New

होम -> सियासत

बड़ा आर्टिकल  |  
Updated: 19 जनवरी, 2020 04:47 PM
आईचौक
आईचौक
  @iChowk
  • Total Shares

शुक्रवार की रात को दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने शाहीन बाग में प्रदर्शन (Shaheen Bagh protest) कर रहे लोगों को समझाने के लिए ट्विटर का सहारा लिया. पुलिस ने गुहार लगाई कि 2.5 किलोमीटर की वह सड़क खाली की जाए जो दिल्ली और नोएडा को जोड़ने का काम करती है. बता दें कि ये सड़क करीब महीने भर से बंद है. इससे एक दिन पहले ही एक स्थानीय पुलिसवाले ने शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बात करने की कोशिश की थी, लेकिन वहां पर दिल्ली पुलिस गो बैक के नारे लग गए और उस पुलिसकर्मी को भी वापस आना पड़ा. जहां एक ओर ये प्रोटेस्ट पूरी तरह से वैध है, वहीं दूसरी ओर ये बात सामने आ रही है कि इनक कोई लीडर नहीं है, जिससे मांगों को लेकर चर्चा की जा सके. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि प्रदर्शनकारी इस बात को समझें कि हाईवे ब्लॉक होने की वजह से दिल्ली-एनसीआर के नागरिकों, वरिष्ठ नागरिकों, मरीजों और स्कूल जाने वाले बच्चों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

यहां तक कि अब ये मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया है. इस प्रदर्शन की शुरुआत 15 दिसंबर 2019 की रात को कुछ पुरुषों और करीब 15 महिलाओं के साथ शुरू हुआ था. ये लोग दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के थे, जो नागरिकता कानून (CAA), रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. अब ये प्रदर्शन इतना बड़ा हो चुका है, जितने की किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. यहां तक कि इसका अपना विकीपीडिया पेज तक बन गया है. जमा देने वाली ठंड और ऐसी ठंड में तेज बारिश भी इन प्रदर्शनकारियों को डिगा नहीं पाई. इस प्रदर्शन में हर उम्र की महिलाएं, बच्चे, बूढ़े और जवान सभी शामिल हैं. महिलाएं और बच्चों के इस प्रदर्शन में होने की वजह सोशल मीडिया पर इसे खूब जगह मिल रही है.

Shaheen Bagh protestशाहीन बाग में महिलाएं, बच्चे, बूढ़े, जवान NRC, CAA, NPR के खिलाफ महीने भर से प्रदर्शन कर रहे हैं.

खत्म होता नहीं दिख रहा प्रदर्शन

अभी शाहीन बाग का प्रदर्शन खत्म होता नहीं दिख रहा है. बल्कि हर गुजरते दिन के साथ ये प्रदर्शन और बड़ा ही होता जा रहा है. यहां तक कि प्रदर्शन की जगह पर एक और टेंट लगाने की योजना बनाई जा रही है, क्योंकि वीकेंड पर यहां भीड़ काफी बढ़ जाती है. सड़क के एक तरफ टेंट लगाया है और दूरी तरह ग्रैफिटी पेंट की गई हैं, जिसे भी ब्लॉक किया हुआ है, जिसके चलते पास के अपोलो अस्पताल तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है. यहां इंडिया गेट भी बनाया गया है और लोहे का 25 फुट का भारत का एक नक्शा है, जिसका वजन 2.5 टन है. इस पर लिखा है- 'हम भारत के लोग सीएए, एनआरसी, एपीआर नहीं मानते.' प्रदर्शनकारियों में से एक सयेद सुहैल ने कहा कि 'हम एंबुलेंस को नहीं रोक रहे हैं, लेकिन रोड सबके लिए खुली नहीं है. अगर हम इसे ब्लॉक नहीं करेंगे, तो हमारी तरफ कोई ध्यान तक नहीं देगा.'

Shaheen Bagh protestवीकेंड पर यहां भीड़ इतनी बढ़ जाती है कि दूसरा टेंट लगाने पर विचार हो रहा है.

कुछ दिन की परेशानी कोई मायने नहीं रखती अगर हम इसकी तुलना किसी की नागरिकता छीनने से करें, जो दशकों से यहां रह रहा है. खाना आसपास के किचन से आ रहा है. बुधवार को यहां पंजाब के सिख किसानों ने लंगर का आयोजन किया था. एक दिन बाद दिल्ली का एक अन्य सिख समूह आया, जिसने स्थायी लंगर की व्यवस्था की है. ये लंगर वकील डीएस बिंद्रा की मदद से हो रहा है. बिंद्रा कहते हैं कि ये समर्थन करने का हमारा अपना तरीका है. बता दें कि बिंद्रा हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम से भी जुड़े हुए हैं.

प्रदर्शन की आड़ में राजनीति की कोशिश

दिल्ली में 8 फरवरी को चुनाव होने हैं, ऐसे में इस प्रदर्शन की आड़ में राजनीति भी खूब हो रही है. कई विपक्षी पार्टियों ने इस प्रदर्शन को प्रायोजित बता दिया है. भाजपा के दिल्ली प्रमुख मनोज तिवारी ने कहा है कि ये प्रदर्शन आम आदमी पार्टी और कांग्रेस द्वारा प्रायोजित है. वह लोग अराजकता फैलाने में भरोसा रखते हैं. हालांकि, प्रदर्शनकारियों का दावा है कि कई नेता वहां गए, लेकिन किसी को भी इस प्रदर्शन को हाईजैक नहीं करने दिया गया है. बता दें कि यहां कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद, किरन वालिया और आसिफ मोहम्मद खान के साथ-साथ आम आदमी पार्टी के अमानतुल्ला खान भी आ चुके हैं. अमानतुल्ला खां ने कहा कि मैं रैलियों और रोड शो का हिस्सा नहीं बनूंगा. मैं सिर्फ लोगों से गुजारिश करता हूं कि वह घरों से बाहर आएं और भारी संख्या में वोट दें. बता दें कि स्वरा भास्कर और मोहम्मद जीशान अय्यूब जैसे बॉलीवुड स्टार भी यहां आ चुके हैं.

Shaheen Bagh protestसड़क के एक तरफ टेंट है और दूसरी तरफ की रोड़ पर ग्रैफिटी बनाए हुए हैं.

महिलाएं सबसे आगे

इस प्रदर्शन की खास बात ये है कि इसमें महिलाएं आगे हैं. 22 साल की रहीमा एक जर्मन लैंग्वेज सीख रही स्टूडेंट हैं. वह मूलचंद एरिया में रहती हैं, जो सुबह 7 बजे आ जाती हैं और रात को 11 बजे जाती हैं. 20 साल की जरीन पूर्वी दिल्ली के खुरेजी में रहती हैं, जहां शाहीन बाग जैसा ही एक अन्य प्रदर्शन हो रहा है. वह कहती हैं- भाजपा प्रवक्ता के ट्वीट पर मुझे शर्मिंदगी महसूस हुई कि शाहीन बाग में प्रदर्शन पर बैठी महिलाओं ने 500-500 रुपए रिश्वत ली है. नेताओं को ऐसे आधारहीन आरोप लगाने से पहले सोचना चाहिए. टेंट के अंदर महिलाओं का एक समूह स्टेज पर बोल रहे लोगों की बात सुन रहा है, तो दूसरा ग्रुप ऊन की टोपियां बनाने में व्यस्त है. सरवारी (75), बिल्किस (82) और नूर निशा (75) को शाहीन बाग की दादियों के नाम से जाना जाता है, जो स्टेज के पास एक छोटे से पोडियम पर बैठकर इंटरव्यू देती हैं.

5 बच्चों की मां (जिसमें एक 7 महीना का बच्चा भी है) 32 साल की शबीना कहती हैं- हमें आरोपों से कोई फर्क नहीं पड़ता. हम सच जानते हैं और ये भी जानते हैं कि ये झूठ क्यों फैलाए जा रहे हैं. हम अपना प्रदर्शन तब तक जारी रखेंगे, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती हैं. 40 साल की शहनाज भी इस प्रदर्शन का हिस्सा हैं, जो जामिया नगर में रहती हैं. वह यहां 15 दिसंबर से ही प्रदर्शन में शामिल हो रही हैं. जब उनसे पूछा गया कि इससे लोगों को दिक्कत हो रही है तो उन्होंने कहा कि ये पुलिस है, जिसने हर जगह बैरिकेड्स लगाए हुए हैं.

Shaheen Bagh protestशाहीन बाग के प्रदर्शन की खास बात ये है कि इसमें महिलाएं सबसे आगे हैं.

रोड ब्लॉक

15 दिसंबर, जिस दिन से ये प्रदर्शन शुरू हुआ है, उस दिन से ही कालिंदी कुंज ब्रिज और शाहीन बाग के बीच की सड़क को दिल्ली पुलिस ने बंद कर दिया है. ओखला बर्ड सेंचुरी, मेट्रो स्टेशन के राउंडअबाउट पर, कालिंदी कुंज ब्रिज, आम्रपाली रोड, जीडी बिरला मार्ग, विश्वजी सड़क और अपोलो अस्पताल के पास बैरिकेडिंग लगा दी गई है. इसका नतीजा ये हुआ है कि अपोलो अस्पताल से नोएडा, फरीदाबाद से नोएडा और नोएडा से सरिता विहार जाने वालों को डायवर्जन से होकर गुजरना पड़ रहा है. डीएनडी फ्लाईवे, मथुरा रोड, अक्षरधाम रोड आने जाने वालों के लिए वैकल्पिक मार्ग बन गए हैं, जो सुबह-शाम में पीक आवर के दौरान खचाखच भर जाते हैं और जाम की स्थिति पैदा हो जाती है.

फरीदाबाद और नोएडा को जोड़ने वाली बसों को भी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. वह शाहीन बाग से होकर नहीं गुजर पा रही हैं. ओखला बर्ड सेंचुरी पर भारी भीड़ देखी जा सकती है, क्योंकि शाही बाग की वजह से बंद रोड से बचने के लिए बहुत से लोग मेट्रो का सहारा ले रहे हैं. बहुत से लोगों ने कहा है कि वह रोज इतनी लंबी दूरी तय कर-कर के और पैसे खर्चते-खर्चते थक चुके हैं. दिल्ली पुलिस का मानना है कि आश्रम वाली रोड बंद होने से सबसे अधिक दिक्कत हो रही है, जहां से पीक आवर्स में रोजाना करीब 3.5 लाख गाड़ियां गुजरती हैं.

Shaheen Bagh protestइस प्रदर्शन की वजह से पीक आवर्स में आस-पास की वैकल्पिक सड़कों पर भारी जाम लग जाता है.

कारोबार को नुकसान

टेंट के एक तरफ फैक्ट्री आउटलेट्स की लाइन है, जहां पर डिस्काउंट के साथ ब्रांडेड कपड़े बिकते हैं. लेकिन 15 दिसंबर से ही ये दुकानें बंद पड़ी हैं. एक अनुमान के मुताबिक अब तक करीब 1000 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. वहां कपड़े की दुकान चलाने वाले आकाश अरोड़ा कहते हैं- करीब महीने भर हो चुके हैं और दुकानें बंद पड़ी हैं. हम करीब 1.5 लाख रुपए रेंट देते हैं और कमजोर अर्थव्यवस्था के इस दौर में हम भी मंदी झेल रहे हैं. मुझे नहीं पता कि ये प्रदर्शन कब खत्म होगा और कब हम दोबारा काम शुरू कर सकेंगे.

बहुत से दुकान के मालिकों ने दुकानदारों का रेंट भी माफ कर दिया है. 12 जनवरी को सरिता विहार के सैकड़ों स्थानीय लोग, जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं, उन्होंने रोड बंद करने के खिलाफ मोर्चा भी निकाला. उनका कहना था कि इसकी वजह से बच्चों के स्कूल भेजना और वापस लाना भी मुश्किल हो रहा है. दक्षिण पूर्वी इलाके के ज्वाइंट पुलिस कश्मीर देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने कहा- हम प्रदर्शनकारियों से बात करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि जल्द से जल्द इस प्रदर्शन को खत्म किया जा सके या फिर इसका स्थान बदला जा सके, ताकि आने-जाने वालों, दुकानवालों, स्कूली बच्चों और एंबुलेंस को आने जाने में दिक्कत ना हो.

Shaheen Bagh protestप्रदर्शन स्थल के आस-पास के कारोबारियों को महीने भर में करीब 1000 करोड़ का नुकसान हो चुका है.

अब आगे क्या?

मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से इस मामले को जनता के हित में जल्द से जल्द सुलझाने और कानून-व्यवस्था लागू करने के लिए कहा है. यह फैसला उस याचिका के बाद लिया गया है, जिसमें कहा है कि इस प्रदर्शन की वजह से बच्चों को स्कूल के लिए करीब 2 घंटे पहले निकलना पड़ रहा है. याचिका में दावा किया गया है कि अथॉरिटी भी यूपी, दिल्ली और हरियाणा के लोगों के आने-जाने की सुविधा के लिए कुछ नहीं कर पा रही है. शुक्रवार को दोबारा कोर्ट ने पुलिस से इस मामले को सुलझाने के लिए कहा है. पुलिस के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को हटाना बहुत ही मुश्किल हो गया है. हम किसी भी तरह का बल इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं, वरना कानून-व्यवस्था की दिक्कत पैदा हो जाएगी, खासकर गणतंत्र दिवस और दिल्ली चुनाव के बीच.

एक अन्य अधिकारी ने कहा- इस प्रदर्शन का कोई नेता नहीं है, जिससे हम बात कर के इस प्रदर्शन को खत्म करने या कहीं और शिफ्ट करने की बात कर सकें. स्वराज इंडिया के प्रेसिडेंट योगेंद्र यादव इस प्रदर्शन का समर्थन कर रहे हैं और उन्होंने कहा है कि प्रदर्शनकारी लोगों को हो रही दिक्कतों को सुलझाने का तरीका ढूंढ रहे हैं. उन्होंने मुझसे कहा है कि वह आने-जाने वालों के लिए रास्ता देने पर विचार कर रहे हैं. वह इस बात को भी ध्यान में रख रहे हैं कि उनकी वजह से दुकानवालों का नुकसान हो रहा है और वह इस समस्या का हल निकालने में लगे हुए हैं.

(इंडिया टुडे की पत्रकार छयनिका निगम और गुलाम जिलानी की रिपोर्ट.)

ये भी पढ़ें-

Ramchandra Guha राहुल गांधी को टारगेट कर अपनी मोदी-विरोधी छवि बदल रहे हैं!

Sonia Gandhi के लिए Delhi election ही सबसे बड़ा चैलेंज क्यों है, जानिए...

NIA-विरोधी Rahul Gandhi के निशाने पर मोदी नहीं, 'मोदी' हैं

लेखक

आईचौक आईचौक @ichowk

इंडिया टुडे ग्रुप का ऑनलाइन ओपिनियन प्लेटफॉर्म.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय