सरहद की निगेहबानी कर दुश्मन के मंसूबों पर पानी फेरेंगी 'स्मार्ट फेंस'
अब भारत स्मार्ट फेंसिंग के जरिये पाकिस्तान की नापाक हरकत को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए बिलकुल तैयार हैं. यह अदृ्श्य पहरेदार भारत-पाक सीमा की निगहबानी करेंगे.
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देश में पहली बार स्मार्ट फेंसिंग लगाई गई हैं. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू क्षेत्र में पाकिस्तान से लगी सीमा पर 5-5 किलोमीटर के दो क्षेत्रों में 'स्मार्ट फेंस' पायलट परियोजना का उद्घाटन किया. पठानकोट हमले के बाद अप्रैल 2016 में पूर्व केंद्रीय गृह सचिव मधुकर गुप्ता की अध्यक्षता में गृह मंत्रालय द्वारा कमेटी का गठन किया गया था. इस कमेटी ने सीमा पार से आतंकी घुसपैठ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था में तकनीकी जरूरतों का प्रस्ताव रखा था. उड़ी आतंकी हमले के बाद इसको हरी झंडी प्रदान की गयी थी.
गृहमंत्री राजनाथ सिंह नेस्मार्ट फेंसिंग प्रोजेक्ट की शुरुआत की
इस स्मार्ट फेंसिंग दीवार को पार करना आतंकियों और घुसपैठियों के लिए असंभव है. पाकिस्तान को आतंकियों का गढ़ माना जाता है. अमेरिका से लेकर तमाम बड़े देश पाकिस्तान को आतंकी गतिविधियों को लगाम देने के लिए सख्त हिदायत दे चुके हैं. लेकिन पाकिस्तान के कान में जूं तक नहीं रेंगती है. अब स्मार्ट फेंसिंग के जरिए पाकिस्तान पोषित आतंकियों और घुसपैठियों पर लगाम लग सकती है. अब भारत स्मार्ट फेंसिंग के जरिये पाकिस्तान की नापाक हरकत को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए बिलकुल तैयार हैं. यह अदृ्श्य पहरेदार भारत-पाक सीमा की निगहबानी करेंगे.
Border fencing through #CIBMS will help in reducing the number of casualties in security forces & also reduce the stress level in our forces. We'll introduce this technology across 2026 km of the border which is considered vulnerable: Home Minister @rajnathsingh #RajnathSingh pic.twitter.com/S7gHcUiu1L
— PIB India (@PIB_India) September 17, 2018
स्मार्ट फेंसिंग की सारी टेक्नोलॉजी कंप्रीहेंसिव इंटीग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम के तहत संचालित होगी. इसके अंतर्गत एक अदृश्य दीवार रहेगी, जो सरहद की निगरानी करेगी और हवा, जमीन और पानी तीनों जगहों में घुसपैठ की साजिश को नाकाम करेगी. जमीन पर ऑप्टिकल फाइबर सिस्टम, पानी के रास्तों में सेंसर युक्त सोनार सिस्टम और हवा में हाई रेजोल्यूशन कैमरा व एयरोस्टेट कैमरा दुश्मन की हर चाल पर नजर रखेंगे. ये सारे सिस्टम यूनीफाइड कंट्रोल रूम से जुड़े होंगे और कोई भी विपत्ति आने पर स्पेशल टीम को सचेत कर देगी और जिससे तुरंत दुश्मन के मंसूबों पर पानी फिर जायेगा.
विश्व के कई देश इस सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं
इजरायल ने जोर्डन से लगी सीमा में घुसपैठ रोकने के लिए स्मार्ट फेंसिंग टेक्नोलॉजी इस्तेमाल किया है. 2015 में इजरायल ने स्मार्ट फैंसिंग प्रोजेक्ट को इस्तेमाल करने की इजाजत दी थी. इसके अलावा इजरायल ने गाजा पट्टी से लाल सागर तक करीब 200 किलोमीटर के क्षेत्र में ऊंची दीवार बनाई है जिसमें कई तरह के सेंसर्स लगे हैं और जैसे ही कोई उसे छूने की कोशिश करता है, रोबो गार्ड सक्रिय हो जाते हैं और दुश्मन का खत्मा आसानी से कर पाते हैं.
ये है इजरायल की स्मार्ट फेंसिंग
अमेरिका ने भी मेक्सिको से लगी अपनी सीमा पर अवैध घुसपैठ रोकने के लिए स्मार्ट फेंसिंग लगाने का फैसला 2017 में किया था. इन देशों के अलावा सऊदी अरब, मोरक्को, बुल्गाउरिया, हंगरी आदि देशों ने भी घुसपैठ को रोकने के लिए स्मार्ट फेंसिंग तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं.
भारत के लिए क्यों जरुरी
भारत से सटी पाकिस्तान की सीमा देश के चार राज्यों से गुजरती है. सबसे ज्यादा जम्मू-कश्मीर में ये 1225 किमी लंबी है, जिसमें एलओसी भी शामिल है. राजस्थान में 1037 किमी, पंजाब और गुजरात में ये सीमा 553 और 508 किमी लंबी है. पाकिस्तान से भारत में आतंकियों की घुसपैठ की समस्या के कारण देश को कई आतंकी अंजामों को झेलना पड़ा है. जम्मू और कश्मीर सीमा से सटे पाकिस्तान बॉर्डर से इस साल जून 2018 तक भारत में आतंकवादियों द्वारा 133 घुसपैठ की कोशिश की गयी और जिसमें 69 आतंकवादी कामयाब भी हुए हैं. 2017 में 406 घुसपैठ के मामले सामने आये थे और जिसमें 123 आतंकवादी कश्मीर की घाटी में दाखिल हुए थे. साफ है कि आतंकियों की घुसपैठ भारत के लिए एक भारी सरदर्द है और स्मार्ट फेंसिंग इसे रोकने के लिए भारत के लिए एक मददगार टूल साबित होगा.
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