क्या मोदी की बात कभी मानेंगे साक्षी महाराज जैसे?
मोदी मंत्र मिले अभी 10 दिन ही बीते हैं और साक्षी महाराज अब रेप के आरोपी विधायक से मिलने और उसे धन्यवाद कहने जेल में जा पहुंचे. यूं लग रहा है कि पीएम मोदी का ज्ञान साक्षी महाराज ने एक कान से सुना और दूसरे कान से निकाल दिया.
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लोकसभा चुनावों में भाजपा को भले ही प्रचंड जीत मिली हो, भले ही हर नेता और कार्यकर्ता इस जीत का जश्न मना रहा हो, लेकिन पीएम मोदी को अपनी जीत में भी कुछ कमी दिखी. जहां एक ओर विपक्ष अपनी हार की वजहें तलाशने में लगा था, वहीं दूसरी ओर पीएम मोदी ने अपनी जीत की समीक्षा की. चुनाव के नतीजे तो 23 मई को दुनिया के सामने आ गए थे, लेकिन पीएम मोदी की इस समीक्षा के नतीजे 25 मई को सामने आए, जब उन्होंने संसद के सेंट्रल हॉल में सभी चुने गए सांसदों को राजनीति का पाठ पढ़ाया. लेकिन यूं लग रहा है कि पीएम मोदी का वह ज्ञान साक्षी महाराज ने एक कान से सुना और दूसरे कान से निकाल दिया. तभी तो, मोदी मंत्र मिले अभी 10 दिन ही बीते हैं और साक्षी महाराज अब रेप के आरोपी विधायक से मिलने और उसे धन्यवाद कहने जेल में जा पहुंचे.
नेताओं के बड़बोलेपन पर मोदी ने कहा था कि 'छपास' यानी पेपर में फोटो छपने और 'दिखास' यानी टीवी पर दिखाई देने की इच्छा से बचना चाहिए. 2014-2019 तक हम चर्चा में इसलिए नहीं रहे, क्योंकि हमने कुछ गलत किया. ना ही किसी नेता, मंत्री या सरकार को लेकर कोई तूफान खड़ा हुआ. लेकिन जो मसाला दिया वो हमने दिया, जो बड़बोलापन होता है. उन्होंने सांसदों को नसीहत दी कि टीवी के माइक सामने देखते ही कुछ भी ना बोलें, क्योंकि इससे पार्टी को बहुत नुकसान होता है. साथ ही यह भी कहा कि ऑफ द रिकॉर्ड जैसा कुछ नहीं होता, क्योंकि वह एक ना एक दिन सामने आ ही जाता है. इस तरह ऐसी-ऐसी चीजें हमारे खाते में जमा हो जाती हैं, जिनका हमसे कोई लेना देना नहीं होता है. उन्होंने चेतावनी भरे अंदाज में ये भी कह दिया कि अब देश किसी को माफ नहीं करेगा.
यूं लग रहा है कि पीएम मोदी का ज्ञान साक्षी महाराज ने एक कान से सुना और दूसरे कान से निकाल दिया.
सेंट्रल हॉल में पीएम मोदी ने जो बातें कही थीं, उनका सीधा इशारा साक्षी महाराज जैसे नेताओं की ओर ही था. दरअसल, इनके जैसे नेता अपने बड़बोलेपन में अक्सर ही कुछ उल्टा बोल देते हैं या फिर कुछ उल्टा काम कर देते हैं और विवादों में आ जाते हैं. इससे इन नेताओं को तो कुछ नहीं बिगड़ता, लेकिन पार्टी की छवि पर एक दाग सा लग जाता है. इस बात को भले ही ये नेता ना समझते हों, लेकिन पीएम मोदी इस बात को अच्छे से समझते हैं.
क्या किया है साक्षी महाराज ने?
सांसद साक्षी महाराज उन्नाव में किशोरी से दुष्कर्म के आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर से मिलने सीतापुर जेल गए थे. चुनाव जीतने के बाद उन्होंने पहले तो दो दिन तक जिले का दौरा कर के लोगों को धन्यवाद किया और फिर कुलदीप सेंगर का धन्यवाद करने जेल गए. उन्होंने बताया कि वह सिर्फ कुलदीप सेंगर से मुलाकात करने और चुनाव में मदद के लिए धन्यवाद कहने आए थे. इससे भी बड़ी बात ये है कि छुट्टी का दिन होने के बावजूद जेल प्रशासन ने उन्हें मुलाकात की इजाजत भी दे दी. इसे लेकर भी साक्षी महाराज विवादों में घिर गए हैं. आपको बता दें कि सेंगर के खिलाफ उन्नाव के माखी थाने में आईपीसी की धारा 363, 366, 376, 506 और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है.
इससे पहले भी दिया था विवादित बयान
उन्नाव से भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हिरण्य कश्यप के खानदान का कहा था. उनका कहना थआ कि ममता तो जयश्री राम बोलने पर भी लोगों को जेल भेज देती हैं. वह बोले कि जब भी बंगाल का नाम आता है तो त्रेता युग याद आ जाता है. जब राक्षस राजा हिरण्य कश्यप ने जयश्रीराम बोलने पर अपने ही बेटे को जेल में डाल दिया था. ममता भी कहीं हिरण्यकश्यप के खानदान की तो नहीं हैं?
पीएम मोदी ने 5 साल तक नेताओं के बयानों और उनकी हरकतों को देखने के बाद ये निष्कर्ष निकाला कि बड़बोलेपन से दूर रहना है. अभी पीएम मोदी की बात को चंद दिन ही बीते कि भाजपा के कुछ नेताओं ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया. पीएम मोदी ने कहा था कि कुछ लोग ऐसे हैं, जब तक वह सुबह उठकर देश के नाम संदेश ना दे दें उनका खाना नहीं पचता. यानी जब तक वो विवादित बयान ना दें उन्हें लगता है कि कुछ अधूरा है. ऊपर साक्षी महाराज समेत जिन भाजपा नेताओं की लिस्ट दी गई है, मोदी का संदेश वास्तव में इन्हीं लोगों के लिए था. खैर, पीएम मोदी ने तो ये भी कहा था कि अब ऐसा करने वालों को जनता माफ नहीं करेगी, लेकिन शायद इन लोगों के अंदर उस बात का कोई डर नहीं है.
इफ्तार पार्टी गिरिराज ने दिया विवाद पैदा करने वाला बयान
कुछ दिन पहले ही जेडीयू की तरफ से इफ्तार पार्टी दी गई थी. इसमें लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान, भाजपा नेता सुशील मोदी समेत कई नेता शामिल हुए थे. इस पर गिरिराज सिंह ने तंज कसा था और अपने ट्विटर पर लिखा- 'कितनी खूबसूरत तस्वीर होती जब इतनी ही चाहत से नवरात्रि पर फलाहार का आयोजन करते और सुंदर फोटो आते. अपने कर्म धर्म में हम पिछड़ क्यों जाते और दिखावे में आगे क्यों रहते हैं.' इसे लेकर अब गिरिराज सिंह और नीतीश कुमार के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है. नीतीश ने कहा कि कुछ लोग जानबूझकर ऐसी बातें कहते हैं ताकि वह मीडिया में जगह बना सकें. खैर, ये भी खबर मिली है कि अमित शाह ने गिरिराज सिंह को फोन कर फटकार लगाई है. हालांकि, उनका ट्वीट अभी भी ट्विटर पर मौजूद है, जिसे उन्होंने डिलीट नहीं किया है.
गिरिराज सिंह ने ट्वीट करते हुए नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी पर तंज कसा था.
एक भाजपा विधायक ने तो महिला की पिटाई कर दी
ये घटना पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात की है. यहां के नरोदा में एक महिला पानी की शिकायत लेकर गई थी, लेकिन भाजपा विधायक बलराम थवानी ने उस महिला की जमकर पिटाई कर दी. वीडियो वायरल हुआ तो भाजपा को अपने ही नेता की करतूत पर शर्मिंदगी उठानी पड़ी. यूं तो बाद में भाजपा विधायक ने महिला से माफी मांगते हुए राखी तक बंधवा ली, लेकिन भाजपा की ओर से विधायक को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है. महिला का नाम नीतू तेजवानी है, जो रांकपा की नेता बताई जा रही हैं. अब ये बात सामने आ रही है कि थवानी के अनुसार उन्होंने तो बहन की तरह थप्पड़ मारा था, उनका कोई गलत इरादा नहीं था. हालांकि, बहन को एक थप्पड़ मारने और किसी महिला को सरेबाजार गिराकर लात-घूंसे बरसाने में जमीन-आसमान का फर्क है. वीडियो देखकर आपको भी थवानी की मंशा साफ पता चल जाएगी.
लोकसभा चुनाव के दौरान प्रज्ञा ठाकुर समेत कई नेताओं ने विवादित बयान दिए थे. उन सब की वजह से भाजपा की काफी किरकिरी भी हुई थी. इसी के चलते पीएम मोदी ने नवनिर्वाचित सांसदों को नसीहत भी दी थी. मोदी चाहते हैं कि इस तरह की बयानबाजी ना हो, ताकि पार्टी की छवि को नुकसान ना पहुंचे. वैसे भी कांग्रेस की दशकों की सत्ता को हटाकर भाजपा पावर में आई है और ऐसे में अगर नेता विवादित बोल बोलने से बाज नहीं आएंगे, तो आने वाले समय में भाजपा की सत्ता खतरे में पड़ सकती है. खैर, फिलहाल लग नहीं रहा कि पीएम मोदी की बात का कोई असर इन नेताओं पर पड़ रहा है.
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