प्रधानमंत्री मोदी कभी छुट्टी नहीं लेते, इसका सच क्या है...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छुट्टी को लेकर अक्सर ही लोगों के बीच बातें होती हैं. इसपर जब आरटीआई के जरिये पीएमओ से सवाल हुआ तो उसने भी चुप्पी साध ली जिसके बाद एक बार फिर बहस तेज हो गई है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार कहा कि उन्होंने एक भी छुट्टी नहीं ली. वो हर रोज अट्ठारह घंटे काम में जुटे रहते हैं. प्रधानमंत्री के प्रशंसक इस बात को बार-बार दोहराते हैं और नरेंद्र मोदी की इस कर्मठता का बखान करते हैं. इसके प्रतिरोध में पीएम के आलोचकों ने तमाम सवाल उठाने शुरू कर दिए है. मोदी ने छुट्टी नहीं ली तो मनमोहन सिंह ने दस साल के प्रधानमंत्री कार्यकाल में कितनी छुट्टियां लीं?
अक्सर ही हम प्रधानमंत्री की छुट्टी को लेकर लोगों के मुंह से सवाल सुनते हैं
भारत के तमाम प्रधानमंत्रियों ने कितनी छुट्टियां लीं?
अपनी पार्टी के चुनाव प्रचार के लिए हजारों जनसभायें करने वाले प्रधानमंत्री क्या सरकारी ड्यूटी निभा रहे होते हैं? ऐसे तमाम सवाल उठने लगे हैं. जयपुर निवासी मनोज कुमार यादव ने सूचना के अधिकार के तहत सवाल किया कि प्रधानमंत्री ने नरेंद्र मोदी ने अपने पूरे कार्यकाल में कितनी छुट्टियां लीं? जवाब मिला कि एक भी छुट्टी नहीं ली. जब ये सवाल किया गया कि मनमोहन सिंह ने बतौर प्रधानमंत्री अपने दस साल के कार्यकाल में और पिछले अन्य प्रधानमंत्रियों ने कितनी छुट्टियां ली थीं?
पीएमओ का जवाब था कि पूर्व प्रधानमंत्रियों की छुट्टियों का उसके पास कोई रिकार्ड नहीं हैं. यहां तक कि पिछले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने छुट्टियां लीं या नहीं इसका भी कोई रिकार्ड ही नहीं है. गौरतलब है कि मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमाम बार कहा कि मैंने एक भी छुट्टी नहीं ली. मैं बिना छुट्टी लिये रोज 18 घंटे काम करता हूं.
ज्ञातव्य हो कि अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल में प्रधानमंत्री ने लगभग एक दर्जन प्रदेशों के विधानसभा चुनावों में भाजपा के प्रचार के लिए हजारों जनसभायें कीं. ये अपने आप में एक रिकॉर्ड है. भाजपा खुद ये बात मानती है कि हर चुनाव की सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री को जाता है. जिन्होंने जितना चुनावी प्रचार किया है शायद ही किसी प्रधानमंत्री ने अपनी पार्टी के लिए इतना पसीना बहाया हो.
उनके चुनावी भाषण जनता को बहुत प्रभावित करते हैं और भाजपा मोदी की धुआंधार जनसभाओं से हारी बाजी भी जीत लेती है. अब सवाल ये उठ रहे हैं कि प्रधानमंत्री क्या अट्ठारह घंटे सरकारी काम करने का जो दावा करते हैं उनमें भाजपा के लिए चुनाव प्रचार भी शामिल है.
निष्कर्ष : प्रधानमंत्री मोदी के बारे में कहा जाता है कि वे कभी छुट्टी नहीं लेते तो इसका अर्थ यह है कि प्रधानमंत्री के जॉब में छुट्टी का कोई प्रावधान है ही नहीं. यानी 'भारत का प्रधानमंत्री अपने कार्यकाल में हमेशा सेवारत रहता है.' 2016 में दाखिल एक आरटीआई के जवाब में तो प्रधानमंत्री कार्यालय ने साफतौर पर कह दिया था कि यहां किसी प्रधानमंत्री की छुट्टी का रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है. भाजपा समर्थक यदि ये कहते हैं कि मोदी हमेशा काम करते रहते हैं, तो उनके निशाने पर राहुल गांधी होते हैं, जिनके बारे में अकसर विदेश घूमने जाने की खबरें आती हैं. लेकिन यह भी सच है कि यदि राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनेंगे तो उन्हें भी सदा सेवारत ही कहा जाएगा. भले वे विदेश जाएं, या पार्टी के प्रचार पर. क्योंकि किसी प्रधानमंत्री के अपनी पार्टी के पक्ष में प्रचार करने को गलत नहीं माना गया है.
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