कुमारस्वामी का ये फैसला दिखाता है कि कर्नाटक में कांग्रेस मजबूत नहीं 'मजबूर' है !
जब दो अलग-अलग डिग्रियां दिखाने को लेकर स्मृति ईरानी की डिग्री पर सवाल उठे थे तो कांग्रेस ने जोर-शोर से विरोध किया था. मामला कोर्ट तक ले गए थे. लेकिन अब कर्नाटक में उनकी नाक के नीचे जो हो रहा, कुछ बोल नहीं पा रहे हैं.
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जब स्मृति ईरानी की डिग्री का मामला सामने आया था, तो पूरी कांग्रेस ने उन पर धावा बोल दिया था. इससे पहले कि ईरानी संभल पातीं, उन पर एक के बाद एक कई निशाने साधे गए. लेकिन अब कांग्रेस की गठबंधन वाली सरकार में ही एक 8वीं पास को उच्च शिक्षा विभाग दे दिया गया है. इस समय मानो पूरे कांग्रेस के नेताओं की घिग्घी बंध गई हो. न तो राहुल गांधी इस पर कुछ बोल रहे हैं ना ही कांग्रेस का कोई अन्य नेता. हां जेडीएस के अध्यक्ष और कर्नाटक के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने जरूर अपनी बात कही है, लेकिन उन्होंने भी कोई विरोध नहीं किया, बल्कि अपने मंत्री का बचाव किया है. इसी से आप समझ सकते हैं कि कर्नाटक में कांग्रेस मजबूत है या फिर मजबूर.
राहुल गांधी ने साध ली है चुप्पी
जब दो अलग-अलग डिग्रियां दिखाने को लेकर स्मृति ईरानी की डिग्री पर सवाल उठे थे तो कांग्रेस ने जोर-शोर से उन्हें मानव संसाधन मंत्रालय दिए जाने का विरोध किया था. आपको बता दें कि उन्होंने एक चुनाव शपथपत्र में दिल्ली विश्वविद्यालय से साल 1996 में कला स्नातक होने की बात कही थी. वहीं दूसरे शपथ पत्र में उन्होंने 1994 में दिल्ली के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग से बीकॉम पार्ट वन की परीक्षा पास होने जानकारी दी. कांग्रेस तो ये मामला लेकर कोर्ट तक जा पहुंचा था, लेकिन इस बार मामला घर का है, तो राहुल गांधी ने चुप्पी साध ली है.
आज नहीं तो कल सही, सफाई तो देनी पड़ेगी
कर्नाटक सरकार में उच्च शिक्षा विभाग जीटी देवगौड़ा को दिया गया है. विवाद इस बात को लेकर शुरू हुआ है कि जीटी देवगौड़ा खुद महज 8वीं पास हैं और उन्हें उच्च शिक्षा विभाग का प्रमुख कैसे बना दिया गया है? यहां आपको बताते चलें कि जीटी देवगौड़ा ने कर्नाटक चुनाव में मैसूर की चामुंडेश्वरी विधानसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को हराया है. यह भी कहा जा रहा है कि जीटी देवगौड़ा सरकार से खफा हैं, क्योंकि उन्हें उच्च शिक्षा विभाग दे दिया गया, जबकि वह सिर्फ 8वीं पास हैं. इस मामले में कांग्रेस को हस्तक्षेप करना चाहिए था और उच्च शिक्षा के विभाग को किसी अन्य नेता को देना चाहिए था. आज भले ही कांग्रेस ने इस पर चुप्पी साधी है, लेकिन कल विपक्ष पूरे दम से हमला बोलेगा और तब खुद राहुल गांधी को सफाई देनी पड़ेगी.
अपने मंत्री को बचा रहे कुमारस्वामी
जैसा कि आम बात है, हर कोई अपने मंत्री को बचाने की कोशिश करता है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कहा है- 'मैंने क्या पढ़ाई की है, लेकिन मैं कर्नाटक का मुख्यमंत्री हूं. क्या मुझे वित्त मंत्रालय दिया जाना चाहिए?'. आपको बता दें कि कुमारस्वामी बीएससी पास हैं.
कुमारस्वामी भले ही कैसे भी तर्क दें और राहुल गांधी भले ही कुछ ना बोलें, लेकिन जो सच है वो बदलेगा नहीं. एक 8वीं पास को उच्च शिक्षा विभाग देकर आखिर शिक्षा के क्षेत्र में उससे किस क्रांति की उम्मीद कर सकते हैं? शिक्षा का महत्व वो शख्स अच्छे से समझता है, जो शिक्षित होता है और वही शख्स शिक्षा आगे बढ़ा भी सकता है. कुमारस्वामी के इस फैसले पर कांग्रेस की चुप्पी उसकी मजबूरी को साफ बयां करती है.
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