इमरान का अगला मुकाबला न जरदारी से है, न नवाज से, बल्कि अफरीदी से है...
कश्मीर पर एक बार फिर बयान देकर विवादों में आए शाहिद अफरीदी जिस तरह एक के बाद एक बयान दे रहे हैं साफ है कि जल्द ही वो राजनीति में आ सकते हैं और वर्तमान पीएम इमरान खान की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं.
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शाहिद अफरीदी पाकिस्तानी क्रिकेटर हैं और इमरान खान को देखते हुए इस बात को भली प्रकार समझ चुके हैं कि जब क्रिकेट से कुछ खास न हासिल हो रहा हो. फौरन राजनीति का रुख कर देना चाहिए. बात पाकिस्तान की राजनीति पर हो रही है और पाकिस्तान की पॉलिटिक्स बिना कश्मीर के अधूरी है. कश्मीर को लेकर एक बार फिर शाहिद अफरीदी ने बयान दिया है और एक बड़ा विवाद हो गया है. लंदन में ब्रिटिश संसद में छात्रों को संबोधित करते हुए अफरीदी ने कहा है कि,'पाकिस्तान को कश्मीर नहीं चाहिए. पाकिस्तान से खुद के चार सूबे नहीं सभल रहे.'
कश्मीर के विषय पर बोलकर एक बार फिर शाहिद अफरीदी सुर्ख़ियों में आ गए हैं
इंटरनेट पर एक वीडियो बहुत तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में अफरीदी को ये कहते हुए आसानी से सुना जा सकता है, 'मैं कहता हूं पाकिस्तान को कश्मीर नहीं चाहिए. और इसे भारत को भी मत दो. कश्मीर को एक आजाद मुल्क रहने दो. कम से कम इंसानियत तो जिंदा रहेगी. लोग नहीं मरेंगे. पाकिस्तान को कश्मीर नहीं चाहिए. पाकिस्तान खुद के चार सूबे नहीं संभाल पाता. सबसे बड़ी चीज इंसानियत है. लोग वहां मर रहे हैं, यह बहुत तकलीफ देता है. मरने वाला किसी भी समुदाय से ताल्लुक रखे, लेकिन यह दुखदायी है.'
"Pakistan doesn't want Kashmir.. Pakistan can't even manage its four provinces..." Expect all hell to break loose on Shahid Afridi's comment. pic.twitter.com/I3MZiUyVlu
— Naila Inayat (@nailainayat) November 14, 2018
वायरल हो रहे इस वीडियो में अफरीदी की बात सुनते हुए हमारे लिए ये कहना कहीं से भी गलत नहीं है कि जल्द ही शाहिद अफरीदी पाकिस्तान की सक्रिय राजनीति में अपनी लॉन्चिंग कर सकते हैं. कल्पना करके देखिये. यदि ऐसा हो गया तो शायद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान वो पहले व्यक्ति होंगे जिनकी मुश्किलें अफरीदी बढाएँगे.
पाकिस्तान की राजनीति में शाहिद अफरीदी का अंदाज देखते हुए हमारे लिए ये कहना अतिश्योक्ति न होगा कि, आने वाले वक़्त में इमरान खान का अगला मुकाबला न तो पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से है और न ही आसिफ अली जरदारी से. बल्कि उनकी सीधी टक्कर शाहिद अफरीदी से होगी.
Thank u Karachi #HopeNotOut pic.twitter.com/aaVy8J9Eoj
— Shahid Afridi (@SAfridiOfficial) November 10, 2018
बिल्कुल सही सुन रहे हैं आप. ये कोई पहला मौका नहीं है जब शाहिद ने ऐसा बयान दिया है. अप्रैल 2018 में ही शाहिद भारतीय सेना द्वारा आतंकियों के मारे जाने को लेकर आहत हुए थे और आतंकियों के प्रति अपनी हमदर्दी जताई थी. अफरीदी ने ट्वीट कर कश्मीर की स्थिति को बेचैन करने वाला बताया है और यूएन के अलावा दूसरे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के रवैये पर भी सवाल खड़े किये हैं.
अपने उस ट्वीट में अफरीदी ने कहा था कि, 'भारत के कब्जे वाले कश्मीर में दुखद और चिंताजनक हालात हैं, वहां पर दमनकारी सत्ता द्वारा बेगुनाहों को मारा जा रहा है. इसका मकसद आत्म निर्णय और आजादी की आवाज को कुचलना है, आश्चर्य होता है कि यूएन और दूसरी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं कहां हैं और वे संस्थाएं इस खून-खराबे को रोकने के लिए कोई कोशिश क्यों नहीं कर रही है?'
Appalling and worrisome situation ongoing in the Indian Occupied Kashmir.Innocents being shot down by oppressive regime to clamp voice of self determination & independence. Wonder where is the @UN & other int bodies & why aren't they making efforts to stop this bloodshed?
— Shahid Afridi (@SAfridiOfficial) April 3, 2018
खेल से लेकर तरह तरह के मुद्दों पर बयान देने वाले शाहिद अफरीदी के रेवैये का यदि अवलोकन किया जाए तो मिलता है कि, जहां एक तरफ वो बहुत महत्वकांशी हैं. तो वहीं ऐसी बहुत सी बातें हैं जो बताती हैं कि इनमें और इमरान खान में बहुत समानताएं हैं. आइये नजर डालें कि क्या क्या समान है शाहिद और इमरान में जो खुद इमरान को बड़ी मुसीबत में डाल सकता है.
शाहिद अफरीदी और इमरान खान में ऐसा बहुत है जो एक दूसरे से मिलता जुलता है
दोनों ही ऑल-राउंडर हैं
चूंकि दोनों ही खिलाड़ी हैं तो बात खेल से शुरू करना सही रहेगा. शाहिद और इमरान दोनों ही की ये खासियत रही है कि जब भी पाकिस्तान की टीम ने खेल के मैदान में दुश्वारियों का सामना किया है तो चाहे आतिशी बैटिंग के दम पर हो या फिर सधी हुई बॉलिंग के बल पर इन दोनों ने ही अपने-अपने योगदान से अपनी टीम का बेड़ा पार किया है. आज पाकिस्तान में ऐसा कोई ऑल-राउंडर नहीं है जो अपने प्रदर्शन से हारती हुई टीम को जिता सके. ये तो बात हो गई खेल के मैदान की. बाहर भी दोनों ऑल-राउंडर ही हैं. चाहे लव लाइफ रही हो या फिर अफेयर्स की तादाद आज भी दोनों का मुकाबला शायद ही कोई पाकिस्तान में कर पाए.
चैरिटी से लेकर फैन फॉलोइंग तक दोनों हैं एक जैसे
जिस तरह इमरान चैरिटी के लिए जाने जाते हैं ठीक वैसे ही शाहिद अफरीदी को भी उनकी चैरिटी के कारण पाकिस्तान के एक बड़े वर्ग द्वारा पसंद किया जाता है. आज पाकिस्तान में इमरान के कई एनजीओ हैं जो स्वास्थ्य से लेकर शिक्षा तक लोगों की मदद कर रहे हैं. ऐसे ही शाहिद भी हैं जो लगातार अपने प्रयासों से पाकिस्तान के गरीब तबके की मदद कर रहे हैं. अतः कहना गलत नहीं है कि इमरान और शाहिद का स्वाभाव वो एक बड़ी वजह है जिसके चलते इन्हें पाकिस्तान में हाथों हाथ किया जाता है और दोनों ही जबरदस्त फैन फॉलोइंग है.
दोनों पठान हैं
खैबर पख्तूनख्वा से लेकर कराची और पेशावर से लेकर लाहौर तक इमरान को पंसद किया जाता है. बात अगर लोगों द्वारा इन्हें पसंद किये जाने कि बड़ी वजहों की हो तो इनका पठान होना एक बड़ा ही प्रभावी कारक रहा है. ऐसा ही मिलता जुलता मामला शाहिद अफरीदी का रहा है. पठान होने के चलते इन्हें भी लोग खूब पसंद करते हैं. यदि इन बातों को पाकिस्तान की राजनीति के अंतर्गत देखें तो पाकिस्तान की एक बड़ी आबादी ऐसी है जो पठान है अतः पाकिस्तान में किसी भी नेता की जीत या हार पर 'पठान फैक्टर' एक महत्वपूर्ण रोल अदा करता है.
ये वो कुछ बातें हैं जो बता रही है कि शाहिद, इमरान से मिलते जुलते हैं और अगर ये राजनीति में सक्रिय रूप से आ जाते हैं तो इमरान को सीधी टक्कर देकर उनकी रातों की नींद और दिन का चैन हराम करेंगे.
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