मोदी के बयान के बाद मत्स्य मंत्रालय पर राहुल गांधी का जोरदार पलटवार
मत्स्य मंत्रालय (Fisheries Ministry) पर अपनी बात स्पष्ट करते हुए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने बीजेपी नेताओं को कठघरे में खड़ा किया है - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की टिप्पणी के बाद राहुल गांधी ने कहा है कि उनकी बात को तो किसी ने समझा ही नहीं.
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मत्स्य मंत्रालय (Fisheries Ministry) पर शुरू हुई वाद विवाद प्रतियोगिता अभी कुछ दिन और जारी रहने वाली है. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के हैरानी जताने के बाद कांग्रेस नेता ने ट्वीट कर सफाई देने के साथ ही बीजेपी नेताओं को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की है.
कांग्रेस के वायनाड सांसद के ट्वीट से तो मालूम होता है कि राहुल गांधी कुछ और ही बात कर रहे थे और केंद्रीय मंत्रियों ने बगैर ठीक से समझे ही रिएक्ट करना शुरू कर दिया - और फिर प्रधानमंत्री ने भी उसी पर टिप्पणी कर डाली.
राहुल गांधी की तरफ से अभी तक ऐसे मामलों में खामोशी ही अख्तियार करते देखने को मिला है, लेकिन मत्स्य मंत्रालय पर कांग्रेस नेता के बयान पर ये स्टैंड संभवतः पहली बार देखने को मिला है - तो क्या इससे ये समझा जाये कि कांग्रेस नेतृत्व आगे से राहुल गांधी का मजाक उड़ाये जाने की कोशिशों का राजनीतिक तरीके से ही जवाब देने का मन बना चुका है?
राहुल के बयान पर PM मोदी ने जतायी हैरानी
मत्स्य मंत्रालय को लेकर राहुल गांधी के बयान पर दो केंद्रीय मंत्रियों का ट्विटर पर रिएक्शन तो तत्काल ही आ गया था - लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ कहने के लिए उसी पुडुचेरी की जमीन का इस्तेमाल किया जहां राहुल गांधी पहली बार अपनी बात कही थी.
लेकिन हैरानी तब हुई थी जब राहुल गांधी ने बीजेपी नेताओं के बयानों की परवाह न करते हुए दोबारा मत्स्य मंत्रालय के गठन की बात कर डाली. राहुल गांधी के अपनी बात दोहराये जाने पर एकबारगी तो लगा ही था कि कहीं न कहीं कोई लोचा तो जरूर है.
बहरहाल, पुडुचेरी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभी अभी गिरी वहां की कांग्रेस सरकार पर तमाम आरोप लगाते हुए उस वाकये का भी जिक्र किया जिसे लेकर कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री रहे वी. नारायणसामी सबके निशाने पर रहे. राहुल गांधी तो जो नाराज हुए सो अलग ही रहा. ये राहुल गांधी की नाराजगी नहीं तो और क्या समझा जाये कि केरल में अपने कार्यक्रम में अपने भाषण का अनुवाद किसी कांग्रेस नेता से कराने की जगह एक स्कूली छात्रा से कराया. दरअसल, वी. नारायणसामी ने एक महिला की शिकायत का ठीक ठीक अनुवाद करने की जगह राहुल गांधी को अपनी तारीफ सुना दी थी. वी. नारायणसामी सरकार गिर जाने के बाद पुडुचेरी में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया है.
राहुल गांधी की मत्स्य मंत्रालय वाले बयान पर समझाइश, सभी ने गलत समझा!
मत्स्य मंत्रालय को लेकर चल रही बहस के बीच प्रधानमंत्री मोदी बोले - 'मैं तो स्तब्ध हूं...' प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस नेता यहां आकर कहते हैं कि हम मछुआरों के लिए मत्स्य पालन मंत्रालय बनाएंगे - सच ये है कि मौजूदा एनडीए सरकार ने 2019 में मछुआरों के लिए मंत्रालय बनाया था.
प्रधानमंत्री से पहले मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी पर घूम घूम कर भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए सवाल किया था कि ये दिमागी दिवालियापन है या सोची समझी साजिश?
साहेबजादे और उनके सिपहसालार मोदी जी के हाथों लगातार हार से अस्तित्वहीन और मानसिक रूप से बीमार हो गए हैंउन्हें कोई नया आइडिया नहीं मिल रहा,सिद्धांत विहीन कांग्रेस अब झूठ और अराजकता पर टिकी है।उत्तर-दक्षिण,पूर्व-पश्चिम कहीं भी विभाजन और विघटन की राजनीति को कोई बर्दाश्त नहीं करेगा
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) February 24, 2021
संसद में खुद फ़िशरी मंत्रालय से सवाल पूछते हैं ? जब जवाब में भ्रम फैलाने वाला अफ़ीम नहीं मिलता है तब देश में घूम घूम कर भ्रम फैलाते हैं। यह दिमाग़ी दिवालियापन है या सोची समझी साज़िश? यह लोगों को सोचना है। pic.twitter.com/vXQgXAtH3d
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) February 24, 2021
गिरिराज सिंह के दो कदम आगे बढ़ कर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी राहुल गांधी को याद दिलाया कि कहीं वो मछलियों से पानी पर न कूद पड़ें, इसलिए पहले ही जान लें कि देश में एक एकीककृ मंत्रालय भी है जो पानी जुड़े सभी मुद्दों को देखता है. असल में गजेंद्र सिंह शेखावत ने राहुल गांधी की मछुआरों के साथ पानी में तैरते वायरल हुई तस्वीरों पर कटाक्ष किया था.
Dear Rahul ji,
I am Gajendra Singh Shekhawat, Minister Jal-Shakti, a newly integrated ministry which caters to all water related issues in India.
Just thought of letting you know so you don't jump from fishes to water!
— Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) February 24, 2021
बयान पर सफाई या बीजेपी पर पलटवार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान आने के बाद राहुल गांधी ने अपने ट्विटर हैंडल से रिएक्ट किया है. राहुल गांधी ने एक ही ट्वीट में अपनी बात स्पष्ट करते हुए अपने नये स्लोगन को हैशटैग किया है - हम दो, हमारे दो.
प्रधानमंत्री मोदी को टैग करते हुए राहुल गांधी ने लिखा है कि मछुआरों को एक स्वतंत्र मत्स्य पालन मंत्रालय चाहिये, न कि किसी एक मंत्रालय के अंदर केवल एक विभाग.
Dear PM,
Fisherfolk need an independent and dedicated ministry of fisheries, not just a department within a ministry.
PS- “Hum do Humare do” obviously hurt bad.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 25, 2021
मछुआरों को भी बाकी किसानों जैसे अधिकार, सुविधाएं और कांग्रेस के केंद्र की सत्ता में आने पर अलग से मत्स्य मंत्रालय बनाने के राहुल गांधी का बयान आते ही बीजेपी नेता धावा बोल दिये - और पहले की ही तरह राहुल गांधी को 'पप्पू' करार देने की कवायद भी शुरू हो गयी.
बीजेपी के हमलों पर कांग्रेस की तरफ से पहली बार ऐसा जबरदस्त पलटवार किया गया है. अब तक ऐसे मामलों में राहुल गांधी या गांधी परिवार को ज्यादातर नजरअंदाज करते ही देखने को मिलता था. एक बार तो संसद में राहुल गांधी ने यहां तक बोल दिया था कि अगर बीजेपी के लोग उनको पप्पू समझते हैं या मानते हैं तो भी उनको ऐसी बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता.
राहुल गांधी पर मोदी सरकार के दो मंत्रियों के ट्वीट अटैक के बाद बीजेपी समर्थक भी सोशल मीडिया पर कांग्रेस नेता को लेकर मजाक उड़ाते पोस्ट करने लगे थे. अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए ट्विटर पर राहुल गांधी के अपनी बात रखने के बाद तय है कि ये बहस अब काफी आगे जाने वाली है.
ये राहुल गांधी की तरफ से जवाबी एक्शन का नया तरीका लगता है - और ये भी लगता है कि कांग्रेस अब ये लड़ाई तेज करने वाली है. सरवाइवल के लिए लड़ना तो सबको पड़ता ही है - और वो भी तब जबकि अस्तित्व ही खतरे में नजर आ रहा हो - और उस दौरान मुंह से ऐसी बातें भी निकल आयें जो राजनीतिक हिसाब से दुरूस्त न हों.
उत्तर भारतीयों को लेकर राहुल गांधी का बयान ऐसा ही है. अमेठी का गुस्सा अपनी जगह है लेकिन राजनीतिक तौर पर ये काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है, लेकिन लगता है राहुल गांधी को गलती का एहसास फौरन हो गया है और वो एक्टिव भी हो गये हैं - हालांकि, राहुल गांधी की तरफ से अभी ये समझाया जाना बाकी है कि अलग से मस्त्य मंत्रालय होने पर और मछुआरों को और क्या क्या फायदे मिल सकते हैं!
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