Shaheen Bagh ने जैसे protest किया, वैसे vote वोट दिया
Delhi Assembly Election 2020 में ओखला (Okhla) विधानसभा सीट शाहीन बाग़ (Shaheen Bagh) और जामिया (Jamia) के कारण चर्चा में आई है. ध्यान रहे कि यहां धरना (Protest) जारी है और चूंकि यहां लोग जत्थों में आते हैं तो वोटिंग (Voting) के दौरान भी ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है.
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शाहीन बाग (Shaheen Bagh) में नागरिकता कानून (CAA) को लेकर करीब 2 महीनों से विरोध प्रदर्शन (Protest) चल रहा है. दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election) में तो शाहीन बाग और जामिया (Jamia) ज्वलंत मुद्दे हैं, जिन्हें हर राजनीतिक पार्टी भुनाने पर तुली है. शाहीन बाग का प्रदर्शन मोदी सरकार के खिलाफ है तो भाजपा (BJP) के नेता भी सीधे-सीधे ये कहते नजर आ रहे हैं कि शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन करने वाले गद्दार हैं. अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur Controversial Statement) ने तो इन्हें गोली तक मार देने के नारे लगवा दिए हैं. प्रवेश वर्मा (Pravesh Verma Controversial Statement) ने कह दिया है कि ये लोग दिल्ली वालों के घरों में घुसकर मां-बहन का रेप करेंगे और हत्या कर देंगे. शाहीन बाग का विरोध प्रदर्शन शुरू तो हुआ था नागरिकता कानून के खिलाफ, लेकिन अब उसे हिंदू-मुस्लिम के चश्मे से देखा जाने लगा है. ऐसे में हर कोई ये जानना चाह रहा है कि शाहीन बाग का वोटर क्या सोच रहा है और किसे जिताना चाह रहा है.
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जैसा नजारा शाहीन बाग के प्रदर्शन स्थल पर है, कुछ वैसा ही नजारा पोलिंग बूथ पर भी दिख रहा है.
ओखला विधानसभा सीट शाहीन बाग़ और जामिया के कारण चर्चा में आई है. तो इन दोनों ही स्थानों पर वोटिंग किस तरह से हो रही है ये देखना भी दिलचस्प है. ध्यान रहे कि यहां धरना जारी है और चूंकि यहां लोग जत्थों में आते हैं तो वोटिंग के दौरान भी ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है. महिलाएं और छात्र वोट डालने जा रहे हैं और उनके बदले में दूसरे लोग आकर बैठ रहे हैं और भीड़ बनी हुई है. यहां मंच से लगातार ये ऐलान किया जा रहा है कि लोग ज्यादा से ज्यादा संख्या में वोट करने निकलें.
धरने में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने अबुल फ़ज़ल एनक्लेव से शाहीनबाग़ पहुंची असमा सिद्दीक़ी से जब हमने बात की तो उन्होंने भी बड़े ही नपे तुले अंदाज में अपनी बातें रखीं. असमा के अनुसार अगर आज हमने अपने अधिकारों का इस्तेमाल नहीं किया तो कल की तारीख में हमारे पास बचाने के लिए कुछ भी नहीं रहेगा.
वहीं जामिया हमदर्द से बी-फार्मा कर रहीं समरीन खान के मामले को लेकर अलग तर्क हैं. समरीन का कहना है कि आखिर कब तक मुसलमान इस देश में अपनी वफादारी साबित करेंगे. कब तक उन्हें गद्दार और देशद्रोही का टैग लेकर अपने साथ घूमना होगा.
असमा और समरीन के अलावा धरनास्थल पर ही हमारी मुलाकात नौशीन से हुई. नौशीन मोदी सरकार से तो ख़फ़ा हैं ही साथ ही उन्होंने कांग्रेस समेत आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा है. नौशीन का कहना है कि जितने भी राजनीतिक दल है वो सीएए और एनआरसी को लेकर मुसलमानों के कंधे पर बंदूक रखकर अपनी सुचिता और सुविधा के हिसाब से फायर कर रहे हैं. नौशीन का मानना है कि दल केवल और केवल मुसलमानों को बेवकूफ बना रहे हैं.
शाहीनबाग़ की संकरी गलियों में जिस तरह महिलाएं वोट डालने के लिए अपने घरों से निकल रही हैं और जो भीड़ हमें पोलिंग बूथ्स पर नजर आ रही है इस बात की पुष्टि हो जाती है कि वाक़ई पूरी दिल्ली का चुनाव एक तरफ और ओखला विधानसभा सीट का चुनाव एक तरफ है.
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