गणपति के लिए रूबी को धमकी देने वाले मौलाना दोगले हैं, कारण एक या दो नहीं, बल्कि कई हैं!
यूपी के अलीगढ़ से भारतीय जनता पार्टी की नेता रूबी खान ने दावा किया है कि, उन्हें अपने घर में भगवान गणेश की पूजा करने के लिए मौलानाओं से धमकियां मिल रही हैं. सवाल ये है कि मौलानाओं का रवैया तब क्यों बदल जाता है जब वो किसी हिंदू को रमजान के महीने में रोजा रखते हुए देखते है.
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यूपी के अलीगढ़ से भाजपा की नेता रूबी खान सुर्ख़ियों में है. रूबी को जान से मारने की धमकी मिली है. रूबी को धमकी अपने को इस्लाम का ठेकेदार कहने वाले मौलानाओं ने दी है. कारण? रूबी का अपने घर पर भगवान गणेश की मूर्ति लाना उसकी स्थापना और पूजा करना. ये कोई पहली बार नहीं है कि रूबी यूं इस तरह सुर्खियां बटोरने में कामयाब हुई हैं. इससे पहले अलीगढ़ और आसपास में रूबी ने चर्चा का बाजार उस वक़्त गर्म किया था जब उन्होंने अपने घर पर भगवान राम की मूर्ति रखकर उसकी पूजा की थी. तब भी रूबी के खिलाफ धर्म के ठेकेदार मौलानाओं ने फतवा जारी किया था और अपनी कट्टरता का परिचय देते हुए उनके खिलाफ तमाम तरह की अनर्गल बातें की थीं.
चूंकि गणेश की मूर्ति रखने के कारण रूबी को इस बार जान गंवाने की धमकी मिली है इसपर उन्होंने अपने मन की बात की है. रूबी ने कहा है कि मुसलमान होने के बावजूद जिस तरह उन्होंने अपने घर पर गणेश की मूर्ति की स्थापना और पूजा की है उसने उनके समाज के कुछ लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत कर दिया है. तर्क ये दिया गया है कि वह गैर धर्म के रीति-रिवाजों का पालन कर रही हैं. रूबी का मानना है कि वह किसी से डरने वाली नहीं है उन्ही उस पहल में उनके पति भी साथ हैं.
अलीगढ की रूबी खान ने बहुत ही बेबाकी से कहा है कि गणपति की पूजा करने के बावजूद उन्हें किसी का खौफ नहीं है
रूबी खान के मुताबिक, मैंने अपने घर गणपति बप्पा की स्थापना की है. वो अगले 7 दिन तक यहां रहेंगे और बाद में हम पूरी श्रद्धा से उनको विसर्जित करेंगे.
UP | I've established the idol of Lord Ganesha in my house for 7 days & will immerse it with due diligence. Even after the foundation stone of the Ram temple was laid, I had worshipped in my house after which a fatwa was issued against me: BJP leader Ruby Asif Khan, Meerut, (4.9) pic.twitter.com/YZZwE8MOd0
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 5, 2022
रूबी का ये भी मानना है कि, वो तमाम लोग, जो घर में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करने के कारण उनके पीछे पड़े हैं. और उनके विषय में किस्म किस्म की बेबुनियाद बातें कर रहे हैं, किसी भी सूरत में सच्चे मुसलमान नहीं हैं.
तमाम तरह की धमकियों के बावजूद अगर रूबी अपनी जिद पर अड़ी हैं. तो ये यूं ही नहीं है. इसके पीछे आस्था और विश्वास का संगम है, रूबी के अनुसार करीब डेढ़ साल पहले उनके बेटे की तबीयत खराब हुई तो मंदिर जाकर उन्होंने दुआ पढ़ी थी. तब से वो भगवान को मानने लगी हैं और समय समय पर पूजा पाठ करती रही हैं. उनके परिवार के लोगों को इससे समस्या नहीं है, वो पूजा करना जारी रखेंगी.
हो सकता है कि उपरोक्त बातों को जानने के बाद कुछ चुनिंदा मुस्लिम रूबी को भटका हुआ बता दें. ऐसे में ये बता देना जरूरी हो जाता है कि रूबी पांच वक्ता नमाजी हैं और उन्हें जितनी आस्था भगवान गणेश और भगवान राम पर है उतना ही यकीन वो ख़ुदा पर करती हैं.वाक़ई ये देखना अजीब है कि मौलाना और इस्लाम परस्त लॉबी एक महिला को सिर्फ इसलिए मारना चाहती है क्योंकि उसने वो किया जो उनकी विचारधारा के अनुरूप है.
सवाल ये है कि क्या मौलानाओं का यही रवैया तब भी रहता जब कोई हिंदू रमजान के पवित्र में अपनी आस्था या विश्वास का हवाला देकर रोजे रखता? जवाब है नहीं. तब यही मौलाना रमजान में रोजे रखने वाले किसी हिंदू को मानवता की मिसाल और हिंदू मुस्लिम एकता का मजबूत सिपाही बताते वाह, माशाअल्लाह, बहुत खूब जैसे विशेषणों से नवाजते उनके लिए दुआएं करते.
प्रश्न ये है कि आखिर तब इन मौलानाओं की भावना क्यों नहीं आहत हुई जब इन्होने किसी हिंदू को रोजे रखते या फिर किसी दरगाह पर माथा टेकते या चादर चढाते देखा. यदि इनकी भावना एक मुस्लिम महिला को गणपति की पूजा करते हुए देखकर आहत हो रही है तो यही भावना तब भी आहत होनी चाहिए जब ये किसी हिंदू को मस्जिद या मजार पर जाते और चादर चढ़ाते माथा टेकते देखें.
विषय बहुत सीधा है कौमी एकता की बातें एक तरफ़ा अच्छी नहीं लगती. बाकी जैसा रवैया मौलानाओं का रूबी खान जैसे लोगों के लिए है, उसे और कुछ नहीं सिर्फ और सिर्फ दोगलापन की कहा जाएगा. अंत में कहकर अपनी बातों को विराम देंगे कि गणपति की पूजा करके रूबी ने कुछ गलत नहीं किया है. मामले में अच्छी बात ये रही कि गणपति के कारणवश मौलाना का दोहरा चरित्र एक बार फिर हमारे सामने आ गया है.
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