राहुल गांधी ने 'मुस्लिम पार्टी' पर मोदी को बीजेपी स्टाइल में ही जवाब दिया है
मुस्लिम पार्टी पर राहुल गांधी के ट्वीट का कनेक्शन गुजरात चुनाव में मिलता है. जो तरीका बीजेपी ने कांग्रेस के कामयाब विकास पागल है कैंपेन के खिलाफ अपनाया था, राहुल गांधी ने बीजेपी को उसी से शह दी है.
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तुष्टिकरण के इल्जाम से कांग्रेस इतनी दुखी कभी नहीं हुई जितनी 'मुस्लिम पार्टी' कहे जाने से. सोनिया गांधी को भी बरसों से इस बात का मलाल है कि बीजेपी ने उसे मुस्लिम पार्टी करार दिया - और लोगों में धारणा घर कर गयी.
बीजेपी के संपर्क फॉर समर्थन स्टाइल वाली कांग्रेस की बुद्धिजीवियों से मुलाकात भी हादसे का शिकार रही. एक अखबार में खबर छपी कि राहुल गांधी मानते हैं कि कांग्रेस मुस्लिम पार्टी है. हालांकि, आल्ट न्यूज ने उस बैठक में शामिल कई लोगों से बात की तो पता चला राहुल गांधी ने ऐसा कतई नहीं कहा था.
असलियत जो भी हो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को आजमगढ़ में मैदान में घसीट लिया. मुस्लिम समुदाय पर कांग्रेस की रणनीति को ट्विस्ट करते हुए उस पर बीजेपी की तीन तलाक वाली चाशनी चढ़ा दी - 'क्या कांग्रेस मुस्लिम पुरुषों की पार्टी है?' मोदी से पहले बीजेपी नेता निर्मला सीतारमण और दूसरे बीजेपी नेताओं ने भी कांग्रेस से यही सवाल पूछे थे.
राहुल गांधी ने भी सियासी तरकश से वही तरकीब निकाली जिसके जरिये बीजेपी एक बार कांग्रेस को शिकस्त दे चुकी है. गुजरात चुनाव के दौरान कांग्रेस की मुहिम - 'विकास गांडो थायो छे' को बीजेपी ने इसी तरकीब से बंद करा दिया था.
'मैं ही कांग्रेस हूं'
राजनीति में निजी हमले हमेशा घातक साबित हुए हैं. दिल्ली चुनाव में बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल के गोत्र पर सवाल उठाया था, ठीक वैसे ही जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में नीतीश कुमार के डीएनए में खोट. गुजरात चुनाव में कांग्रेस को अपने सबसे कामयाब चुनाव कैंपेन 'विकास पागल हो गया है' को मजबूरन बंद करना पड़ा था.
कांग्रेस को मुस्लिम पार्टी बताये जाने के मामले में राहुल गांधी ने वही नुस्खा आजमाया है. राहुल गांधी ने एक ट्वीट कर संकेत देने की कोशिश की है कि मोदी और बीजेपी नेताओं का कांग्रेस को मुस्लिम पार्टी बताना निहायत ही निजी हमला है.
I stand with the last person in the line. The exploited, marginalised and the persecuted. Their religion, caste or beliefs matter little to me.
I seek out those in pain and embrace them. I erase hatred and fear.
I love all living beings.
I am the Congress.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 17, 2018
इस ट्वीट के जरिये राहुल समझाना चाहते हैं कि वो लाइन में खड़े अंतिम व्यक्ति के साथ खड़े हैं, जिसे हाशिये पर धकेल दिया गया है. जो दबाया हुआ है, जो पीड़ित है, जो अत्याचार का शिकार है.
ये बात कुछ वैसे ही है जैसा महात्मा गांधी ने अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति की स्थिति दर्शाने को लेकर कहा था. राहुल गांधी ने भी उसी बात को ताज संदर्भों में पेश करने की कोशिश की है.
'मैं ही कांग्रेस हूं, मैं ही...'
वैसे भी किसानों के मामले में, दलितों के मामले में पीड़ितों के मामले में राहुल गांधी मौके पर मौजूद रहने की कोशिश करते रहे हैं. अपने ट्वीट में भी राहुल गांधी ने इसे ही समझाने की कोशिश की है - 'जो पीड़ा से गुजर रहे हैं उन्हें तलाशता हूं और उन्हें सीने से लगाता हूं. मैं सभी प्राणियों से प्यार करता हूं.'
राहुल गांधी के इसी ट्वीट के आखिर में है - "मैं ही कांग्रेस हूं." सबसे बड़ी बात राहुल गांधी ने यही कही है, जिसे समझने की जरूरत है.
'हूं छू कांग्रेस'
गुजरात चुनाव में कांग्रेस के कैंपेन से बुरी तरह आजिज आ चुकी बीजेपी ने काफी सोच विचार कर उसी काट खोज पायी थी. जब कुछ नहीं सूझ रहा था तो बीजेपी ने विकास को गुजराती अस्मिता से जोड़ दिया - और ये बात मोदी को मुंह से कहलवा दिया. बीजेपी की ये रणनीति फौरन रंग लायी और कांग्रेस ने विकास को पागल बताने वाला कैंपेन वापस ले लिया.
कांग्रेस की हद से ज्यादा कामयाब मुहिम के दरम्यान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात पहुंचे और बोले - "हूं छू विकास. हूं छू गुजरात." बीजेपी ने गुजरात के लोगों को समझा दिया कि विकास जो है वो गुजराती अस्मिता से जुड़ा है. मंच से मोदी के कहने का आशय था - 'मैं ही विकास हूं. मैं ही गुजरात हूं.'
कैंपेन वापस लेने की सफाई भी खुद राहुल गांधी ने ही दी थी. राहुल गांधी का कहना था कि जब मोदी ने खुद अपना नाम जोड़ दिया तो वापस लेने का फैसला किया गया - क्योंकि वो हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री हैं और कांग्रेस उस पद का पूरा सम्मान करती है.
क्या ऐसा नहीं लगता कि राहुल गांधी ने भी कांग्रेस को मुस्लिम पार्टी बताये जाने के मामले में वही नुस्खा आजमाया है?
राहुल गांधी का ये कहना कि 'मैं ही कांग्रेस हूं', आखिर क्या इशारा कर रहा है?
साफ साफ समझ आता है कि राहुल गांधी कहना चाहते हैं कि अगर कांग्रेस मुस्लिम है तो वो भी मुस्लिम हुए. बड़ा सवाल ये है कि क्या बीजेपी राहुल गांधी के इस काउंटर का कोई नया काउंटर निकालेगी या मुस्लिम पार्टी का मामला यूं ही छोड़ देगी. छोड़ना उसके लिए घाटे का सौदा होगा और 2019 के लिए तो बीजेपी ऐसा कुछ भी नहीं करेगी. फिर देखिये और तब तक काउंटर तरकीब का इंतजार कीजिए.
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