैसे बचपन से वहीं रहे हों.

rahul gandhiक्या राहुल गांधी ट्विटर के खिलाफ किसी और मुहिम की तैयारी कर रहे हैं?

ताजा दौरे में तो एक नर्स ने दूर से ही पहचान लिया - बोली, ये तो मेरे बेटे जैसा है क्योंकि मेरे सामने ही पैदा हुआ था. आम चुनाव में हार के काफी दिनों बाद राहुल गांधी अमेठी गये थे, लेकिन पहला दौरा वायनाड का ही रहा. राहुल गांधी अमेठी के लोगों से काफी नाराज दिखे और बोले कि अब उनको अपनी लड़ाई खुद लड़नी पड़ेगी क्योंकि वो उनके प्रतिनिधि नहीं रहे, अब दूसरी जगह के लोगों के नुमाइंदे हैं. हालांकि, ये भरोसा भी दिलाया कि आधी रात को भी जरूरत पड़ेगी तो वो उनके लिए हाजिर रहेंगे. राहुल गांधी को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने चुनाव में हरा दिया था. कोरोना काल में राहुल गांधी की तरफ से अमेठी के लिए भी मदद सामग्री भिजवायी गयी थी.

अमेठी के प्रति नाराजगी एक बार और दिखी जब राहुल गांधी ने केरल विधानसभा चुनाव के दौरान उत्तर और दक्षिण भारत के लोगों की तुलना करते हुए बयान दे डाला था. राहुल गांधी का कहना रहा, 'पहले पंद्रह साल तक मैं नॉर्थ से सांसद था... मुझे एक अलग तरह की राजनीति की आदत हो गई थी.. मेरे लिए केरल आना बहुत नया था क्योंकि मुझे अचानक लगा कि यहां के लोग मुद्दों पर दिलचस्पी रखते हैं और न केवल सतही रूप से बल्कि मुद्दों को विस्तार से जानने वाले हैं.'

राहुल गांधी के इस बयान पर खासा विवाद हुआ. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने तो पूरा भूगोल ही पढ़ा डाला था, 'मैं दक्षिण से हूं... मैं एक पश्चिमी राज्य से सांसद हूं... मैं नॉर्थ में पैदा हुआ, पला बढ़ा, वहीं पर शिक्षा हासिल की और वहीं पर काम भी किया. मैंने दुनिया के सामने पूरे भारत का प्रतिनिधित्व किया - भारत एक है, इसे कभी मत बांटिये.' स्मृति ईरानी ने जहां राहुल गांधी को एहसान फरामोश बताया था, वहीं कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने भी ऐसे बयानों से बचने की सलाह दी थी.

कहीं ऐसा तो नहीं कि राहुल गांधी ट्विटर के एक्शन से भी वैसे ही नाराज हो गये हों, जैसी शिकायत उन्हें अमेठी के लोगों के वोट न देने को लेकर रही है?

ट्विटर के बाद फेसबुक का इंस्टा-एक्शन

जिस तस्वीर को लेकर ट्विटर ने राहुल गांधी का अकाउंट पहले लॉक और फिर अनलॉक किया, उन्हीं तस्वीरों पर फेसबुक ने भी एक्शन लिया है. असल में, ट्विटर की ही तरह फेसबुक को भी राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग की तरफ से पत्र लिख कर शिकायत की गयी थी - और तस्वीरें शेयर करने को जुवेनाइल जस्टिस एक्ट और पॉक्सो एक्ट का उल्लंघन बताया गया था.

आयोग ने थोड़ी सख्ती दिखाते हुए फेसबुक के सक्षम अधिकारी को समन भेज कर तलब भी किया था, लेकिन एक्शन के आश्वासन के बाद समन वापस ले लिया था. आयोग के पत्र मिलने के बाद फेसबुक की तरफ से राहुल गांधी को पहले नोटिस जारी किया गया था.

17 अगस्त को फेसबुक ने राहुल गांधी को भेजे नोटिस में लिखा, 'आपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर जो एक पोस्ट डाली है वो जुवेनाइल जस्टिस एक्ट, 2015 के सेक्शन 74 और पॉक्सो एक्ट के सेक्शन 23 का उल्लंघन करता है. आपसे गुजारिश है कि जल्द से जल्द अपनी पोस्ट हटा लें.'

लगता है राहुल गांधी की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया, इसलिए फेसबुक की तरफ से ही अपडेट आया है कि इंस्टाग्राम पर उनकी तरफ से शेयर की हुई तस्वीर उसकी पॉलिसी का उल्लंघन करती पायी गयी, लिहाजा उस पोस्ट को हटा दिया गया है.

ट्विटर के अकाउंट लॉक कर दिये जाने के बाद कांग्रेस की तरफ से बड़े पैमाने पर विरोध में मुहिम चलायी गयी थी. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सहित कई नेताओं ने डीपी बदल बदलते हुए राहुल गांधी की तस्वीर लगा दी थी - और यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने तो नाम भी राहुल गांधी लिख डाला था.

कांग्रेस नेताओं, जिनमें प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल रहीं, की दलील थी कि वही तस्वीर शिड्यूल्ड कास्ट आयोग ने भी शेयर की लेकिन ट्विटर ने डबल स्टैंडर्ड क्यों दिखाया? ट्विटर ने शिड्यूल्ड कास्ट आयोग की वो पोस्ट तो हटा दी थी, लेकिन राहुल गांधी जैसा एक्शन नहीं लिया था.

तस्वीर शेयर करने को राहुल गांधी और कांग्रेस नेताओं ने बच्ची को इंसाफ दिलाने की लड़ाई बताया है. देखना है फेसबुक के एक्शन के बाद कांग्रेस नेता का अगला कदम क्या होता है - और हां, ट्विटर के इस्तेमाल को लेकर जो रहस्य बना हुआ है उस पर से भी पर्दा हटने का इंतजार है.

जो काम राहुल गांधी नहीं करते या कर पाते, आगे बढ़ कर प्रियंका गांधी वाड्रा हाथ थाम लेती हैं - रक्षाबंधन भी तो आने वाला ही है!

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