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Updated: 29 जनवरी, 2019 10:48 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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2019 के चुनाव नजदीक हैं. जैसे हालात हैं, क्या कांग्रेस, क्या भाजपा सब का ध्यान हिन्दू वोटरों को रिझाने की तरफ है. आज की राजनीति में हिंदुत्व कितना महत्वपूर्ण है यदि इसका आंकलन करना हो तो हम गुजरे दिनों हुए विधानसभा चुनावों का अवलोकन कर सकते हैं, साथ ही हम कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी को देख सकते हैं. पूर्व में हुए चुनाव में पूजा पाठ, टीका, जनेऊ और गोत्र जैसी चीजों ने न सिर्फ कांग्रेस को बल्कि राहुल गांधी को बड़ा फायदा दिया है. कहावत है कि हर चीज की अति बुरी है और ऐसा ही कुछ मामला देखने को मिल रहा है पटना में. बिहार की राजधानी में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भगवान राम का रूप दे दिया गया है. पटना में कुछ ऐसे पोस्टर देख गए हैं जिनमें राहुल को भगवान राम की तरह दिखाया गया है, जो संसद भवन के बाहर खड़े हैं.

इन पोस्टर्स को गौर से देखने पर पता चलता है कि इसमें राहुल गांधी के अलावा यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अभी हाल ही में पूर्वी उत्तर प्रदेश की कमान संभालने वाली प्रियंका गांधी की भी तस्वीरें हैं. दिलचस्प बात ये है कि पोस्टर में केवल राहुल गांधी ही वो व्यक्ति हैं जिन्हें भगवान का रूप दिया गया है.

भगवान राम, राहुल गांधी, रैली, पोस्टर, पटना      राहुल गांधी का वो पोस्टर जो पूरे पटना में लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बना हुआ है

पटना के गांधी मैदान में आयोजित इस रैली में राहुल गांधी को भगवान राम क्यों बनाया गया वजह साफ है. एक ऐसे समय में जब देश की राजनीति का आधार धर्म हो. शायद पोस्टर लगाने वाले या ये कहें की कांग्रेस पार्टी के समर्थकों ने सोचा हो कि इससे जहां एक तरफ वो राहुल गांधी की नजर में आएंगे. तो वहीं इससे पार्टी को भी बड़ा फायदा मिलेगा. वो रैली में उन लोगों को भी जुटाने में कामयाब रहेगी जो कांग्रेस से इसलिए खफा हैं क्योंकि उन्हें महसूस होता है कि कांग्रेस हिन्दू विरोधी है.

ध्यान रहे कि, देश की राजनीति में ऐसे पोस्टर्स कोई नई बात नहीं हैं. पूर्व में भी कई मौके ऐसे आएं हैं जहां हमने समर्थकों द्वारा अपने पसंदीदा नेता को भगवान बनाते देखा है. चूंकि ये पोस्टर्स पटना में लगे हैं तो बात आगे बढ़ाने से पहले ये बताना भी बेहद जरूरी है कि यहां ऐसे सैकड़ों पोस्टर्स देखें गए हैं जिनमें लालू यादव के बड़े बेटे और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रह चुके तेज प्रताप यादव को भगवान शिव और उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय को देवी पार्वती बना दिया गया था. इसके अलावा पूर्व में तेज प्रताप ने अपने आप को श्री कृष्ण का रूप  बताया था और खुद ही ऐसी तमाम तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की थीं जिनमें वो रथ पर बैठे हुए थे.

चूंकि बात हमने समर्थकों द्वारा राहुल गांधी को राम बनाए जाने को लेकर हुई थी. अतः ये बताना भी बेहद जरूरी है कि पूर्व में हुए मध्यप्रदेश चुनाव में भी ऐसे कई मौके आए थे जब कांग्रेस पार्टी के बैनरों में  राहुल को भगवान शिव के भक्त के रूप में दर्शाया गया था.

बहरहाल, किसी भी दल को ऐसे पोस्टर्स का कितना फायदा मिलता है इसका फैसला आने वाला वक़्त कर देगा. मगर जिस तरह वोट बैंक की राजनीति के चलते धर्म के अलावा देवी देवताओं का अपमान किया जा रहा है वो ये साफ बता रहा है कि खुद नेताओं को अब किसी चीज की इज्जत नहीं रही. उन्हें मतलब केवल अपनी जीत से है. जिसके लिए उन्होंने अपने समर्थकों को भी खुली छूट दे दी है कि  प्रचार केनाम पर उनके मन में जो भी आए वो उसे अंजाम दें और सुर्खियां बटोरें.

जैसा देश का राजनीतिक माहौल है कह सकते हैं कि ये पोस्टर कांग्रेस को फायदा देगा और हो ये भी सकता है कि 3 फरवरी को गांधी मैदान में आयोजित इस रैली में वो लोग भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं जको अब तक कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी के विरोधी की भूमिका में थे.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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