तो क्या उधार का सिंदूर लेकर सुहागन बनने वाले राहुल गांधी के "अच्छे दिन" आ गए?
राहुल समर्थकों का मत है कि राहुल के अध्यक्ष बनने से कांग्रेस के अच्छे दिन आ गए हैं. मगर जब हम राहुल के पिछले कामों और ट्विटर पर राहुल के अध्यक्ष बनने के बाद आई प्रतिक्रियाओं को देख रहे हैं, तो मिल रहा है कि कांग्रेस के लिए अभी दिल्ली दूर है.
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तो आखिरकार राहुल गांधी ने, कांग्रेस पार्टी का 49 वां अध्यक्ष बन पार्टी की कमान संभाल ली. राहुल गांधी को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, बहन प्रियंका गांधी, रॉबर्ट वाड्रा समेत कांग्रेस के लगभग सभी बड़े नेताओं की उपस्थिति में सर्टिफिकेट देकर आधिकारिक तौर पर अध्यक्ष घोषित किया गया है. अध्यक्ष बनते ही उन्होंने वो किया जिसकी उनसे उम्मीद की जा रही थी. अध्यक्ष बनने के फौरन बाद राहुल ने अपने पहले ही भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोआड़े हाथों लिया और उन पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए तीखे हमले किये. राहुल ने कहा कि कांग्रेस भारत को 21वीं सदी में लेकर आई थी जबकि पीएम मोदी हमें मध्यकाल की तरफ ले जा रहे हैं. बीजेपी की वर्तमान कार्यप्रणाली पर प्रहार करते हुए राहुल ने ये भी कहा कि एक बार आग लगने के बाद उसे बुझाना बहुत मुश्किल होता है. राहुल का मानना है कि बीजेपी ने पूरे देश में आग लगा दी है. राहुल ने अपने भाषण में कहा है कि बीजेपी के लोग आग लगाते हैं और हम आग बुझाते हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद आने वाला वक़्त राहुल गांधी के लिए और जटिल होगा
राहुल ने एक मुश्किल दौर में कांग्रेस की कमान अपने हाथों में ली है. ऐसा इसलिए क्योंकि कभी भारत की आम जनता के बीच लोकप्रिय कांग्रेस आज इस देश के लोगों के बीच अपना जनाधार खो चुकी है. आज के समय में, आम जनता के बीच इस बात का संचार कर दिया गया है कि भारत के पिछड़ेपन का सबसे बड़ा कारण, यहां एक लम्बे समय तक कांग्रेस का राज रहा है. कह सकते हैं कि इस जटिल समय में जब देश की राजनीति में कांग्रेस लगातार पिछड़ती चली जा रही है पार्टी के लिए नए अध्यक्ष का चुना जाना एक हैरान करने वाली घटना है.
हाल फ़िलहाल में कांग्रेस और राहुल गांधी को देखकर यही लग रहा है कि इनके पास दोबारा सत्ता में आने की कोई रणनीति नहीं है. काफी लम्बे समय से पार्टी के सर्वे सर्वा राहुल गांधी के पास पार्टी को आगे ले जाने का कोई विशेष प्लान नहीं है वो केवल "परीक्षण और त्रुटि" विधि से अपनी राजनीति चमका रहे हैं और ये बताने का प्रयास कर रहे हैं कि यदि इस देश को कोई वास्तव में आगे ले जा सकता है तो वो केवल कांग्रेस पार्टी है.
राहुल गांधी के करीबियों का मानना है कि अंब राहुल ही पार्टी को आगे ले जा सकते हैं
मौजूदा राजनीतिक परिपेक्ष और उसमें राहुल गांधी के काम करने के तरीके को देखें तो मिलता है कि राहुल "उधार के सिंदूर से सुहागन बनने का प्रयास कर रहे हैं" मौजूदा वक़्त में इस बात को समझने के लिए गुजरात का उदाहरण सबसे बेहतर रहेगा. गुजरात में राहुल, हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवानी का दामन पकड़ अपनी राजनीति चमकाते नजर आए. गुजरात चुनावों के मद्देनजर लोगों की एक बड़ी तादाद ये मान बैठी है कि राहुल पूर्व की अपेक्षा समझदार हुए हैं मगर इस बात को जब गहनता से देखें तो मिल रहा है कि चीजें जैसे पहले थीं वैसे ही आज भी हैं और वो बस उन चीजों जैसे नोटबंदी और जीएसटी, को भुनाने का प्रयास कर रहे हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कमजोर कड़ी हैं.
गुजरात में राहुल, मंदिरों में घूम रहे हैं, हिंदुत्व का नाम लेकर विकास की बात कर रहे हैं, पटेलों के आरक्षण की बात कर रहे हैं, दलित और पिछड़ों की बात कर रहे हैं, महंगाई, बेरोजगारी, जीएसटी, नोटबंदी पर बात कर रहे हैं. गौर करें तो मिल रहा है कि भले ही ये बातें राहुल की हों मगर इन बातों के लिए जो जुबान चाहिए वो राहुल की नहीं बल्कि हार्दिक, अल्पेश और जिग्नेश मेवानी की है.
पूर्व में भी हम राहुल को बिहार और उत्तर प्रदेश में भी ऐसे ही ढर्रे पर काम करते हुए देख चुके हैं. एक समय में राहुल, बिहार की राजनीति में अहम भूमिका रखने वाले नीतीश कुमार के साथ भाजपा की आलोचना करते नजर आए मगर उसके बाद जो हुआ वो हमारे सामने है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में भी अखिलेश के साथ गठबंधन पर सपा और कांग्रेस के लिए हालात कैसे थे वो भी देश की जानता देख चुकी है.
ये कांग्रेस के लिए मुश्किल वक़्त है कांग्रेस आम जनता के बीच अपना जनाधार खो चुकी है
ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश चुनाव से ठीक पहले, जब अखिलेश और राहुल का मिलन हुआ तो उसपर राजनीतिक पंडितों का तर्क था कि यदि अखिलेश अपना फैसला बदलने पर विचार नहीं करते हैं तो ये उनके राजनीतिक भविष्य को गर्त के अंधेरों में डाल देगा. चुनाव हुए, और उन चुनावों के बाद जो परिणाम आए वो ये बताने के लिए काफी है कि राहुल को कड़ी मेहनत करने की जरूरत है.
गौरतलब है कि गत वर्षों में, हम भारतीय राजनीति में राहुल गांधी की भूमिका के मद्देनजर कई ऐसे मौके देख चुके हैं जहां राहुल गांधी द्वारा की गयी गलतियों का खामियाजा हार के रूप में पूरी कांग्रेस पार्टी को भुगतना पड़ा है. गुजरात चुनावों के परिणाम के बाद, ये बात एक बार फिर साफ हो जाएगी कि जब तक राहुल अपने काम करने के रवैये को नहीं बदलते तब तक स्थिति ऐसी ही रहेगी. बहरहाल, भले ही अध्यक्ष बनते ही राहुल गांधी के तेवर तीखे हो गए हों मगर ट्विटर पर लोग मीठी चुटकी से बाज नहीं आ रहे. जब इस विषय पर ट्विटर का रुख किया गया तो ऐसी- ऐसी बातें निकल कर सामने आईं जिनपर यदि राहुल ढंग से अमल कर लें तो वो दिन दूर नहीं जब भारतीय राजनीति में इन्हें देश की जनता द्वारा हाथों हाथ लिया जाए.
After 25 successive electoral defeats under Rahul Gandhi’s leadership, the Congress party has decided to elevate him as their President. Quite a recognition of merit...
— Amit Malviya (@malviyamit) December 16, 2017
Ahead of Rahul Gandhi taking over as the party president, Congress party workers are singing 'Vande Mataram'. This is nothing short of a miracle!!!
— Priti Gandhi (@MrsGandhi) December 16, 2017
#ThankYouSoniaGandhi Ji for carrying forward the legacy of dynasty in today’s times. By electing Rahul Gandhi to the Congress president post, you’ve ensured BJP’s landslide victory year by year. Thank you very much ????
— Sonam Mahajan (@AsYouNotWish) December 16, 2017
I congratulate Thiru. Rahul Gandhi on his elevation as the President of INC, on behalf of DMK. Am confident that he will fulfill the aspirations and hopes of the people and restore the glory of Secularism, Socialism and Federalism. @OfficeOfRG
— M.K.Stalin (@mkstalin) December 16, 2017
Firecracker in Delhi at AICC HQ for Rahul Gandhi' coronation, but this is not causing pollution as this is for a good reason. #IStandWithRahulGandhi
— Rahul Roushan (@rahulroushan) December 16, 2017
One who holds Limca World Record for Electoral Losses being crowned Shehzada of Congress! Rahul Gandhi should be mascot of BJP!Wherever he campaigns he ensures BJP victory! Exit polls (subject to 18thDec) show that too!I have met ECI officials-18th we start his dethroning! pic.twitter.com/eCnMb1Mvqt
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) December 16, 2017
In 19 years as a party president, Sonia Gandhi did not go to her office even 19 times, The reason why Congress has shortage of leaders & Rahul Gandhi is unopposed President.
— Bhaiyyaji (@bhaiyyajispeaks) December 16, 2017
Congressi distributing Rahul Gandhi locket and badges.Message is clear: If you want to impress your masters in party, you have to turn yourself into Pidi and wear his collar.
— Bhaad me Jaa.. (@iAbhishek_J) December 16, 2017
I have made a conscious decision to refuse to comment on the stupidity of Rahul Gandhi. This is am certain that I will work to ensure that he will never be PM of India. That will be an insult to our great Nation.
— Savio Rodrigues ???????? (@PrinceArihan) December 16, 2017
Liberals,The crackers being burst at coronation of Rahul Gandhi do not cause pollution in Delhi.Only regressive practices like Diwali and Hindoo wedding crackers are harmful for Humanity ????
— त्याग की देवी Moronika Ghose (@moronikaghose) December 16, 2017
BJP supporters celebrating Rahul Gandhi coronation as King of Congress Party pic.twitter.com/IVXoFAca0w
— Dhaval Patel (@dhaval241086) December 16, 2017
कहने को तो राहुल गांधी जनेऊधारी हिन्दू हैं लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर बैठने जैसे शुभ कार्य का श्रीगणेश पूजा-पाठ, हवन-पूजन या किसी मंदिर में माथा टेककर करने का उनका कोई फ़ोटो या वीडियो अभी तक सामने नहीं आया.
— Anuraag Muskaan (@anuraagmuskaan) December 16, 2017
जिन लोगो को लगता है कि राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने से कांग्रेस जीतने लगेगी... ये वही लोग हैं जो सोचते हैं कि आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता...
— Ravi Bhadoria (@ravibhadoria) December 16, 2017
उछल कूद करना ही अगर शेर का मुकाबला है? तो फिर तो बंदर और लंगूर इनसे ज्यादा उछल कूद मचाते हैं !! ( यह बात राहुल गांधी जी के लिए नहीं है)????
— ' कीर्ति , (@politicalkirti_) December 16, 2017
नतीजा जो भी हो, पर कुमार विश्वास द्वारा अमेठी में दी गयी इंटर्नशिप का राहुल गांधी पर खूब असर दिख रहा है। उन्होंने उस अनुभव का प्रयोग गुजरात मे नरेन्द्र मोदी पर किया है।
— Alok Mehta (@AlokMehta_) December 16, 2017
कितनी महान होती है माँ...????????...राहुल गांधी को भी प्रधानमन्त्री बनाने के सपने देख लेती है????????????????????????????????
— Komal Saini (@Namokomal) December 16, 2017
आश्चर्य तब होता है जब मोदी के पीएम बनने के बाद आडवाणी सहित बीजेपी के तमाम वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी को बड़ा मुद्दा बनाने वाले लोग, ख़ुशी-ख़ुशी ये मान लेते हैं की कांग्रेस में राहुल गांधी से ज़्यादा योग्य और कोई नहीं है.
— Anuraag Muskaan (@anuraagmuskaan) December 16, 2017
राहुल गांधी दस जनपथ पर पार्टी के अध्यक्ष पद पर शपथ लेने जा रहे हैं सुनने में आ रहा है वह डरे हुए हैं कहीं वहां भी #मोदी_मोदी के नारे नहीं लग जाए ????????✌✌
— Madhu Sharma (@madhusharmabjp) December 16, 2017
राहुल गांधी को अध्यक्ष पद पर बिठाते कांग्रेस कार्यकर्ता pic.twitter.com/7HQBKu0L2Q
— The Frustrated Indian (@FrustIndian) December 16, 2017
समझ नहीं पा रहा हूँ कि कांग्रेस वाले सोनिया गांधी के जाने की खुशी मना रहे है या राहुल गांधी के आने की.....?????????????????किसी को पता है तो बताना भाई।।।।
— Komal Saini (@Namokomal) December 16, 2017
राहुल गांधी से पत्रकार- आप कांग्रेस अध्यक्ष कैसे बने.??राहुल- की न तो मैं यहाँ खुद बना हूँ, न मुझे किसी ने जिताया है... मुझे तो माँ सोनिया ने बनाया है...
— Ravi Bhadoria (@ravibhadoria) December 15, 2017
तेजस्वी यादव,अखिलेश,हार्दिक, अल्पेश इन सबके साथ राहुल गांधी है पता है क्योंक्योंकि राहुल गांधी ने प्रण किया है कि अगर उसका भविष्य नही बन रहा तो वो किसी युवा नेता का भविष्य नही बनने देगानतीजा सबके सामने है????#ExitPoll@OfficeOfRG @yadavakhilesh @HardikPatel_ @yadavtejashwi
— ????Deshbhakt Butterfly???? (@Raj_Ni29) December 16, 2017
मैं राहुल गाँधी जी को कांग्रेस अध्यक्ष बनने पर हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ और आशा करता हूँ कि वो मोदी शाह जैसे लोगों से देश की रक्षा करेंगे। जय हिन्द
— Lalu Prasad Yadav (@ModiLeDubega) December 16, 2017
आतंकवाद का धर्म मुस्लिम है और कांग्रेस की हार के लिए जिम्मेदार राहुल गांधी है...पर पता नहीं क्यों कोई इसे मानने को तैयार नहीं,,,#FlashAHope
— Sweta Singh (@iSwetaSinghAT) December 16, 2017
हर चुनाव हारने के बाद भी अध्यक्ष बनने पर बधाइयों का तांता ऐसा लग रहा है जैसे ओलिंपिक में 'बोल्ट' को हरा के स्वर्ण पदक जीता हो राहुल गाँधी ने
चाटुकारों का हाल ये है रात को पप्पू अपने पिछवाड़े पर जहर लगा के सो जाएं सुबह तक काँग्रेस मुक्त भारत हो जाएगा☺️
— Ashish Sharma #Tmg (@ashish_tiwtter) December 16, 2017
सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट ट्विटर पर आए ये ट्वीट ये बताने के लिए काफी हैं कि भले ही कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनना राहुल गांधी के लिए बच्चोंका खेल हो मगर इसके बाद की जिम्मेदारी बहुत जटिल है. ऐसा इसलिए क्योंकि आने वाले वक़्त में राहुल के लिए सबसे बड़ा काम देश की जनता के दिल से कांग्रेस के लिए नफरत निकालना और खोया हुआ जनाधार वापस लाना होगा. इसके अलावा उन्हें कुछ ऐसा करना होगा जिससे वो देश की राजनीति में एक मजबूत विपक्ष तैयार कर सकें.
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