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Updated: 18 जनवरी, 2018 01:09 PM
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कांग्रेस अपने सॉफ्ट हिंदुत्व के एजेंडे को लेकर बेहत सतर्क है. वो ऐसा कोई भी मौका मिस नहीं होने देती जिसमें इसकी जरा भी गुंजाइश हो. गुजरात के बाद राहुल गांधी के सॉफ्ट हिंदुत्व का एजेंडा कर्नाटक में भी कायम रहेगा, ये साफ हो चुका है. राहुल गांधी का कर्नाटक दौरा अगले महीने है, लेकिन कांग्रेस इस बात का पूरा ख्याल रख रही है कि सॉफ्ट हिंदुत्व की छवि धूमिल न होने पाये.

कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर राहुल गांधी दो दिन के लिए अमेठी गये हुए थे - और इस दौरान भी राहुल या तो मंदिर में नजर आये या फिर पूजा पर बैठे.

सॉफ्ट हिंदुत्व के आगे जीत है...

अमेठी जाते वक्त राहुल गांधी अपनी मां सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली होते हुए आगे बढ़े. राहुल गांधी ने लखनऊ-रायबरेली मार्ग पर चुरवा हनुमान मंदिर में पूजा की. इस मंदिर में राहुल गांधी करीब 10 मिनट रुके.

अमेठी पहुंचने से पहले ही रास्ते में राहुल गांधी को बीजेपी कार्यकर्ताओं का विरोध झेलना पड़ा. बीजेपी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में इस दौरान झड़प भी हुई, लेकिन अमेठी पहुंचने के बाद सब ठीक रहा. मकर संक्रांति के मौके पर राहुल गांधी ने विधिवत पूजा की.

rahul gandhiकांग्रेस भी बीजेपी से कम नहीं...

अमेठी यात्रा के दौरान राहुल गांधी तो ज्यादातर वक्त योगी सरकार पर हमलावर रहे, लेकिन कांग्रेस के दूसरे नेताओं के निशाने पर बीजेपी और केंद्र की मोदी सरकार रही.

कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, "बीजेपी का विरोध करने वाला कोई भी सुरक्षित नहीं है. अमेठी में राहुल से मिलने वालों पर तो हमला हुआ ही, जज भी सुरक्षित नहीं हैं. उनके अपने अंतर्राष्ट्रीय स्तर के नेता को भी एनकाउंटर में मारे जाने का डर सता रहा है."

तोगड़िया के मामले में एक बात गौर करने वाली रही - अस्पताल में उनके भर्ती होने पर बीजेपी ने तो दूरी बनाये रखी, लेकिन कांग्रेस नेता अर्जुन मोढवाडिया और हार्दिक पटेल सहित कई नेता जरूर पहुंचे.

तो तोगड़िया बने मददगार!

प्रवीण तोगड़िया के एनकाउंटर की आशंका के बाद जिग्नेश मेवाणी को भी हत्या का डर सता रहा है. जिग्नेश का कहना है - 'मुझे भी तोगड़िया की तरह डर लगता है, बीजेपी-आरएसएस... मेरी हत्‍या करा सकते हैं.'

दिलचस्प बात ये है कि जेड-प्लस सिक्योरिटी के चलते ही तोगड़िया की बातें लोगों के गले नहीं उतरीं. मेवाणी की बातों को भी सरकारी सुरक्षा से जोड़ कर देखा जा रहा है. दलित कुछ संगठन गुजरात के वडगाम से विधानसभा पहुंचे मेवाणी के लिए वाई-कैटेगरी की सुरक्षा की मांग कर रहे हैं.

praveen togadiaबीजेपी दूर, कांंग्रेस पास...

कांग्रेस की ही लाइन पर तोगड़िया से मुलाकात के बाद हार्दिक पटेल ने केंद्र सरकार पर उनकी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया. हार्दिक ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि हिंदुत्व खतरे में है, लेकिन मुझे पक्का यकीन है कि हिंदू संगठन के प्रमुख की जान खतरे में है... लोग जानते हैं कि तोगड़िया के खिलाफ साजिश किसने रची."

praveen togadiaहिंदुत्व का हार्दिक कनेक्शन!

तोगड़िया को लेकर जिस तरह कांग्रेस नेताओं के साथ साथ हार्दिक पटेल और जिग्नेश मेवाणी के बयान आ रहे हैं, उससे बीजेपी की वो आशंका तो सही ही लगती है कि वीएचपी नेता की वजह से उसे गुजरात में खासा नुकसान हुआ. बीजेपी और संघ को लगता है कि ये तोगड़िया ही रहे जिनकी वजह से वीएचपी कार्यकर्ताओं ने बीजेपी के खिलाफ माहौल खड़ा किया. बीजेपी के खिलाफ वीएचपी के इस रवैये से सीधा फायदा कांग्रेस को मिला. फिर तो मान कर चलना चाहिये कि गुजरात में कांग्रेस को जहां हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवाणी फ्रंट पर थे, वहीं परदे के पीछे उसे तोगड़िया की नाराजगी का पूरा फायदा मिला.

असल में यूपी चुनावों में बीजेपी को मुस्लिमों के वोट मिलने की बातों को लेकर कांग्रेस के रणनीतिकारों ने गंभीरता से विचार किया. इस धारणा के साथ कि जब बीजेपी को मुस्लिम वोट मिल सकते हैं तो भला कांग्रेस को हिंदू वोट फिर से क्यों नहीं मिल सकते. गुजरात में इस एक्सपेरिमेंट के लिए पूरा मौका था और माहौल भी. कांग्रेस ने इसका पूरा फायदा उठाया.

फिर तो मान कर चलना चाहिये कि जिस तरह अमित शाह ने कांग्रेस छोड़ने के बाद शंकरसिंह वाघेला को अपने साथ मिला लिया उसी तरह अहमद पटेल ने तोगड़िया की नाराजगी का भी खुल कर इस्तेमाल कर लिया. बहरहाल, राजनीति भी तो इसे ही कहते हैं. जो दांव अब तक अमित शाह कांग्रेस के खिलाफ खेलते रहे, राहुल गांधी की टीम अब बीजेपी के खिलाफ इस्तेमाल कर रही है.

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